Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

क्या है Z+ Security जो हमले के बाद ओवैसी को मिली है, जानिए सुरक्षा के किन स्तरों में मिलते हैं कितने जवान?

Janjwar Desk
4 Feb 2022 9:11 AM GMT
z security
x

(क्या है जेड श्रेणी सुरक्षा)

Z+ Security: देश में विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की जिंदगी और उनकी सुरक्षा के खतरे के स्तर को देखते हुए उन्हें अलग-अलग प्रकार की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है...

Z+ Security: कल गुरूवार 03 फरवरी को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर हमला हुआ। इस हमले के बाद, एक बार फिर सुरक्षा श्रेणी का मामला चर्चा में आ गया है। इस हमले के बाद केंद्र की तरफ से सांसद ओवैसी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा (Z Plus Category Security) मुहैया कराई गई है।

देश में विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की जिंदगी और उनकी सुरक्षा के खतरे के स्तर को देखते हुए उन्हें अलग-अलग प्रकार की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इन सुरक्षा की कैटोगरी में कौन-कौन सी श्रेणियां आती हैं, नीचे पढ़ा जा सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के परामर्श पर हर वर्ष कई महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है और खतरे के स्तर को देखते हुए सुरक्षा श्रेणी स्तर में बदलाव करता है। खतरे के स्तर को देखते हुए वीवीआईपी और वीआईपी लोगों को विभिन्न स्तर की सुरक्षा दी जाती है। किन नेताओं, अधिकारियों, उद्योगपतियों और सामाजिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों को किस प्रकार की सुरक्षा दी जानी चाहिए, यह तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें एसपीजी सुरक्षा, जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स श्रेणी आदि शामिल है। जेड श्रेणी में एनएसजी कमांडो सहित 22 जवानों का घेरा सांसद असदुद्दीन औवेसी को दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।

किस श्रेणी में क्या है खास

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी की सुरक्षा देश में सबसे उच्च श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था है। यह सुरक्षा घेरा सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए होता है। हालांकि, प्रधानमंत्री को पद से हटने के बाद छह महीने तक यह सुरक्षा प्रदान की जाती है। एसपीजी सुरक्षा दस्ते में देश के सबसे जांबाज कमांडो शामिल होते हैं। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप को दो जून, 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा गठित किया गया था। इसमें शामिल जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स जैसे- बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ के बेस्ट कमांडो में से किया जाता है।

जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा

जेड प्लस सुरक्षा, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद देश की दूसरी सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। यह सुरक्षा उच्च जोखिम वाले वीवीआईपी लोगों को दी जाती है। इस श्रेणी के सुरक्षा दस्ते में 36 जवान शामिल होते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के कमांडो और राज्य पुलिस के जवान शामिल होते हैं। प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट और बिना हथियार के युद्ध में माहिर होता है। एनएसजी कमांडो के पास मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण होते हैं। साथ ही काफिले में जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है।

वाई श्रेणी की सुरक्षा

देश में यह सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। यह वीआईपी श्रेणी के लोगों को दी जाती है। इस श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 जवान शामिल होते हैं। इनमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) और एक या दो कमांडो तैनात होते हैं। देश में सबसे उच्च जोखिम वाले वीआईपी लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

एक्स श्रेणी की सुरक्षा

वहीं, एक्स श्रेणी की अगर बात करें तो इसमें दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में कई को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। इस सुरक्षा में कोई कमांडो शामिल नहीं होता। प्राथमिक स्तर पर खतरे को देखते हुए एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है।

Next Story

विविध