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UP Politic : अखिलेश से नाराज आजम खान पर मायावती मेहरबान, अटकलों का बाजार गरम, सियासी उलटफेर के संकेत
UP Politic : अखिलेश से नाराज आजम खान पर मायावती भी मेहरबान, मायावती के ट्वीट से सियासी अटकलों का बाजार गरम
UP Politic : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आये दो माह से ज्यादा समय हो गया है। सीएम योगी को बुलडोजर कहर ढ़ा रहा है। ठीक उसी गति से विपक्षी दलों की बेचैनी कम होने के बदले बढ़ गई है। चुनावी हार के असर से अभी तक सपा, बसपा, रालोद सहित अन्य नेता उबर नहीं पाये हैं। इस बीच अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) और आजम खान ( Azam Khan ) के बीच बढ़ती दूरियों को एक ट्विट कर बसपा सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) ने सियासी झटका देने की कोशिश की है।
मायावती ( BSP Supremo Mayawati ) के इस संकेत के बाद से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यूपी के सियासी गलियारों में चर्चाओं के बीच सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या सपा नेता आजम के लिए बीएसपी भी विकल्प हो सकती है।
बता दें कि पिछले दिनों जेल में आजम खान ( Azam Khan ) से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अलग-अलग मुलाकात की थी। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी आजम खान के घर जाकर उनकी पत्नी पूर्व सांसद तंजीन फातमा और बेटे सपा विधायक अब्दुल्ला आजम से मुलाकात की थी। बसपा कांग्रेस और रालोद के इस रुख से साफ है कि आजम खान चाहे जिधर जाएं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नुकसान होना तय है।
दूसरी तरफ यूपी की सियासत में मुस्लिम वोटों पर दावा जताने वाली पार्टियों में अचानक आजम खान की डिमांड बढ़ गई है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपने ट्वीट में आजम के बहाने बीजेपी पर मुस्लिमों को टारगेट करने का आरोप लगाकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की। इसके पहले मायावती, 2022 विधानसभा चुनाव में बीएसपी की करारी हार का ठीकरा सपा के सिर पर फोड़ चुकी हैं। मायावती ( Mayawati ) बार-बार समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच मिलीभगत के आरोप लगाती हैं। इसके साथ ही वह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि भाजपा को हराने के लिए सपा के पक्ष में मुस्लिम समाज के एकतरफा वोटिंग करने से ही नुकसान हुआ है।
UP Politic : यूपी चुनाव नतीजे आने के तत्काल बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा को हराने के लिए सपा के पक्ष में मुस्लिमों की एकतरफा वोटिंग से हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हुआ जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। अब आजम के बहाने मायावती ने एक बार फिर संदेश देने की कोशिश की है। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूपी और अन्य भाजपा शासित राज्यों में कांग्रेस की ही तरह जिस प्रकार से टारगेट करके गरीबों, दलितों, आदिवासियों और मुस्लिमों को जुल्म-ज्यादती और भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है वो अति-दुःखद है। जबकि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है।