क्या सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल का भी होगा हेमंत सोरेन वाला हाल?
Chhattisgarh : क्या सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल का भी होगा हेमंत सोरेन वाला हाल?
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद मचे बवाल पर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट
Soumya Chaurasia coal scam : छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में सीएम भूपेश बघेल ( Bhupesh Baghel ) के सबसे भरोसे की अधिकारी सौम्या चौरसिया ( Saumya Chaurasia) की प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से प्रदेश की राजनीति में भूचाल की स्थिति है। चौरसिया की गिरफ्तारी ( Soumya Chaurasia arresting ) के साथ ही छत्तीसगढ़ में कथित कोयला ढुलाई घोटाले में उनकी कथित भूमिका और कारोबारी और राजनेताओं के गठजोड़ का मामला भी झारखंड की तरह खुलकर सामने आ गया है। भाजपा ने सौम्या की गिरफ्तार के बाद से भूपेश बघेल पर सीधे हमला बोल दिया है। वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में इस बात की चर्चा चरम पर है कि केंद्रीय एजेंसियों के सहारे भाजपा प्रदेश के सीएम को भ्रष्ट करार देने पर आमदा है। ताकि आगामी चुनाव में इसका लाभ उठाया जा सके।
PCS होकर भी IAS पर रौब झाड़ना पड़ा महंगा!
दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) की उप सचिव सौम्या चौरसिया (Deputy Secretary Soumya Chaurasia ) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। छत्तीसगढ़ लोकसेवा की अधिकारी सौम्या की पहुंच का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि भूपेश बघेल की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सचिवालय में उन्हें बतौर उप सचिव नियुक्ति हुईं। इतना ही नहीं सरकार में अपने जबर्दस्त दखल और रसूख के चलते सौम्या चौरसिया देखते ही देखते शासन-प्रशासन की प्रमुख धुरी बन गईं। पीसीएस अधिकारी होने के बावजूद आईएएस अधिकारी पर रौब जमाना और आदेश देना अब उन पर ही भारी पड़ गया है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारी इस बात से नाराज थे कि उन्हें पीसीएस अधिकारी के मातहत होकर काम करना पड़ता है। छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने वाले जानते हैं कि सरकार में सौम्या चौरसिया इस कदर प्रभावी हैं कि मामला चाहे सरकार से जुड़ा हो अथवा राजनीति से अंतिम फैसला डिप्टी सेक्रेटरी चौरसिया की हरी झंडी मिलने के बाद ही होता रहा है।
यही वजह है कि कांग्रेस और उसकी सरकारें केंद्र पर जिन सेंट्रल एजेंसियों ( Central Agencies) के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही हैं, उन्हीं एजेंसियों में से एक इनकम टैक्स की टीम दो साल में दूसरी बार सौम्या चौरसिया के दरवाज़े पर पहुंची थी। आईटी रेड को लेकर पीएम मोदी से सख्त ऐतराज जताकर भूपेश बघेल ने सौम्या और अन्य करीबी नौकरशाहों को तो बचा लिया था, लेकिन ईडी का जांच से जुड़ते ही यह मामला अब छत्तीसगढ़ सरकार के लिए उल्टा पड़ गया है। यह माना जाता है कि सौम्या चौरसिया के केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर होने की वजह भी उनका मुख्यमंत्री बघेल का सर्वाधिक विश्वासपात्र होना ही है। अब ईडी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रायपुर की विशेष अदालत ने सौम्या चौरसिया ( Saumya Chaurasia) को चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया। ईडी ने चौरसिया की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया, लेकिन विशेष अदालत ने केवल चार दिन की हिरासत में भेजा। छह दिसंबर को एक बार फिर सौम्या चौरसिया को ईडी कोर्ट में पेश करेगी।
वहीं ईडी ने दावा किया है कि एक भूमि खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया धन कोयला ढुलाई घोटाले से आया हो सकता है। ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी के पास मामले में चौरसिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
कौन हैं सौम्या चौरसिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी से ज्यादा भरोसे की अधिकारी सौम्या चौरसिया ( Saumya Chaurasia) को ईडी ( ED ) ने दो दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया। सौम्या चौरसिया की पर्सनल लाइफ के बारे में बात करें तो उनका जन्म छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वह 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। उनके पति का नाम सौरभ मोदी है। सीएम भूपेश बघेल का डिप्टी सचिव बनने से पहले वह बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन एसडीएम पद रहते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। वह भिलाई चरौदा नगर निगम की आयुक्त भी रह चुकी हैं। 2016 में इन्हें रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह अब तक वित्त, सामान्य प्रशासन जैसे विभागों का प्रभार संभालते रहीं हैं।
क्या है आरोप
कथित अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में उनके मुख्य सूत्रधार होने के आरोप हैं। उन पर 500 करोड़ के घपले का आरोप है। ईडी ने इनकम टैक्स की एक शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच शुरू की और उन पर शिकंजा कस दिया है। बताया जा रहा कि यह जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की जाती रही है। हालांकि ये मामला अभी जांच के शुरुआती दौर में है। आय ये अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की इस प्रक्रिया में आईटी को अब तक 150 करोड़ करेंसी हाथ लगी है।
राजनीति से प्रेरित है सौम्या की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ लोक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी को सीएम भूपेश बघेल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हम इसके खिलाफ पूरी ताक़त से लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप भी लगाया था।
अब पता चला छत्तीसगढ़ को कौन लूट रहा है
भाजपा ने सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा है कि अब सबके सामने आ गया है कि आदिवासी समाज, अन्य पिछड़ा वर्ग, सहित सारे छत्तीसगढ़िया समाज के हक पर डाका डलवा कर छत्तीसगढ़ को लूटने में किसका संरक्षण है।
क्या है पूरा मामला
फरवरी 2022 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में सबसे पहले आयकर विभाग ने जांच शुरू की थी। आईटी जांच के आधार पर ही ईडी को इस मामले से जोड़ा गया है। सौम्या समेत वरिष्ठ नौकरशाहों व कारोबारियों पर अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग की धाराएं लगाई गईं हैं। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किन अधिकारियों का इस घोटाले में सक्रिय रोल था, किसे सबसे ज्यादा फायदा पहुंच रहा था। फिलहाल, ईडी ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर एक बड़ा कदम उठाया है। ईडी ने कहा है कि धन शोधन की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की गई है। इस मामले में ईडी की टीम पिछले 2 महीने से लगातार सौम्या चौरसिया से पूछताछ कर रही थी। 11 अक्टूबर 2022 में छत्तीसगढ़ के कई शहरों में छापेमारी की थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। चारों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। ईडी ने इस मामले में 11 अक्टूबर को भी बड़ी कार्रवाई की थी। कई जगहों पर रेड डाल कर बड़ी संख्या में नकदी और गहने भी जब्त किए थे।