Prayagraj News Hindi : योगी के मंच पर डॉन छोटा राजन का करीबी, सीएम को माला पहनाने पर उठ रहे सवाल
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(योगी के मंच पर डॉन का करीबी)
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार दावा करती है कि प्रदेश से गुंडे माफिया भाग गये हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ खुद मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) के मंच पर अंडरवर्ल्ड डॉन का करीबी नजर आया है। प्रयागराज के लूकरगंज (Lukarganj) में आयोजित सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा के दौरान मंच पर माफिया डॉन के करीबी की मौजूदगी पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बनी रही।
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गैंग (Don Chhota Rajan) के शूटर और माफिया डॉन बच्चा पासी का करीबी मंजीत कुशवाहा न सिर्फ कार्यक्रम में शामिल हुआ। बल्कि वह सीएम का स्वागत करने वालों में भी शामिल रहा। साथ ही उसने मंच पर पहुंचकर अन्य लोगों के साथ सीएम को माला भी पहनाई। अब इस घटना को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के करीबी बच्चा पासी का गैंग पिछले साल पंजीकृत हुआ था। माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान ही पुलिस ने डी-46 नाम के इस गैंग को पंजीकृत कर गैंगचार्ट तैयार किया था। पुलिस ने बच्चा पासी को इस गैंग का लीडर बताया था, जबकि सदस्यों के तौर पर कुल 14 लोगों के नाम शामिल किए थे। इनमें धूमनगंज स्थित पीपलगांव निवासी मंजीत कुशवाहा उर्फ हैप्पी का भी नाम था।
पुलिस ने बताया था कि गैंगचार्ट में जिन भी लोगों के नाम शामिल हैं, वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से माफिया के सहयोगी हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। रविवार को एक बार फिर उसका नाम तब चर्चा में आ गया जब वह लूकरगंज में आयोजित जनसभा में मंच पर दिखा। पहले तो वह मंच के पास बने डी एरिया में ही घूमता रहा और बाद में मंच पर भी पहुंचा।
इसके अलावा माफिया बच्चा पासी का करीबी सीएम को माला पहनाकर उनका स्वागत करने वालों में भी शामिल हुआ। यही नहीं उसने मंच से ही जनसभा में बैठे लोगों की ओर विक्ट्री साइन का इशारा भी किया। मंच पर उसकी मौजूदगी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी होती रहीं।
5 लाख की धोखाधड़ी का दर्ज है केस
मंजीत कुशवाहा के खिलाफ पिछले साल पांच लाख की धोखाधड़ी के मामले में धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें पुलिस की ओर से चार्जशीट भी लगाई जा चुकी है। धूमनगंज के साकेत नगर निवासी रिटायर्ड इंस्पेक्टर गुरु प्रसाद के सहायक अध्यापक बेटे कैलाश ने पिछले साल 24 अक्तूबर को मंजीत के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धारा में केस दर्ज कराया था। आरोप है कि उसने पांच लाख रुपये लिए लेकिन जमीन नहीं दी। विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर मुकदमे में गालीगलौज व एससी एसटी एक्ट की धाराओं की बढ़ोतरी करते हुए चार्जशीट दाखिल की गई थी।
इस मामले में बखेड़ा खड़ा होने के बाद डीआईजी प्रयागराज जोन सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि, 'मंच पर कौन जाएगा, यह सूची प्रशासनिक अफसरों के पास होती है। फिलहाल मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।' वहीं भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केशरवानी का कहना है कि 'मैं इस नाम के किसी भी व्यक्ति को नहीं जानता हूं। न ही इस नाम का कोई भी पदाधिकारी मेरे संज्ञान में है।'