महापंचायत में गोदी मीडिया की बेइज्जती पर किसानों को दुर्योधन बताने वाले CM के मीडिया सलाहकार खीरी की घटना पर क्यों मौन थे?
(यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कलियुगी दुशाशनों से खुद को बचाती लखीमपुर की द्रौपदी)
जनज्वार, लखनऊ। कल मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) किसान महापंचायत की उमड़ी भीड़ ने कहीं ना कहीं सरकार के होश जरूर उड़ा दिए होंगे। इस रैली में अनुमानता 10 लाख से उपर लोगों के पहुँचने की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया दिनभर तरह-तरह के संदेशों से भरा रहा। तमाम वीडियो इंटरनेट पर घूम रहे थे।
महापंचायत (Mahapanchayat) को कवर करने पहुँचीं आजतक टीवी चैनल की मशहूर एंकर चित्रा त्रिपाठी को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। किसान समर्थकों ने एंकर को अपने घेरे में ले लिया और गोदी मीडिया हाय-हाय के नारे लगाए। हालांकि, इस वीडियो में कहीं भी एंकर के साथ बदसलूकी जैसी कोई बात नहीं देखी गई।
भीड़ द्वारा महिला का अपमान करने का दुस्साहस दुर्योधन ने किया था। उसका अंत क्या हुआ था याद है? pic.twitter.com/4tNTR0HTCy
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) September 5, 2021
चित्रा त्रिपाठी (Chitra Tripathi) के साथ हुई इस घटना पर योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने लिखा है, 'भीड़ द्वारा महिला का अपमान करने का दुस्साहस दुर्योधन ने किया था। उसका अंत क्या हुआ था याद है?'
यह कैसे किसान हैं, जो फसल की जगह आदमी को काटने के लिए तैयार हैं? pic.twitter.com/Dk7OzGPaRq
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) September 5, 2021
इसी तरह टीवी 9 के पत्रकार अभिषेक उपाध्याय भी चैनल को दिए जा रहे फोनो के दौरान अपनी एक लाइन पर किसान समर्थकों से घिर गये। हालांकि, बाद में मामला शांत हुआ और जो असलियत थी किसानों ने अभिषेक को वही बोलने दिया। इस घटना पर भी मृत्युंजय कुमार (Mrityunjay Kumar) ने ट्वीट किया है, 'यह कैसे किसान हैं, जो फसल की जगह आदमी को काटने के लिए तैयार हैं?'
अब थोड़ा पीछे चलिए। पंचायत चुनाव के दौरान लखीमपुर (Lakhimpur) खीरी में समाजवादी पार्टी की महीला प्रधान और उसकी प्रस्तावक की साड़ी खींच ली गई थी। महिलाओं ने किसी तरह उन कपड़ों में भागकर अपनी जान बचाई थी, जिन कपड़ों में कोई भी सभ्रांत व्यक्ति अपने घर की महिला को बाहर नहीं देखना चाहेगा। इस घटना को लेकर सूबे में खूब बवाल हुआ था।
इस मसले पर ना योगी कुछ बोले थे और ना ही योगी के तमाम मीडिया सलाहकार। रही बात पत्रकारों की तो किसान महापंचायत में अगर गोदी मीडिया (Godi Media) के पत्रकारों का ये हाल दिखा तो अजीत अंजुम और साक्षी जोशी जैसे पत्रकारों का हाल भी दिखा।
कैमरे पर एक किसान ने अजीत अंजुम (Ajit Anjum) के माथे पर बह रहे पसीने को पोछा, साक्षी जोशी (Sakshi Joshi) मंच पर बैठकर राकेश टिकैत से बात करते दिखीं। जबकी यह दोनो किसी बड़े चैनल में काम नहीं कर रहे। एक यही दोनो ही नहीं बल्कि और भी तमाम ऐसे पत्रकार रैली में गये जो सच के साथ खड़े रहे या रहते हैं।
हां ये जरूर हो सकता है कि सलाहकार ने योगी (Yogi) को खुश करने के लिए ये ट्वीट किए हों। क्योंकि किसान तो अपनी मांग रख रहे, उनपर लाठी, गोली, आंसू गैस, पानी की बौछारें यह सब कौन करता रहा है, जरा भी बताने की जरूरत नहीं है।