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उत्तराखंड : युवक की सिर में पुलिस ने घोंप दी बाइक की चाबी, कभी रक्षक बने ग्रामीणों ने ही थाने पर बरसाये पत्थर, की पिटाई

Janjwar Desk
28 July 2020 6:45 AM GMT
उत्तराखंड : युवक की सिर में पुलिस ने घोंप दी बाइक की चाबी, कभी रक्षक बने ग्रामीणों ने ही थाने पर बरसाये पत्थर, की पिटाई
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घटना के बाद गुस्साए लोगों ने थाने का घेराव किया, जमकर पथराव किया, आरोपी पुलिस जवान की पकड़कर पिटाई की। बाद में एसपी के हस्तक्षेप से मामला नियंत्रित हुआ...

जनज्वार। उत्तराखंड के रुद्रपुर में पुलिसिया बर्बरता का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक युवक से कागज मांगे, कागज न दिखाने पर पुलिस ने युवक की बाइक की चाबी उसके सिर में घोंप दी। इस घटना की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने थाने पर पथराव किया और किसी तरह हालात को नियंत्रित किया गया। मामले में दारोगा व दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

यह मामला रूद्रपुर के रम्पुरा इलाके का है। रम्पुरा का दीपक नाम का एक युवक सोमवार रात करीब आठ बजे अपने पड़ोसी प्रेम प्रकाश के साथ बाइक से पेट्रोल पंप की ओर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में इंदिरा चौक के पास तैनात चीता पुलिस यूनिट के दो सिपाहियों ने हेल्मेट न लगाने पर बाइक रोकवायी और युवक से कागज मांगे।

इसी दौरान हेलमेट के लिए टोकने पर युवकों की पुलिस से कहासुनी हो गई, जिसके बाद गुस्साए सिपाहियों ने उनकी बाइक की चाबी निकाल ली और सिपाहियों ने गुस्सा में आकर दीपक के माथे में चाबी कस कर मार दी जो धंस गई। इसके बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। दीपक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दर्जनों लोग थाने को घेर कर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे और सिपाही को सौंपने की मांग की। आरोपी सिपाही विजय कार्की ने जब थाने से बचकर भागने की की कोशिश की तो लोगों ने उसे दबोच लिया और उसकी जमकर पिटाई की व वर्दी फाड़ दिया। भीड़ के द्वारा किए गए पथराव में चार पुलिस वाले घायल भी हुए हैं।

इस मामले में एसपी क्राइम प्रमोद कुमार ने गुस्साई भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लोगों को हटाने के लिए पुलिस बल का भी प्रयोग करना पड़ा।

इस पूरे मामले में एक दिलचस्प वाकया यह है कि रम्पुरा के लोगों ने एक बार पुलिस थाने की रक्षा की थी और वहां के कर्मियों की जान बचायी थी। अक्तूबर 2011 को जब रुद्रपुर में दंगा हुआ था और कुछ लोगों ने थाने का घेराव किया और हमले किए तो रम्पुरा वालों ने कोतवाली की रक्षा की। लोगों ने थाने को फूंकने से बचाया था। उस समय एसडीएम व कई पुलिस वाले घायल हुए थे। चार-पांच लोगों को छर्रे भी लगे थे।

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