भारत का इतिहास फिर से लिखवाएगी मोदी सरकार, गठित की कमेटी
मोदी ने बनाई भारत का नया इतिहास लिखने के लिए समिति, तो आरएसएस विचारक ने कहा भारतीय इतिहास का असली रंग है भगवा, सांस्कृतिक परिवर्तन लाने के लिए हमें लिखना होगा दोबारा इतिहास....
दिल्ली। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा गठित समिति का उद्देश्य ऐसे पुरातत्विक साक्ष्यों का इस्तेमाल करना है, जो यह साबित कर सकें कि हिंदू ही हजारों साल पहले धरती पर रहने वाले इंसानों के उत्तराधिकारी हैं। यही नहीं प्राचीन हिंदू शास्त्र कोई मनगढंत कथाएं नहीं, बल्कि तथ्य हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक मनमोहन वैद्य ने भी समाचार एजेंसी रायटर्स से बातचीत के दौरान स्वीकारा कि ‘भारतीय इतिहास का असली रंग भगवा है और सांस्कृतिक परिवर्तन लाने के लिए हमें इतिहास को दोबारा लिखना होगा।’
आरएसएस की इतिहास विंग के प्रमुख बालमुकुंद पांडे ने बताया ‘भारत के गौरवशाली इतिहास को सहेजने का यही सही वक्त है।’ वहीं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने रायटर्स से बातचीत के दौरान बताया कि ‘वह उम्मीद कर रहे हैं कि समिति द्वारा पेश किए जाने वाले निष्कर्ष को स्कूली किताबों और एकेडमिक रिसर्च में शामिल किया जाएगा।’
न्यूज एजेंसी राइटर ने मोदी सरकार द्वारा नया इतिहास लिखे जाने के संबंध में टिप्पणी की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने यह साबित करने के लिए विद्वानों की एक समिति नियुक्त की है कि हिन्दू भारत के पहले दर्जे के नागरिक हैं। इससे देश के अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम चिंतित हो रहे हैं कि सरकार उन्हें दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाना चाहती है, इसलिए मोदी सरकार ने समिति का गठन किया है।
मोदी सरकार ने सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के 17 दिग्गजों को लेकर इस समिति का गठन किया है, जो कि 12000 साल से लेकर अब तक भारतीय संस्कृति की शुरुआत और उसमें अन्य संस्कृतियों के मिलने के बाद हुए बदलावों का अध्धयन करेगी। इस समिति का कार्यकाल 1 साल रखा गया है। हालांकि मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐसी किसी भी समिति के गठन की जानकारी होने से साफ इंकार किया है।
कमेटी के चेयरमैन ने समाचार एजेंसी रायटर्स से हुई बातचीत में कहा, ‘उनकी समिति को एक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, जो कि प्राचीन भारतीय इतिहास के कुछ पहलुओं को दोबारा से लिखने में सरकार की मदद करेगी।’ संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने भी एक साक्षात्कार के दौरान स्वीकार किया है कि ‘इस समिति का काम भारतीय इतिहास को संशोधित करने की बड़ी योजना का हिस्सा है।’