Almora News: दुराचार मामले में फंसे दिल्ली सरकार के अधिकारी को अभी रहना होगा जेल में, अल्मोड़ा कोर्ट से जमानत हुई खारिज, उपपा ने सरकार से की प्रॉपर्टी जब्त करने की मांग
Almora News: दुराचार मामले में फंसे दिल्ली सरकार के अधिकारी को अभी रहना होगा जेल में, अल्मोड़ा कोर्ट से जमानत हुई खारिज, उपपा ने सरकार से की प्रॉपर्टी जब्त करने की मांग
Almora News। नाबालिग युवती से दुराचार का प्रयास करने के मामले में फंसे दिल्ली के अधिकारी एवी प्रेमनाथ की जमानत अर्जी आज गुरुवार को विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत से खारिज कर दी गई। इसी के साथ आरोपी की फिलहाल जमानत पर रिहाई की उम्मीद खत्म हो गई है।
बता दे कि 64 दिल्ली गर्वमेन्ट आफिसर्स फ्लैट, ग्रेटर कैलाश पार्ट, नई दिल्ली निवासी एवी प्रेमनाथ पुत्र स्व. एवी रायलू एक नाबालिग लड़की से दुराचार के मामले में दर्ज धारा 254, 7/8 पोक्सो एक्ट व 66डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमें में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं। मजखाली में अपने एनजीओ की आड़ में सरकारी भूमि पर कब्जे सहित कई और इल्जामों से घिरा प्रेमनाथ बीते लंबे समय से चर्चाओं में था। लेकिन प्रभावशाली होने की वजह से उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। दिल्ली स्थित एक नाबालिग युवती से अल्मोड़ा के मजखाली से हुई इस दुराचार की घटना के तूल पकड़ने के बाद स्थानीय राजस्व विभाग में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसे अंकिता हत्याकांड से सबक लेते हुए तत्काल रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर करने के बाद अल्मोड़ा पुलिस ने प्रेमनाथ को दिल्ली भागने की कोशिश करते हुए हल्द्वानी से गिरफ्तार किया था। गुरुवार को इसी मामले में प्रेमनाथ की जमानत याचिका पर सुनवाई थी जो आरोपी प्रेमनाथ ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए न्यायालय में अर्जी लगाई थी।
इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को अवगत कराया कि वादिनी द्वारा आरोपी के खिलाफ अल्मोड़ा जिले के राजस्व क्षेत्र गोविन्दपुर में 03 अक्टूबर 2022 को तहरीर दी है। जिसमें यौन उत्पीड़न व दुष्कर्म के प्रयास के गंभीर आरोप आरोपी पर लगे हैं। उन्होंने बताया कि यदि पीड़िता भागकर नहीं जाती, तो यह आरोपी उसके साथ जघन्य अपराध कर सकता था। अधिवक्ता श्री कैड़ा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह पुनः ऐसा अपराध कर सकता है और मामले से संबंधित गवाहों व पीड़ित पक्ष को डरा धमकाकर विवेचना को प्रभावित कर सकता है। जबकि आरोपी प्रेमनाथ के अधिवक्ता ने आरोपी के दोनों हाथों से विकलांग व सरकारी अधिकारी होने का हवाला देते हुए अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने की मांग की थी। विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने दोनों पक्षो को सुनने और केस डायरी की गंभीरता को देखते हुए आरोपी प्रेमनाथ की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
सरकार के पक्ष में जब्त हो प्लीजेंट वैली: उपपा
इस मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने सत्र न्यायालय द्वारा प्लीजेंट वैली फाउंडेशन डांडा कांडा में नाबालिग बच्ची से दुराचार के आरोपी एवी प्रेमनाथ की जमानत सत्र न्यायालय से खारिज होने पर संतोष व्यक्त किया है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि प्लीजेंट वैली के कर्ता-धर्ताओं की आपराधिक गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल सरकार को तत्काल गठित करना चाहिए। तिवारी ने कहा कि स्कूलों व विकास के नाम पर सरकारी संरक्षण में जमीनों पर कब्जा स्थानीय ग्रामीणों भू माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ प्रभावशाली माफिया जिसमें एवी प्रेमनाथ जैसे लोग मुख्य हैं ने सरकारी मशीनरी और अपने पद का गंभीर दुरुपयोग किया है। तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में राजनेताओं और नौकरशाहों की शरणों में पनप रहे इन माफियाओं के खिलाफ उपपा लगातार संघर्ष करेगी व एक बार फिर माफिया विरोधी जन अभियान शुरू कर जनता को संघर्ष पर उतारेगी। उपपा अध्यक्ष ने उत्तराखंड सरकार से प्लीजेंट वैली फाउंडेशन को तत्काल जब्त करने की मांग भी की है।