Dehradun News : उत्तराखण्ड के इकलौते भाजपा विधायक, जिसे कार्यकर्ता भी नहीं चाहते दुबारा विधायक बनाना
देहरादून। सत्तर सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले विधानसभा चुनाव में 'अबकी बार-साथ पार' जैसे नारे के साथ चुनावी समर में जाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार यूँ तो चुनाव पूर्व सर्वे में ही अपने घोषित लक्ष्य से पिछड़ती नजर आ रही है। लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्रों में तो भाजपा विधायकों के कारनामे इतने गम्भीर हैं कि खुद पार्टी कार्यकर्ता ही अपने विधायकों के विरोध में उतर आये हैं। ऐसे ही एक विधायक अल्मोड़ा जनपद की सल्ट विधानसभा से निर्वाचित महेश जीना हैं, जिनके खिलाफ उनकी ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने बगावत का बिगुल बजा दिया है।
सल्ट विधानसभा से तीन बार के निर्वाचित भाजपा विधायक स्व. सुरेंद्र सिंह जीना व उनकी धर्मपत्नी का कोरोना काल में निधन होने के बाद सल्ट में हुए उपचुनाव में सहानुभूति लहर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे महेश जीना का राजनैतिक सफर अभी एक साल भी पूरा नहीं कर पाया है। महज कुछ महीनों के विधायक महेश जीना अपने दिवंगत भाई की तरह अपनी ही पार्टी कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके। इसके साथ ही वह अपने व्यवहार को लेकर भी अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। जनज्वार पर इस बारे में पहले ही बहुत कुछ पब्लिश हो चुका है।
ताजा घटनाक्रम में उनकी ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी आलाकमान को पत्र भेजकर महेश जीना को दुबारा टिकट न दिए जाने की मांग करते हुए उनपर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ता मौजूदा विधायक से इस कदर नाराज हैं कि वह दोबारा उन्हें विधायक के पद पर देखना नहीं चाहते।
मौलेखाल सल्ट में विधायक महेश जीना के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता लछम सिंह बोरा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में प्रस्ताव पास किए गए हैं कि पार्टी नेतृत्व विधायक महेश जीना पर अनुशासनहीनता की कार्यवाही की करे।
पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विधायक और उनके समर्थक वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करते हैं और उनको धमकाते हैं। बैठक में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में प्रस्ताव पारित कर हाईकमान से मांग की है कि विधायक महेश जीना का आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया जाए। उन्होंने मांग की है कि आगामी विधानसभा का चुनाव टिकट किसी अन्य कार्यकर्ता को दिया जाए। कार्यकर्ताओं का इल्जाम यह भी है कि विधायक व उनके समर्थक पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बैठक में बीडीसी सदस्य विक्रम सिंह रावत, खुमाड़ ग्राम प्रधान लीला देवी, महेश चंद्र शर्मा, आनंद सिंह मनराल, जीवन सिंह, कुबेर सिंह, प्रेम राम, हरीश चंद्र सहित कई लोग शामिल रहे। विधायक के खिलाफ जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें करीब एक सैंकड़ा कार्यकर्ताओ के नाम दर्ज हैं।
वैसे जिस विधायक महेश जीना की खिलाफत भाजपा कार्यकर्ता कर रहे हैं। उनके बारे में एक उड़ती खबर उनके पार्टी से ही पाला बदलने की भी चल रही है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल जिन छः भाजपा विधायकों को कांग्रेस के संपर्क में बताते हुए उनके जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस के एक उच्चपदस्थ सूत्र के अनुसार उस सूची में सल्ट विधायक महेश जीना का नाम भी शामिल है।
लेकिन भाजपा के ही एक अन्य बीडीसी सदस्य हँसा नेगी के अनुसार जीना के पार्टी छोड़ने की खबर गलत है। उनके टिकट को लेकर भी कोई संशय नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद अल्मोड़ा दौरे के दौरान उनकी हौसला अफजाई कर चुके हैं।
बहरहाल, दोनो तरफ दावे अलग-अलग हैं। लेकिन उठता धुआं बता रहा है कि कहीं तो कुछ सुलग रहा है। इसे हवा मिलेगी या पानी फेर दिया जाएगा, यह देखने वाली बात है।