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अंधविश्वास की हाइट : यूपी के पीलीभीत में गड़े खजाने को पाने के लिए 4 वर्षीय मासूम की दे दी बलि
प्रतीकात्मक फोटो
अंधविश्वास और लालच के शिकार 10 लोगों ने पीलीभीत में 4 साल के मासूम की नृशंसता से कर दी हत्या, पुलिस को बताया रात को उन्हें सपना आया था कि खेत में खजाना दबा हुआ है, जिसके लिए देनी पड़ेगी किसी मासूम की बलि इसलिए बच्चे की तड़पा-तड़पाकर ली जान और तंत्र-मंत्र करके डाल दिया खेत में...
जनज्वार, पीलीभीत। इक्कीसवीं सदी में जहां हम चांद पर जीवन की संभावनाओं की ओर देख रहे हैं, वहीं अंधविश्वास अब तक हमारे समाज से गहरी पैठ बनाए हुआ है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में अंधविश्वास ने एक चार वर्षीय मासूम की जान ले ली। पीलीभीत में दस लोगों ने मिलकर एक चार वर्षीय मासूम की बलि दे दी। इन लोगों का कहना था कि रात को उन्हें सपना आया था कि खेत में खजाना दबा हुआ है। अगर उस खजाने को पाना है तो किसी बच्चे की बलि देनी पड़ेगी। इसके लालच में गांव के निवासियों ने बच्चे को सूजा से गोदकर उसका खून निकाला फिर उसे तंत्र-मंत्र के साथ खेत में डाला गया।
खजाना पाने के चक्कर में बच्चे के शरीर को जगह जगह से छेदा गया था और और कान भी काटे गये थे, फिर तड़पते बच्चे को तालाब में फेंक दिया गया। एसपी अभिषेक दीक्षित के आदेश पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गयी थी।
पुलिस ने इस घटना में शमिल सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद आरोपियों ने कबूला कि उन्होंने मासूम की हत्या खेत में दबे खजाने के लालच में किया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि रात को उन्हें सपना आया कि खेत में खजाना दबा हुआ है लेकिन उस खजाना हासिल करना है तो किसी बच्चे की बलि देनी पड़ेगी। पुलिस इन सभी आरोपियों को जेल भेजने की प्रक्रिया में जुटी है।
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पीलीभीत जिले के बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के पुरैनिया गांव के निवासी प्रेमशंकर 18 नवंबर को सुबह तालाब से सिंघाड़ा निकालने के लिये जा रहे थे। प्रेमशंकर के तीनों बच्चों ने साथ जाने का जिद पकड़ ली। वह बेटी सावित्री और दो बेटे बाबूराम और चार वर्षीय बेटे अरुण को भी साथ ले गये। प्रेमशंकर तालाब में सिंघाड़ा निकालने लगा और तीनों बच्चों को किनारे पर खेलने के लिये छोड़ दिया। जब सिंघाड़ा निकालकर आए तो तालाब के किनारे से बच्चे गायब थे। प्रेमशंकर भागते हुये घर आया तो बेटी सावित्री और बाबूराम घर पर ही थे, पर चार साल का अरुण घर पर मौजूद नहीं था।
पूरा दिन आसपास के इलाकों में ढूंढने के बाद अरुण नहीं मिला तो प्रेमशंकर ने बीसलपुर थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन 19 नवंबर को उसी तालाब में मासूम अरुण का शव तैरता हुआ मिला। इसके बाद बीसलपुर के सीओ प्रवीण सिंह मलिक और बीसलपुर कोतवाल मनीराम पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मासूम अरुण के शरीर पर सूजा घोपने के कई निशान थे। अपने बेटे की क्षत-विक्षत लाश को देखकर प्रेमशंकर फूट-फूटकर रोने लगा।
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लाश को देखकर बच्चे के पिता ने गांव के ही सुधीर गंगवार पर खेत में दबा खजाना पाने के लालच में तांत्रिक के साथ मिलकर मासूम अरुण की बलि देने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम ले लिये भेज दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दम घुटने और डूबने से मौत की बात लिखी हुई है। पुलिस यही बात कहकर अपने काम से पल्ला झाड़ रही थी।
पुलिस जब इसे दम घुटने और डूबने से हुई मौत ठहरा रही थी तो परेशान प्रेमशंकर ने विधायक की शरण ली। विधायक ने जब इस बात की जानकारी दी कि तंत्र मंत्र इस इलाके में आम बात है तो एसपी ने रिपोर्ट दर्ज करवायी और इस पर कार्रवाई हुई।
लेकिन प्रेमशंकर को ये बात खल रही थी। उसने खुद ही छानबीन करना शुरू कर दिया, जिसमें सुधीर गंगवार के खेत में तंत्र-मंत्र और खून से भरे गढ्ढे मिले। उसने इस पूरे दृश्य का वीडियो बनाकर पुलिस को दिखाया। पुलिस ने वीडियो में खून के निशान वाला एक गढ्ढा देखा, जिसमें बाल पड़े होने से शक और गहरा गया। इसके बाद बीसलपुर पुलिस ने सुधीर गंगवार, उसका बेटा चंद्रदेव गंगवार निवासी पुरैनिया, रामगुलाम और एक महिला अंजू समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
कोतवाल विकास कुमार ने जनज्वार को बताया कि हमें अरुण के तालाब में डूबकर मौत हो जाने की सूचना मिली थी।
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दम घुटने और डूबने से मौत की बात लिखी हुई है, लेकिन मृतक के पिता के जुटाए हुये तथ्यों से पुलिस को यह स्पष्ट हुआ कि बालक की हत्या उसके गांव के कुछ लोगों ने खजाना पाने के लालच में की थी। कुछ लोगों ने एक सपने के आधार पर तांत्रिक अनुष्ठान का आयोजन किया था, जिसमें बलि के रूप में इस बालक की हत्या कर दी गई थी।
बच्चे के पिता प्रेमशंकर ने पुलिस को बताया कि 18 नवंबर को बच्चे की जहां पानी के पास लाश मिली थी, वहीं एक खेत में तंत्र-मंत्र किया हुआ था। सुधीर नाम के व्यक्ति के खेत में तंत्र-मंत्र हुआ था तो उसी पर हमें शक हुआ। इसी से उसे लगा कि उसके बेटे की हत्या की गई और खजाने को पाने के लिये बलि दी गई है। बच्चे के मृत शरीर पर सूजा घोंपने से निशान, कान और पैर में छेद था तो कान कटा हुआ था और आंख पर भी चोट के निशान दिखे। प्रेमशंकर कहते हैं कि दस लोगों ने तांत्रिक के कहने पर मेरे 4 साल के मासूम बच्चे को तड़पा—तड़पाकर मार डाला।
प्रेमशंकर ने पुलिस को बताया कि तांत्रिक चन्द्रपाल ने खजाना पाने के लिये तंत्र विद्या करने के उद्देश्य से अपने 11 साथियों के साथ मिलकर 4 साल के अरुण की बलि ली। हत्या में इस्तेमाल किया गया सूजा, खून से सना कपड़ा और पूजा का सामान, त्रिशूल के साथ पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने घटनास्थल से पूजा में प्रयोग की जाने वाली सामग्री, रक्तरंजित कपड़ा, एक त्रिशूल, खून से सना सूजा आदि बरामद किया है। इस घटना में कुल 12 लोग शामिल है, जिसमें से 10 लोगों को गिरफ्तार कर धारा 302, 201, 368, 34, 120 बी के तहत 27 नवंबर को जेल भेज दिया गया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश जारी है।