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Yati Narsinghanand News: 6 मई को फिर होगी हरिद्वार में धर्मसंसद, हेट स्पीच के आरोपी यति नरसिंहानंद का ऐलान

Janjwar Desk
23 Feb 2022 11:10 AM GMT
Yati Narsinghanand News: 6 मई को फिर होगी हरिद्वार में धर्मसंसद, हेट स्पीच के आरोपी यति नरसिंहानंद का ऐलान
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Yati Narsinghanand News: 6 मई को फिर होगी हरिद्वार में धर्मसंसद, हेट स्पीच के आरोपी यति नरसिंहानंद का ऐलान

Yati Narsinghanand News: पिछले दिनों हरिद्वार में कथित धर्मसंसद के नाम पर देश के मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाले व जमानत पर जेल से छूटे यति नरसिम्हानंद ने आगामी शंकराचार्य जयंती पर एक बार फिर हरिद्वार में धर्मसंसद आयोजन करने का ऐलान किया है।

Yati Narsinghanand News: पिछले दिनों हरिद्वार में कथित धर्मसंसद के नाम पर देश के मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाले व जमानत पर जेल से छूटे यति नरसिम्हानंद ने आगामी शंकराचार्य जयंती पर एक बार फिर हरिद्वार में धर्मसंसद आयोजन करने का ऐलान किया है। पिछली धर्मसंसद में मुसलमानों के खिलाफ की गई जहरीली बयानबाजी को व्यापक हिन्दू संत समाज का समर्थन न मिलने पर बौखलाए यति ने हिन्दू संतों पर भी जमकर अपनी भड़ास निकाली। यति के अनुसार प्रस्तावित धर्मसंसद में हिन्दू धर्माचार्य यह तय करेंगे कि हिन्दू धर्म की रक्षा करना उनका उत्तरदायित्व है या नहीं ?

बीती धर्मसंसद में मुसलमानों के खिलाफ जहरीली बयानबाजी के आरोप में इन दिनों जेल में बंद जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जेल से रिहाई की प्रतीक्षा में हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठे जितेंद्र के सहआरोपी यति नरसिम्हानंद को हिमाचल प्रदेश धर्मसंसद के मुख्य आयोजक योगी ज्ञाननाथ व यति सत्यदेवानन्द भी बुधवार को अपना समर्थन देने सर्वानंद घाट पहुंचे हुए थे। जिनके साथ मन्त्रणा करने के बाद यति नरसिम्हानंद ने बुधवार को हरिद्वार में ही एक बार फिर आगामी धर्मसंसद के आयोजन का ऐलान करते हुए कहा कि यह धर्मसंसद अभी तक आयोजित सभी धर्मसंसद से विशाल रूप लिए होगी। जिसमें पूरे भारतवर्ष के कोने-कोने से संत समाज के लोग हिस्सा लेंगे।

यति ने कहा कि आज हिन्दू समाज में सबसे बड़ा संशय यह है कि हिन्दू समाज की रक्षा में संतों की कोई भूमिका है या नहीं ? वर्तमान में संतों की बेरुखी के कारण हिन्दू समाज दिशाहीन हो गया है। सनातन के महाविनाश के इन क्षणों में हिंदुओं का यह संशय दूर होना चाहिए। प्रस्तावित धर्मसंसद का मुख्य विषय यही होगा। यति ने बताया कि इस धर्मसंसद में शामिल होने के लिए सभी जगदगुरुओं, तेरह अखाड़े के प्रमुखों सहित सनातन के सभी प्रमुख धर्मगुरुओं को निमंत्रण दिया जाएगा।

यति ने बताया कि यह धर्मसंसद अब तक सभी धर्मसंसद से विराट होगी। इस धर्मसंसद का मुख्य आयोजक स्वामी अमृतानंद को बनाया गया है जो पूरे देश में जाकर संतों को धर्मसंसद का निमंत्रण देंगे। यति ने हिन्दू समाज के संगठनों के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि आज जितने भी तथाकथित हिन्दू संगठन हैं। वह केवल अपने क्षुद्र स्वार्थों की पूर्ति में ही लगे हैं। इससे हिंदुओं की स्थिति अनाथ जैसी हो गयी है। यति ने कहा कि अन्य समाज के लोगों पर कोई बात आती है तो उनके अपने धर्मगुरु अपने समाज के साथ एकजुटता के साथ खड़े होकर अपने समाज का हौसला बढ़ाते हैं। लेकिन यह भावना हिन्दू समाज के संतों में नहीं दिखाई देती।

6 मई को है शंकराचार्य जयंती

यति नरसिम्हानंद द्वारा आगामी धर्मसंसद के लिए शंकराचार्य जयंती का दिन निर्धारित किया गया है। आदि शंकराचार्य की जयंती हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी को मनाई जाती है। जयंती हर वर्ष अप्रैल-मई माह के दौरान पड़ती है। इस वर्ष शंकराचार्य की जयंती 6 मई को है।

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