रैली आयोजन को लेकर अमित शाह पर दर्ज़ क्यों नही की FIR, हाईकोर्ट ने कमिश्नर से मांगा जवाब
रैली के आयोजन पर अमित शाह पर एफआईआर दर्ज क्यों नही की, कर्नाटक हाई कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जनज्वार ब्यूरो। कोरोना काल में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रैली आयोजित करने के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेलगावी के पुलिस कमिश्नर की जमकर फटकार लगाई है। मंगलवार 25 मई को कोर्ट ने पूछा कि भाजपा की चुनावी रैली में शामिल होने वाले लोगों और अमित शाह के खिलाफ एफआइआर दर्ज क्यों नही की गई?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 17 जनवरी को बेलगावी के जिला स्टेडियम में गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में रैली का आयोजन किया गया था। जिस रैली में हजारों लोग शामिल हुए थे।
इस दौरान रैली में न तो मास्क पहना गया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ। इस मामले में सुनवाई करते हुऐ कोर्ट ने 12 मार्च को कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का निर्देश दिया था।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर द्वारा हलफनामा दाखिल किया गया था। जिस पर सुनवाई करते हुऐ मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंद राज की बेंच ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर की फटकार भी लगाई है। जज ने कहा - शायद कमिश्नर को कर्नाटक महामारी एक्ट 2020 के बारे में जानकारी नहीं है। कमिश्नर के हलफनामे से पता चलता है कि उल्लंघनकर्ताओं के ख़िलाफ़ एक भी प्राथमिकी दर्ज़ नही की गयी है।
कोर्ट ने कमिश्नर से कहा तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि 17 जनवरी को बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। कमिश्नर के जवाब में पता चलता है कि एक भी एफआईआर फाइल नहीं की गई है। पूरे हलफनामे को पढ़ने के बाद पता चलता है कि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। लगता है कमिश्नर 20 हज़ार का जुर्माना लगाकर ही खुश हैं। कमिश्नर स्पष्ट करें कि गंभीर परिस्थिति में नियमों का उल्लंघन होने के बावजूद केस क्यों नहीं दर्ज किया गया। जवाब दाखिल करने के लिये कोर्ट ने कमिश्नर को 3 जून तक का समय दिया है ।
बता दें कि लेट्ज़किट फाउंडेशन ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके अंतर्गत राज्य में कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन करवाने की मांग की गई थी। इस मामले में 15 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगर इस तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो न केवल आयोजक बल्कि शामिल होने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की जाये।
कोर्ट ने मुख्यमंत्री के बेटे बी वाई येदयुरप्पा के द्वारा कोलार के मंदिर में बर्थडे मनाने के मामले में भी राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जून को होनी है।