राकेश टिकैत ने क्यों कहा MSP पर मोदी सरकार बात नहीं करना चाहती है? चिट्ठी लिखी थी, अभी तक नहीं मिला जवाब
राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान
Farm Laws Repealed : जिस तरह से किसान एमएसपी कानून की जिद पर अड़े हैं उससे साफ है कि किसान आंदोलन अभी समाप्त होने की संभावना नहीं है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को हैदराबाद में किसानों को संबोधित करते हुए एक बार फिर मोदी सरकार का इस मुद्दे पर घेरते दिखाई दिए हैं। कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) की गारंटी का कानून बनाना होगा। किसानों की मांगों के पूरा होने तक आंदोलन खत्न नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार MSP पर बात नहीं करना चाहती है। हमने चार दिन पहले इसे लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी थी। अभी तक इसका कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि MSP पर कानून बनने से पूरे देश के किसानों को फायदा होगा।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने हमारी तीनों कृषि कानूनों वापसी की मांग को मान लिया है लेकिन हमारी जो अन्य मांगे हैं उनके लिए हम सरकार को चिट्ठी लिख चुके हैं। बुधवार को कैबिनेट में इन तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मंजूरी भी हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि हम भी यह चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगें जल्द से जल्द माने, ताकि हम अपने घरों का रुख कर सकें।
सरकार हमें एमएसपी की गारंटी दे
वहीं किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि तीनों कानून तो वापस हो चुके हैं और सरकार MSP की गारंटी के कानून पर हमें आश्वासन दे। कमेटी बनाकर इसको लागू करें और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस ले।
दिल्ली बॉर्डर पर भारी संख्या में जमा हुए किसान
इस बीच दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 1 साल पूरा होने पर फिर से भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई है। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से यहां पहुंचने की अपील की है। जिसके चलते अब दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है।
ओवैसी की पार्टी बीजेपी की बी टीम
किसान नेता राकेश टिकैत ने ओवैसी की पार्टी BJP की बी टीम है। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि वो देश में BJP की सबसे बड़ी मदद करता है, उसको यहीं बांधकर रखो, कहीं जाने मत दो।
बता दें कि कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमिटी के सदस्य अनिल घनवट ने कहा है कि MSP का कानून अगर आता है तो इससे नुकसान होगा। वहीं कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद उन्होंने कहा था कि यह तीनों कानून वापस लेने नहीं चाहिए थे। कानूनों में सुधार की गुंजाइश थी।