पेटीएम से घूस लेने का मामला पहली बार देश में उजागर, निलंबित हुए आरोपी आरपीएफ सिपाही
राजधानी एक्सप्रेस में आरपीएफ के सिपाहियों द्वारा बीएसएफ जवान से पेटीएम से रिश्वत लेने का मामला आया है सामने, आरोपी सिपाहियों को कर दिया गया है निलंबित
जनज्वार। अभी तक खबरों में ऑनलाइन ठगी के मामले छाये रहते हैं, मगर जल्द ही ऑनलाइन रिश्वत की खबरें भी मीडिया में छाई रहेंगी। हालांकि इसकी शुरुआत हो भी चुकी है और वह भी चोरों ने नहीं बल्कि वर्दी में घूमते सरकारी डकैतों ने शुरू कर दी है। इन सरकारी डकैतों ने किसी आम इंसान को नहीं ठगा, बल्कि एक बीएसएफ जवान को अपना शिकार बनाया।
जानकारी के मुताबिक राजधानी एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट कर रहे आरपीएफ के दो सिपाहियों ने बीएसएफ जवान से घूस लेकर रकम पेटीएम के जरिए अपने बैंक खाते में डलवायी। घटनाक्रमके मुताबिक बीएसएफ जवान की गर्भवती पत्नी ट्रेन में चढ़ पा रही थी तो उसने चेन पुलिंग कर दी। इसकी एवज में एस्कॉर्ट कर रहे आरपीएफ के दो सिपाहियों ने फाइन के बजाय उससे घूम मांगी, जो उन्होंने पेटीएम के जरिये अपने खाते में ट्रांसफर करवायी। ये दोनों सिपाही दोनों कानपुर के अनवरगंज स्टेशन पर तैनात थे।
यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह दब जाता अगर घूस देने के बाद सीआरपीएफ जवान ने पेटीएम डिटेल के साथ आरपीएफ के डीजी को पेटीएम से घूस लेने की यह घटना ट्वीट न कर दी होती। इसके बाद विभाग की गोपनीय जांच के बाद दोनों रिश्वतखोर सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी निवासी देवराम थापा की बीएसएफ डीआईजी की सुरक्षा में नई दिल्ली में तैनाती है। उन्होंने 12424 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में न्यू जलपाईगुड़ी के लिए अपनी गर्भवती पत्नी के साथ रिजर्वेशन कराया था। उन्हें बी-6 कोच में उनकी 25 और 26 नंबर सीट आवंटित थी। शुक्रवार 12 जुलाई को जब वह गर्भवती पत्नी के साथ यात्रा के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन के रवाना होने का वक्त हो चुका था।
कोच तक पहुंचने से पहले ही ट्रेन चलने लगी, तो देवराम ट्रेन में चढ़ गये, मगर गर्भवती होने के कारण उनकी पत्नी प्लेटफॉर्म पर ही रह गईं। गर्भवती पत्नी को ट्रेन में चढ़ाने के लिए देवराम ने चेन पुलिंग कर दी। चेन पुलिंग के बाद ट्रेन रुकी तो उन्होंने पत्नी को कोच में चढ़ा लिया। तब ट्रेन में कानपुर के अनवरगंज स्टेशन पर तैनात आरपीएफ सिपाही आशीष चौहान और रामनयन यादव एस्कॉर्ट कर रहे थे।
एस्कार्ट कर रहे दोनों आरपीएफ जवानों ने बीएसएफ जवान को चेन पुलिंग करते देखा तो धमकाया कि चेन पुलिंग के जुर्म में रिपोर्ट दर्ज करा देंगे। रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने के एवज में इन दोनों सिपाहियों ने जवान से 10 हजार रुपए घूस मांगी। जब देवराम ने कहा कि उसके पास सिर्फ 7 हजार कैश है तो भी घूस की रकम कम करने को सिपाही तैयार नहीं हुए। जब बीएसएफ जवान देवराम ने घूस की बाकी रकम 3 हजार रुपए पेटीएम से भुगतान करने की बात कही तो दोनों सहमत हो गए और सात हजार रुपए कैश लेकर बाकी के 3 हजार रुपए देवराम ने सिपाही आशीष चौहान के एसबीआई बैंक खाते में पेटीएम के जरिए ट्रांसफर कर दिए।
नकद और पेटीएम से आरपीएफ सिपाहियों को घूस देने के बाद बीएसएफ जवान ने कोच कंडक्टर और आरपीएफ डीजी को पेटीएम डिटेल के साथ ट्वीट किया कि किस तरह रेलवे घूस का अड्डा बना हुआ है। इस मामले में डीजी ने इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के कमांडेंट से जांच कर एक दिन में रिपोर्ट मांगी तो 13 जुलाई को पेटीएम भुगतान की डिटेल के आधार पर पता चल गया कि बीएसएफ जवान ने 3 हजार रुपए सिपाही आशीष चौहान के खाते में डाले थे। पेटीएम से घूस लेने की बात की पुष्टि होने के बाद दोनों सिपाहियों को तत्काल निलंबित कर विस्तृत जांच कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सहायक सुरक्षा आयुक्त को सौंप दी गयी।
गौरतलब है कि जानकारी में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें आरपीएफ सिपाहियों ने रिश्वत की रकम पेटीएम के जरिए बैंक खाते में ली है। इस तरह का कोई मामला पहले सामने नहीं आया है, अगर कभी हुआ भी होगा तो किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आयी।
माना जा रहा है कि सीआरपीएफ जवान से पेटीएम के जरिए घूस लेने वाले रिश्वतखोर आरपीएफ के निलंबित सिपाहियों आशीष चौहान और रामनयन यादव की बर्खास्तगी जल्द ही हो सकती है। आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक ही यह खबर भी सामने आ रही है कि दोनों की बर्खास्तगी का फरमान डीजी द्वारा जारी कर दिया गया है, मगर सूत्रों शनिवार और रविवार छुट्टी होने की वजह से चूंकि एसबीआई से पैसा ट्रांसफर होने का सत्यापित दस्तावेज नहीं निकल सका है, इसलिए बर्खास्तगी नहीं की गई है। कल 15 जुलाई को बैंक से पैसा ट्रांसफर की सत्यापित कॉपी निकलने के बाद 16 जुलाई को दोनों रिश्वतखोर सिपाहियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।