लखीमपुर खीरी में नामांकन की यह तस्वीरें आज वायरल हुई है, जिन्हें देखकर आपका राजनीतिक बुखार उतर सकता है
(महिला शक्ति की बातें करते मोदी-योगी के रामराज में बेईज्जत होकर धूल में पड़ी कथित महिला शक्ति)
जनज्वार, लखनऊ/लखीमपुर खीरी। कल गुरूवार ब्लॉक प्रमुख नामांकन के दौरान खीरी में जो कुछ हुआ था, वह महज अधूरी तस्वीर थी। पूरी तस्वीर तोे अब सामने आई है, जिसे अगर कोई वो व्यक्ति जो परिवार में रहता है। उसके तो कतई देखने काबिल नहीं है, क्योंकि घर की इज्जत को ऐसे देखकर आपका कलेजा फट सकता है।
गंगा-जमुनी तहजीब और अदब से भरे शहर लखनऊ (Lucknow) से 124 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी में पंचायत के ब्लॉक प्रमुख चुनाव की मर्यादाएं उस समय तार-तार कर दी गईं, जब नामांकन चल रहा था। लखीमपुर खीरी से कल एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी। जो बीच सड़क महिला की साड़ी खींचने के प्रयास के रूप में सामने आया था।
लेकिन आज लखीमपुर (Lakhimpur) की जो तस्वीर वायरल हो रही है वह ना केवल विभत्स है बल्कि हमारे समाज में पनप रही राजनैतिक नफरत को भी दर्शाता है। यह फुटेज दर्शाती है कि एक चुनाव मात्र जीतने के लिए किसी की इज्जत-आबरू से खेला जा सकता है। कपड़े तक फाड़े जा सकते हैं।
दरअसल कल लखीमपुर के पसगवां में नामांकन के दौरान बड़ा बवाल हुआ था। नामांकन (Nomination) पर्चा फाड़ने से शुरू हुआ विवाद आबरू लूट लेने तक पहुँच गया। वो भी तब जब खाकीधारी पहरूए सामने खड़े थे, फिर क्या हुआ। क्या लाठी रूठ गई थी, या बेदम हो गई थी सत्ता महान के आगे। सिर झुक गया था चौखट में क्या।
डूब मरना चाहिए उन व्यवस्थाओं को जिनके घरों में मां-बेटी और बहन हो। पसगवां तहसील में कल बुधवार सपा प्रत्याशी रितु (Ritu Singh) सिंह नामांकन कराने पहुँचीं थीं। घटना के मुताबिक पहले तो उन्हें सत्ता समर्थित गुंडों ने रोकने की कोशिश की। नामांकन ना होने-कराने देने का प्रयास किया गया।
बकौल, सपा नेता क्रांति कुमार सिंह 'वहां हम लोग रितू सिंह को किसी तरह बचाकर अंदर ले गये।' क्रांति सहित तमाम लोग रितू सिंह को बचा रहे थे, तब तक परिसर से बाहर भाजपा समर्थकों ने अनीता यादव (Anita Yadav) को पकड़ लिया। झपटमारी हुई, इतने में भाजपा समर्थकों ने अनीता की साड़ी उतारने की कोशिश की। एक महिला समर्थक का ब्लॉउज तक फाड़ा गया।
उसके बाद अब जो तस्वीरें वायरल (Viral) हुई हैं वह ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी रितु सिंह की हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि रितु सिंह जमीन में अर्धनग्न अवस्था में पड़ी हैं, जिन्हें कई लोग घेरकर खड़े हैं। एक जो दूसरी तस्वीर है उसमें रितू सिंह ना देख सकने वाली अवस्था में खड़ी हैं, साथ में ढ़ांढ़स बंधाते 'क्रांति कुमार सिंह' हैं।
क्रांति कुमार सिंह (Kranti Kumar Singh) हमें यह दोनो तस्वीरें भेजते हुए बताते हैं कि 'कल का मंजर कभी ना भूल पाने वाली यादों में दर्ज हो गया है। और भी कई सरकारें आई-गईं कोई जीता-हारा हो लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ जैसा अब हो रहा है। कैसे लोग है ये जो अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ये तो पूरे तौर पर सत्ता और सरकार की हिटलरशाही और तानाशाही चल रही है।'