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योगी सरकार ने पूर्व IPS एसआर दारापुरी को भेजा वसूली नोटिस, 7 दिनों के भीतर 64 लाख चुकाने को कहा
जनज्वार ब्यूरो/लखनऊ। आईपीएस एसआर दारापुरी (रिटाइर्ड) और रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब को आज गुरुवार 18 जून को योगी सरकार ने वसूली नोटिस भेजा है, जिसके तहत उन्हें 07 दिनों के भीतर 64 लाख रुपये चुकाने के लिए कहा गया है।
एसआर दारापुरी ने बताया कि वसूली मामले में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में वाद दाखिल किया गया है, जिसमें कल 17 जून को ही सरकारी वकील ने 10 दिन की मोहलत मांगी थी। इसी आधार पर अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख़ जुलाई के दूसरे सप्ताह की दी है।
उन्होंने कहा कि यह नोटिस राजनीतिक बदले की कार्रवाई की नियत से दिया गया है।नागरिक संशोधन क़ानून (सीएए) के मुखर विरोधी एसआर दारापुरी कहते हैु, योगी सरकार नागरिकों के मन में भय पैदा कर के स्वतंत्र आवाज़ों को दबाना चाहती है।
गौरतलब है कि एसआर दारापुरी शुरू से सीएए के विरोधी रहे हैं और इस क़ानून को संविधान विरोधी बताते रहे हैं। लखनऊ में 19 दिसंबर 2019 को हुए प्रदर्शन से पहले ही उनको इंदिरानगर स्थित उसके आवास पर नज़र बंद कर दिया गया था।
लेकिन प्रदर्शन उग्र होने के बाद दूसरे प्रदर्शनकारियों के साथ उनको भी गिरफ़्तार कर लिया गया, जिसके बाद एसआर दारापुरी को दंगा भड़काने के आरोप में जेल भेज दिया गया। वह क़रीब एक महीना जेल में रहने के बाद ज़मानत रिहा हुए। लखनऊ प्रशासन उनके फ़ोटो वाली होर्डिंग भी राजधानी के कई इलाक़ों में लगवा दी थी, जिस पर उन्होंने लिंचिंग का ख़तरा भी जताया था।
आज एसआर दारापुरी को तहसीलदार सदर द्वारा 64,37,637 रुपए का वसूली भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि पैसा जमा ना करने की सूरत में रिटायर्ड आईपीएस को स्वयं हाज़िर होकर कारण बताना होगा, अन्यथा उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 के अधीन उत्पीड़नात्मक करवाई की जायेगी।
नोटिस में यह भी कहा गया है वसूली की रक़म ना जमा करने पर उनकी समाप्ति की कुर्की भी की जा सकती है। बता दें कि सरकार प्रदर्शनकरियों से सीएए के विरोध के दौरान हुईं हिंसा में हुए सार्वजनिक सम्पत्ति के नुक़सान का मुआवज़ा मांग रहा है।
ख़बर लिखे जाने तक कई और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को वसूली नोटिस मिल चुके थे। रिहाई मंच के अध्यक्ष और प्रसिद्ध अधिवक्ता मोहम्मद शोएब ने भी नोटिस प्राप्त होने की बात कही है। बता दें मोहम्मद शोएब भी सीएए के विरोध में जेल गए थे और प्रशासन द्वारा लगाई गई होर्डिंग पर उनकी भी तस्वीर है।
आज दारापुरी को भेजे गए नोटिस की स्वराज अभियान ने निंदा की है। स्वराज अभियान के दिनकर कपूर ने कहा है कि सरकार अदालत में एसआर दारापुरी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सकी थी। अब प्रशासन ने स्वयं निर्णय लेते हुए उन्हें दोषी करार दे दिया और वसूली की नोटिस भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि एसआर दारापुरी जब वह जेल में थे तो उनके परिवार से मिलने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी उनके घर गई थी। हालाँकि पुलिस ने प्रियंका गाँधी को रास्ते में रोक लिया था और उनकी गाड़ी का चालान भी किया था। ऐसे में कांग्रेस महासचिव पैदल उनके घर गईं थी।