खबर छापकर किससे डर गया 'दैनिक भास्कर' जो डिलीट करनी पड़ी 'जासूसी कांड' की ये बड़ी रिपोर्ट
जासूसी कांड का पूरा ताना-बाना इन दो चेहरों के इर्द-गिर्द घूम रहा है.
जनज्वार ब्यूरो। सोमवार 19 जुलाई को निर्भीक पत्रकारिता कर रहे दैनिक भास्कर डिजिटल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट का शीर्षक था 'पहले गुजरात, अब केंद्र: टेपिंग विवाद मोदी-शाह के लिए नया नहीं, 15 साल पहले भी गुजरात के नेताओं और अधिकारियों के फोन टेप के लगे थे आरोप' लेकिन भास्कर ने अब इस खबर को डिलीट कर दिया है।
गौरतलब है कि इस समय देश दुनिया में पेगासस जासूसी कांड का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके तहत सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होने भारत में लगभग 300 से अधिक लोगों के फोन टेप करवाये, जिनमें विपक्ष के नेताओं सहित पत्रकार, मंत्री यहां तक की जज भी शामिल हैं। विदेशी अखबारों द्वारा इस कांड के खुलासे के बाद हड़कंप मचा हुआ है और सरकार ठीक से सफाई भी नहीं दे पा रही है।
इसी सिलसिले में दैनिक भास्कर डिजिटल ने कल सोमवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था की भाजपा नेताओं का जासूसी से पुराना नाता रहा है। 15 साल पहले जब मोदी गुजरात की सत्ता में थे और गृहमंत्री अमित शाह नंबर दो की पोजीशन पर तब भी फोन टैपिंग का कारनामा सामने आया था, जैसा अब आया है।
यह थी मूल खबर जो हटाई गई
दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों की कंसोर्टियम ने दावा किया है कि दुनियाभर में सरकारें पत्रकारों और एक्टिविस्टों की जासूसी करा रही है। रविवार को पब्लिश हुई रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत कई देशों में सरकारों ने करीब 180 पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्ट्स की जासूसी की।
इसके लिए इजराइली कंपनी NSO ग्रुप के हैकिंग साॅफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया। इस रिपोर्ट में भारत में कम से कम 38 लोगों की जासूसी का दावा किया गया है। इसी के चलते केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री और अमित शाह राज्य के गृहमंत्री थे, तब भी इन पर कई बार गुजरात में नेताओं और अधिकारियों की फोन टेपिंग के आरोप लगे थे।
वर्तमान में गुजरात भाजपा के महासचिव और उस समय (2005) के मोदी विरोधी गोरधन झडफिया के अलावा, कांग्रेसी नेता अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल और शंकरसिंह वाघेला ने भी फोन टेपिंग मामले में मोदी और अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 2016 में महिला आयोग से गुजराती महिला की जासूसी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ जांच की मांग की थी।
गोरधन झडफिया ने 2005 में आरोप लगाया था कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनका फोन टेप करवाया था। यह बात तब की है जब, 2005 में नरेंद्र मोदी कैबिनेट के विस्तार के लिए कैबिनेट की बैठक हो रही थी। इसी दौरान गोरधन झडफिया ने मंत्रालय का पद स्वीकार करने से इनकार करते हुए कह दिया था कि नरेंद्र मोदी मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं और मेरे फोन टेप करवा रहे हैं।
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि मोदी और अमित शाह ने हरेन पंड्या सहित कई नेताओं के फोन टेप करवाए थे। हालांकि, तत्कालीन भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय रूपाणी (अब गुजरात के मुख्यमंत्री) ने गोहिल को इसका सबूत देने की चुनौती दी थी। रूपाणी का यह भी कहना था कि केंद्र सरकार के पास फोन टेप करने का अधिकार है और अगर गुजरात सरकार फोन टेप करवा रही है तो केंद्र की कांग्रेस सरकार इसका खुलासा क्यों नहीं करती?
कोबरा पोस्ट में 2013 में एक युवती का फोन टेप करने का आरोप लगा, इसके अलावा 2013 में ही नरेंद्र मोदी के शासन के दौरान न्यूज पोर्टल कोबरा पोस्ट और गुलेल ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह और अहमदाबाद में एटीएस के एसपी जीएल सिंघल के बीच हुई बातचीत का ऑडियो पेश किया था। इसमें आरोप लगा था कि अमित शाह ने सिंघल को एक आर्किटेक्चर लड़की की एक-एक मिनट की जानकारी देने का आदेश दिया था। इसे लेकर देश भर में बवाल मचा था और कांग्रेस द्वारा इसके खिलाफ जांच की मांग भी की गई थी।
इतना ही नहीं, 2016 में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को एक पत्र लिखकर गुजरात महिला जासूसी मामले की जांच की मांग की थी। राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा था, 'मैं इससे जुड़े दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी संलग्न कर रहा हूं कि कैसे मोदी और शाह ने एक युवती की जासूसी की। इसलिए मैं आपसे एक जांच शुरू करने और उनके खिलाफ हर संभव कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।'
इस मामले में पूर्व आईपीएस विजय शंकर सिंह कहते हैं 'जासूसी तो इनका पुराना शगल रहा है? गुजरात मे भी जासूसी की एक खबर पहले, बहुत चर्चित हो चुकी है। अब जब बात निकलनी शुरू हुयी है तो, दूर तलक जा रही है। दैनिक भास्कर ने कल मोदी-शाह के पुराने फोन टेपिंग मामले पर एक खबर की थी, उसी की फ़ोटो है। अब यह खबर दैनिक भास्कर वेबसाइट से गायब है। ऐसा लगता है कि हम किसी सभ्य और लोकतांत्रिक सरकार से शासित नही बल्कि किसी संगठित गिरोह द्वारा हांके जा रहे हैं।'