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समाज

ट्रेन में 3 कश्मीरियों से मारपीट, लाखों का सामान छोड़ भागे जान बचाकर

Prema Negi
21 Feb 2019 11:52 AM GMT
ट्रेन में 3 कश्मीरियों से मारपीट, लाखों का सामान छोड़ भागे जान बचाकर
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हमलावर युवक कश्मीरी युवाओं को गंदी—गंदी गालियां दे रहे थे। लगातार कहा जा रहा था हम सेना से हैं, कश्मीरियों ने हमारे लोगों को मारा है, हम तुमसे बदला लेंगे। भीड़ उग्र होती गई और गालियों के साथ मारपीट करने लगी, कश्मीरी युवा लाखों का सामान छोड़ किसी तरह जान बचाकर भागे...

जनज्वार। पुलवामा आतंकी हमले के बाद से देशभर में कश्मीरियों पर हमले तेज हो गए हैं। देहरादून में जहां कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया, उनसे एबीवीपी—बजरंग दल, हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की, वहीं आज ट्रेन में तीन कश्मीरियों की मॉब लिंचिंग होते-होते रह गई। लोगों ने तीनों कश्मीरियों को न सिर्फ बेल्ट से पीटा, बल्कि भीड़ में से आवाजें आती रहीं कि ये पत्थरबाज हैं इन्हें जान से मार देना चाहिए।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन पर तीन शॉल बेचने वालों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है कि कुछ अज्ञात लोगों ने 'पत्थरबाज' कहकर बुधवार 20 फरवरी को ट्रेन में उन पर हमला किया और खूब मारपीट की। हंगामेबाजों के साथ ट्रेन में मौजूद पूरी भीड़ शामिल हो गई थी, और उनका इरादा उनको मौत के घाट उतारने का लग रहा था। भीड़ लगातार चिल्ला रही थी कि ये पत्थरबाज हैं और कहा जा रहा था कि कश्मीर से बाहर रोज़ी-रोटी के लिए क्यों आते हो।

पीड़ित कश्मीरियों के मुताबिक वे पिछले साल दिसंबर में शॉल का व्यापार करने के सिलसिले में दिल्ली आए थे और तब से सराय रोहिल्ला में रह रहे थे। पिछले दस सालों से वे यहां इसी तरह व्यापार करते आए हैं, मगर अब तक उन्हें कभी इस तरह का दुर्व्यवहार यानी लिंचिंग का खतरा नहीं झेलना पड़ा था। पुलवामा हमले के बाद से उन्हें इस तरह निशाना बनाया गया है।

पीड़ित कश्मीरियों के मुताबिक जिन लोगों ने उन पर ट्रेन में हमला किया वो उनसे कह रहे थे कि हम लोग सेना से हैं, तुम्हारे लोगों ने हमारे लोगों को मारा है। हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। हमें गंदी—गंदी गालियां दी गईं और बेल्ट से पीटा गया। हम अपना लाखों का सामान छोड़ किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर भागे। अगर हम वहां से नहीं भागते तो वो लोग हमें जान से मार डालते।

गौरतलब है कि कल जयपुर सेंट्रल जेल में भी हिंदुस्तानी कैदियों ने एक पाकिस्तानी कैदी को मौत के घाट उतार दिया था।

कश्मीरी युवाओं के साथ हुई इस हिंसक वारदात के बारे में पुलिस उपायुक्त (रेलवे) दिनेश गुप्ता ​कहते हैं, 'हरियाणा के सांपला जाने के लिए शॉल बेचने वाले तीन कश्मीरी युवक एक लोकल ट्रेन में सवार हुए थे। इसी दौरान कुछ युवकों ने उन्हें गंदी गालियां देनी शुरू कर दीं और जब उन्होंने आपत्ति जताई तो युवकों ने कहा कि तुम वहां पत्थर फेंकते हो और रोजी-रोटी के लिए यहां आते हो। युवाओं के साथ भीड़ ने मारपीट भी की।

इसके बाद वे तीनों युवक जान बचाने के लिए अपना बैग छोड़कर नांगलोई में ही उतर गए। बैग में लगभग दो लाख रुपये के मूल्य की शॉलें थीं। कश्मीरियों के साथ हुई इस वारदात का मामला दर्ज कर लिया गया है, इसकी छानबीन की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ट्रेन में मौजूद भीड़ का हिस्सा रहे हमलावर युवक कश्मीरी युवाओं को गंदी—गंदी गालियां दे रहे थे। लगातार कहा जा रहा था कश्मीरियों ने हमारे लोगों यानी सैनिकों को मारा है, हम तुमसे बदला लेंगे। इसी तरह भीड़ उग्र होती गई और गालियों के साथ मारपीट करने लगे। इस घटना में एक कश्मीरी के सिर में गंभीर चोट आने की खबर भी आ रही हैं वहीं दूसरे के सिर पर गहरी चोट लगी हुई है।

पुलिस में इस मामले की शिकायत माकपा नेता वृंदा करात के प्रयासों से दर्ज करवायी जा सकी।

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