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Dehradun News: तीन सरकारें मिलकर भी नहीं बना सकीं 50 मीटर पुल, लकड़ी के पुल से नदी पार करने के प्रयास में मां-बेटा समाये पिंडर नदी में, महिला का शव बरामद पुत्र लापता

Janjwar Desk
3 Dec 2022 9:48 AM GMT
Dehradun News: तीन सरकारें मिलकर भी नहीं बना सकीं 50 मीटर पुल, लकड़ी के पुल से नदी पार करने के प्रयास में मां-बेटा समाये पिंडर नदी में, महिला का शव बरामद पुत्र लापता
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Dehradun News: कुमाऊं-गढ़वाल की सीमा पर चमोली के देवाल ब्लॉक की महिला और उसका बेटा शुक्रवार की शाम लकड़ी का अस्थायी पुल पार करते समय पैर फिसलने से पिंडर नदी में बह गए। कुछ देर बाद महिला का शव नदी किनारे मिल गया जबकि बेटे का पता नहीं चल पाया। घटनास्थल दुर्गम क्षेत्र में होने के कारण से एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम शनिवार सुबह मौके पर पहुंची। जिसके बाद लापता किशोर की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर बाद देवाल विकासखंड के रामपुर गांव की हेमा देवी (38) पत्नी प्रतापराम अपने बेटे प्रवीण कुमार (15) के साथ अपने बागेश्वर जिले स्थित मायके किलपारा से वापस लौट रही थी। इसी दौरान वह चमोली जिले के थराली से 50 किमी दूर देवाल के हरमल गांव के पास ग्रामीणों द्वारा पिंडर नदी को पार करने के लिए डाले गए भेता (लकड़ी के मोटे डंडे रखकर बनाया गया पुल) को जब अपने बेटे के साथ पार कर रही थी पुलिया से गुजरते समय उसका पांव फिसल गया। अपनी मां को नदी में गिरते देख उसे बचाने के प्रयास में बेटा भी नदी में कूदा तो वह भी नदी के बहाव में बह गया।

ग्रामीणों के मुताबिक जब उन्हें घटना का पता चला तो आसपास के मौजूद लोग उन्हें बचाने दौड़े। घटनास्थल से कुछ दूर रामपुर गांव के पास हेमा देवी नदी किनारे पत्थरों के बीच फंस गई। ग्रामीणों ने हेमा देवी को पत्थरों के बीच से निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। लेकिन उसके बेटे प्रवीण का देर शाम तक पता नहीं चल पाया।

तीन किमी पहले ही हुआ हादसा

किलपारा से रामपुर की पैदल दूरी आठ किलोमीटर पैदल है। महिला और उसका बेटा करीब पांच किलोमीटर चल चुके थे। उनको रामपुर पहुंचने में मात्र तीन किलोमीटर और दूरी तय करनी थी लेकिन इसी दौरान हरमल के पास पुलिया से दोनों का पांव फिसल गया और वे नदी में बह गए।

दुर्गम क्षेत्र में नहीं पहुंच सका बचाव दल

नलधूरा के राजस्व उपनिरीक्षक प्रमोद नेगी ने बताया कि घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा मिली है। महिला का शव हरमल के ग्रामीणों ने निकाल लिया है, जबकि किशोर का पता नहीं चल पा रहा है। ग्रामीणों से मिली सूचना तहसील व जिला प्रशासन को भेज दी गई हैं। रात अधिक होने और सुयालकोट में सड़क ठीक नहीं होने व सड़क से करीब आठ किमी से अधिक दूरी पर घटनास्थल होने के कारण सुबह टीमें घटनास्थल के लिए रवाना होगी। राजस्व उपनिरीक्षक प्रमोद नेगी ने बताया कि एसडीआरएफ को सूचित कर दिया गया है। शनिवार सुबह अभियान शुरू हो पाएगा।

मायके की पूजा से बेटे के साथ लौट रही थी हेमा

महिला का मायका बागेश्वर जिले के किलपारा गांव में हैं। वह पिछले दिनों अपने साथ अपने लड़के को लेकर पूजा के लिए मायके गई थी वापसी में यह दर्दनाक हादसा हो गया।

नौ साल में मिली तीन सरकार लेकिन पुल नहीं हुआ नसीब

बता दे कि हरमल नाम की जिस जगह यह घटना हुई उस पिंडर नदी पर बना झूला पुल 2013 की आपदा में झूला पुल पिंडर नदी में बाढ़ की भेंट चढ़ गया था। तबसे आज तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नही हो सका हैं। ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि वर्ष 2013 की आपदा में हरमल-रामपुर झूला पुल बह गया था। तब से तीन सरकारें बदल गई, लेकिन यहां पुल का दुबारा निर्माण नहीं कराया गया। ऐसे में ग्रामीण हरमल से रामपुर और कुमाऊं के किलपारा गांव आने-जाने के लिए पिंडर नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाकर आवाजाही कर रहे हैं।

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