अमेठी में दलित शिक्षक की पत्नी औद दो बेटियों समेत हत्या के लिए योगी सरकार और यूपी पुलिस जिम्मेदार !
लखनऊ। 3 अक्तूबर यानी गुरुवार को अमेठी में सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक सुनील भारती की उनकी पत्नी और दो मासूम बेटियों के साथ हत्या कर दी गयी थी। रायबरेली के उंचाहार क़स्बे के रहने वाले और अमेठी में नौकरी करने वाले सुनील को उनकी पत्नी और दो बेटियों को हत्यारे ने गोलियों से छलनी कर दिया था। अमेठी पुलिस ने अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर दावा किया है कि हत्या का यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ था, जबकि मृतक परिवार ने अगस्त माह में ही आरोपी से अपनी जान का खतरा बताते हुए एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें पुलिस ही कटघरे में खड़ी है।
अब इस मामले में भाकपा (माले) की टीम बिहार विधायक सत्यदेव राम के नेतृत्व में अमेठी हत्याकांड के पीड़ित परिवार से मिली। भाकपा (माले) के बिहार विधानसभा सदस्य, पार्टी विधायक दल के उप नेता और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यदेव राम के नेतृत्व में रविवार 6 अक्टूबर को एक टीम ने अमेठी में दलित शिक्षक परिवार के चार सदस्यों के सामूहिक हत्याकांड के सिलसिले में रायबरेली का दौरा किया। टीम ने सुदामापुर गांव स्थित मृतक के पैतृक आवास जाकर परिजनों से भेंट की और शोक संवेदना प्रकट की।
भाकपा (माले) की टीम में विधायक के अलावा केंद्रीय कमेटी के सदस्य राम चौधरी, राज्य स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) के सदस्य रमेश सेंगर, रायबरेली पार्टी सचिव उदयभान चौधरी, किसान महासभा के जिला अध्यक्ष फूलचन्द्र मौर्य, आइसा नेता सान्तम निधि, इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष अहसन खान, मो. कलीम, ऐक्टू नेता रामगोपाल, खेग्रामस के अरुण कुमार, इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के जिला उपाध्यक्ष अहमद सिद्दीकी आदि प्रमुख नेता शामिल थे।
टीम के सदस्यों ने मृतक शिक्षक सुनील कुमार के पिता राम गोपाल समेत परिवार और गांव के मौजूद दर्जनों लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की। जांच पड़ताल के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची कि हत्याकांड के लिए सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते हत्याकांड रचाया गया। टीम ने पाया कि सुनील कुमार और उनकी पत्नी पूनम भारती के साथ आरोपी चन्दन वर्मा द्वारा 18 अगस्त और उसके पहले से जारी छेड़छाड़ और मारपीट की घटना के बाद अगर पुलिस ने अपना काम ईमानदारी से किया होता, तो यह हत्याकांड न होता। इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए।
भाकपा (माले) टीम ने कहा कि प्रदेश में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। योगी सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है। अमेठी की घटना में साफ जाहिर होता है कि दलितों और महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों में प्रदेश सरकार संवेदनहीन है। इस जघन्य हत्याकांड में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और प्रदेश में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पार्टी पूरी ताकत से संघर्ष करेगी।