यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर कालिख पोती, किसान आंदोलन पर बयान से थे नाराज
जनज्वार। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 70 दिनों से ज्यादा समय से जारी है। इस बीच देश-विदेश के खेल जगत, फ़िल्म इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्रों के सेलिब्रेटिज भी किसान आंदोलन को लेकर लगातार अपनी राय दे रहे हैं।
आंदोलन को लेकर सेलिब्रेटिज के बीच भी दो धड़े बन चुके हैं और कोई आंदोलन के पक्ष में खड़ा दिख रहा है तो कोई विरोध में। इस बीच केरल में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर के कट आउट पर कालिख पोत दी है। सचिन ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करनेवाले विदेशी सेलिब्रेटिज की आलोचना की थी।
केरल यूथ कांग्रेस के ये कार्यकर्ता सचिन तेंदुलकर के उस बयान से नाराज थे, जिसमें उन्होंने विदेशी सेलिब्रेटिज के किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए ट्वीट की आलोचना की थी। इसके बाद केरल के कोच्चि में आज शुक्रवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर कालिख पोत दी।
कुछ विदेशी सेलिब्रेटिज ने किसान आंदोलन के प्रति समर्थन व्यक्त किया तो देश के खेल और फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई सेलिब्रेटिज ने इसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल बताते हुए इसकी आलोचना की थी। सचिन तेंदुलकर ने भी इन विदेशी सेलिब्रेटिज के ट्वीट की आलोचना की थी।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने अपने ट्वीट में कहा था, 'भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं। भारतीय ही भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला करना चाहिए। आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें।'
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने भी आज सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने पर सवाल उठाकर नई बहस छेड़ दी है।
शिवानंद तिवारी ने कहा, 'गांव में रहने वाले किसान को रिहाना या ग्रेट के बारे में क्या जानकारी। सरकार ने उसके खिलाफ सचिन तेंदुलकर को उतार दिया। वह तरह-तरह के उत्पादों का विज्ञापन करते हैं। वह मॉडल हैं। सचिन जैसे व्यक्ति को भारत रत्न देना इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड का अपमान है। किसानों का जिस तरह से आंदोलन चल रहा है। जिस तरह से वो ठंड में डटे हुए हैं। 26 जनवरी की घटना को छोड़ दिया जाए तो उन पर अंगुली नहीं उठाई जा सकती।'