Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

हत्यारे का 20 साल इलाज करवाने के बाद अब कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Prema Negi
2 July 2019 7:49 AM IST
हत्यारे का 20 साल इलाज करवाने के बाद अब कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
x

1999 में गफ्फार ने की थी मुंबई के सांताक्रूज में अशोक यादव की हत्या, स्किज़ोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोग से पीड़ित होने के चलते 20 साल तक लगातार टलती रही थी सुनवाई....

जनज्वार। बात विचित्र है पर सत्य है। क्या आपने कभी सुना है कि न्यायालय ने किसी आरोपी का पहले 20 साल इलाज करवाया हो और उसके बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई हो। नहीं न, मगर यह सत्य है।

मुंबई में स्किज़ोफ्रेनिया (मनोविदलता) से पीड़ित गफ्फार नाम के एक व्यक्ति को हत्या के मामले में सजा देने के लिए 20 साल तक कोर्ट इंतजार करता रहा और आखिर में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। उसकी मानसिक हालत इस कदर खराब थी कि कोर्ट में पूछे गए सवालों या फिर अपने बचाव के लिए कोई जवाब दे सके।

फ्फार ने 1999 में अशोक यादव की हत्या कर दी थी। सांताक्रूज इलाके में रात को अशोक सड़क किनारे सो रहा था। इस दौरान गफ्फार ने उसे जगाया और चाकू से गोदकर हत्या कर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। जब गफ्फार को कोर्ट में पेश किया गया तो उसने बेतुकी बातें कीं। उसकी दिमागी हालत पर शक होने के बाद कोर्ट ने चिकित्सकीय जांच का आदेश दिया।

डॉक्टरों ने जब गफ्फार की 2001 में जांच की तो पता चला कि वह स्किज़ोफ्रेनिया नामक दिमागी बीमारी से पीड़ित था। करीब 11 साल तक उसका इलाज चलता रहा। इस दौरान सुनवाई रुकी रही। इसके बाद एक बार फिर 2012 में सुनवाई शुरू हुई। जब गफ्फार को फिर कोर्ट में पेश किया गया तो उसका वही हाल दिखा और वह उलटे सीधे जवाब देता दिखा, जिसके बाद उसे फिर इलाज के लिए भेजा गया।

सुनवाई एक बार फिर रुक गई। मुंबई के थाणे में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजिक हेल्‍थ में गफ्फार का इलाज चला और फरवरी 2019 को उसे पूरी तरह से स्वस्‍थ्य घोषित किया गया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अपराध करते समय गफ्फार स्वस्‍थ था और उसे यह पता था कि वह क्या कर रहा है। उसे इस बात की जानकारी थी कि वह कानूनी तौर पर गलत काम कर रहा है, जिसकी सजा गंभीर हो सकती है। कोर्ट ने उसे हत्या का दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

गौरतलब है की स्किज़ोफ्रेनिया एक मानसिक रोग है। यह रोग व्यक्ति की सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। पीड़ित व्यक्ति में अक्सर व्यक्तित्व विभाजन देखने को मिलता है जिसके कारण पीड़ित का वास्तविकता से संबंध टूट जाता है। इस वजह से व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को संभालने और देखभाल करने में असमर्थ हो जाता है।

पीड़ित रोगी किसी वस्तु या व्यक्ति की अनुपस्थिति के बिना भी उसे देखता है, गंध न होते हुए भी उसे उसकी अनुभूति होती है और किसी आवाज़ की अनुपस्थिति में उसे वो आवाज सुनाई देती है। रोगी को ऐसा लगता है एलियंस उनसे संपर्क कर रहे हैं। कई बार ऐसे रोगियों को भगवान भी नज़र आने लगते हैं। पीड़ित सोचता है कि उसके आसपास के लोग उसके विरुद्ध कोई साजिश रच रहे हैं।

ई बार उसे यह वहम हो जाता है कि लोग उसी के बारे में बात कर रहे हैं या उसका मजाक उड़ा रहे हैं या फिर उसकी आवाज़ को किसी ने कंट्रोल कर रखा है या उसके ऊपर कीड़े रेंग रहे हैं। बार बार समझाने के बाद भी वह मानने को तैयार नहीं होता। पीड़ित कभी हँसता है कभी बड़बड़ाता है।कई बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करता है, जिनका कोई मतलब ही नहो होता।

Next Story

विविध