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आगरा में ऊंची जाति के दबंगों ने चिता से उठवा दिया दलित महिला का शव, बोला नटों के लिए नहीं है यह श्मशान
जनज्वार। घर-परिवार व मंदिर जैसे स्थलों को तो छोड़िए अब श्मशान घाट भी दलितों के उत्पीड़न की जगह बन गए हैं। उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के किरावली तहसली के रायसभा गांव में चिता पर रखे गए एक दलित महिला को शव को गांव की ऊंची जाति के दबंगों ने यह कह कर उठवा दिया कि यह श्मशान घाट नटों के अंतिम संस्कार के लिए नहीं है।
20 जुलाई को रायसभा गांव की एक दलित महिला की मौत हो गई थी। उसके बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए गांव के बाहर के श्मशान पर शव को लेकर परिजन पहुंचे तो दबंग आ धमके और बोले यह जगह उनके लिए नहीं है। उस महिला का छह साल का बेटा मां को मुखाग्नि देने से पहले मां की चिता का चक्कर लगा रहा था, उसी वक्त दलितों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
श्मशान में भी जातिवाद।
— Kamal khan (@kamalkhan_NDTV) July 25, 2020
दलित महिला का शव ऊंची जाति वालों ने चिता से उठवा दिया।कहा उनके श्मशान में नट अंतिम संस्कार नहीं कर सकते।दूसरी जगह शव जलाना पड़ा।इसे अपनी किस्मत समझ रिपोर्ट भी नहीं की।आगरा में तहसील किरावली में रायसभा गांव।वीडियो में देखिये। pic.twitter.com/YjOgEtKrc1
दबंगों ने बच्चे के हाथ से आग छीन ली और वहां से चले जाने को कहा। इसके बाद दलित परिवार शव को लेकर दूसरी जगह पहुंचा जहां महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
रायसभा गांव के इस वीडियो को टीवी पत्रकार कमाल खान ने ट्वीट किया है, जिसे अबतक 2700 से अधिक लोगों ने रिट्वीट किया है। रायसभा गांव के बाहरी हिस्से में नट समुदाय के काफी लोग हैं। बताया जाता है कि श्मशान घाट की जमीन को लेकर भी विवाद था, जिसके कारण ऐसा किया गया।
इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार ने कहा है कि अछनेरा के सीओ को इस मामले की जांच सौंपी गई है। उनके अनुसार, गांव में करीब सात श्मशान घाट हैं, जहां अलग-अलग जाति के लोग प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा है कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट स्थानीय पुलिस से मांगी गई है। उसके आधार पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जनज्वार ने इस घटना के तुरंत बाद भी इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी। सोशल मीडिया पर यह मामला घटना के एक सप्ताह बाद सोमवार को ट्रेंड कर रहा है। लोग इस घटना का वीडियो शेयर कर निंदा कर रहे हैं।