बड़ी खबर: उत्तराखंड भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष सचिव सहित तीन बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी
बड़ी खबर: उत्तराखंड भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष सचिव सहित तीन बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी
UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित एक भर्ती परीक्षा घपले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सचिव सहित तीन बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी शनिवार को की गई है। जिन अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई है उनमें आयोग के पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया शामिल हैं।
जिस परीक्षा में घपले के मामले में यह गिरफ्तारियां हुई हैं वह ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा प्रदेश के 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में 6 मार्च 2016 को करवाई गई थी। जिसमें कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था। और 30 मार्च 2016 को इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। रिजल्ट घोषित होते ही यह परीक्षा धांधली के आरोपों से घिर गई थी तो शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साल 2017 में जांच समिति गठित की गई थी।
जांच समिति की आख्या के आधार पर उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर इस परीक्षा के परिणाम को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई तो साल भर बाद विजिलेंस ने साल 2020 में देहरादून में मुकदमा दर्ज किया था। दो साल लगातार जांच के बाद भी कोई बड़ी कार्यवाही न होने पर इस जांच पर ही सवाल उठने लगे थे। आयोग द्वारा कराए गई कई और भर्ती परीक्षाओं में हुए हालिया खुलासे के बाद विजिलेंस की जांच भी निशाने पर थी। लिहाजा युवाओं का आक्रोश देखते हुए जांच इसी साल अगस्त में विजिलेंस से एसटीएफ को ट्रांसफर की गई।
एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को फॉरेंसिक लैब में भेजा जहां ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी। जांच में यह भी पाया गया कि इस परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग/फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का काम तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
जिसके बाद एसटीएफ ने शनिवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय श्री दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1 ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून, तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन विहार शिमला बायपास देहरादून (वर्तमान में सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून में तैनात) तथा तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय श्री प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तीनों अधिकारियों को शनिवार को ही कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन लोगों को जेल भेज दिया गया।
इस मामले में जांच के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं जिनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए है। कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जबकि इससे पहले तीन लोगों मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार, राजेश पाल को भी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।