शराब तस्करी और अपहरण के क्रिमिनल रिकॉर्ड वाला वैभव चतुर्वेदी BJP में शामिल, स्वतंत्र देव सिंह ने बताया समाजसेवी
जनज्वार, लखनऊ। यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पॉलिटिकल पार्टियों में शह-मात का क्रम जारी है। इस बीच सोमवार को लखनऊ में भाजपा ज्वाइन करने वाले संतकबीरनगर के वैभव चतुर्वेदी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले बसपा नेता जितेंद्र सिंह बबलू के भाजपा ज्वाइन करने पर सवाल उठे थे। बबलू की सदस्यता को लेकर बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी विरोध किया था। जिसके बाद बबलू को पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
दरअसल, वैभव चतुर्वेदी के भाजपा का दामन थामते ही प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाला 'समाजसेवी' बताया है। बावजूद इसके वैभव चतुर्वेदी का क्रिमिनल रिकॉर्ड सामने आते ही उन्हें आरोपों के कटघरे में खड़ा किया जाने लगा है। वैभव पर पर जालसाजी, किडनैपिंग सहित अवैध शराब तस्करी के कई आरोप हैं। साथ ही वह शराब तस्करी के मामले में जेल भी काट चुका है।
वैभव का क्रिमिनल रिकॉर्ड
10 जनवरी 2020 को संतकबीरनगर की कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने अवैध शराब के मामले में शैक्षणिक संस्थान प्रभा ग्रुप के निदेशक वैभव चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया था। वैभव चतुर्वेदी 10 जनवरी को जेल भेजा गया था। 17 जनवरी को जिला कारागार बस्ती से रिहा हुआ। दरअसल, इंडस्ट्रियल एरिया में 50 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की हरियाणा निर्मित शराब बरामद की गई थी। इस मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिनमें से एक वैभव भी था।
संतकबीरनगर में ही वैभव के खिलाफ कूटरचित अभिलेख तैयार करके प्रभा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बिधियानी खलीलाबाद का रजिस्ट्रेशन किए जाने के आरोप हैं। इस मामले में पुलिस ने प्रबंधक वैभव चतुर्वेदी के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया था। पुलिस ने यह कार्रवाई सीएमओ की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर की थी।
12 अप्रैल 2020 को प्रभा ग्रुप के निदेशक वैभव चतुर्वेदी पर अपहरण व बलवा का दर्ज हुआ था। संतकबीर नगर की पुलिस ने वैभव चतुर्वेदी समेत सहयोगी विकास सिंह, गोलू सिंह व दो अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा, पीड़ित विनोद यादव की तहरीर पर दर्ज किया गया था। हालांकी, खबर है कि इस मामले में पुलिस ने अपनी फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
सदर विधायक खलीलाबाद का विरोधी है वैभव
अपराध से निकलकर भाजपा का दामन थामने वाले वैभव चतुर्वेदी को खलीलाबाद सदर से विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे का धुर विरोधी माना जाता है। वैभव के समर्थक कहते है कि इन पर ये सारे मामले विधायक के इशारे पर दर्ज हुए हैं।
राजनीतिक द्वेष की FIR का रटा-रटाया फार्मूला
इन आरोपों पर वैभव चतुर्वेदी कहना है कि सभी मामले राजनीतिक है। राजनीतिक द्वेष की वजह से दर्ज कराए गए हैं। मैं अभी युवा हूं और क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हूं। मेरी इसी लोकप्रियता से कुछ लोग डरे हुए हैं। वैभव ने आरोप लगाया कि सदर विधायक जय चौबे के इशारे पर यह तमाम FIR दर्ज की गई है। वह नहीं चाहते कि वैभव संतकबीर नगर में उनका विकल्प बन जाए।