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सिक्योरिटी

उत्तराखण्ड में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राजकीय महाविद्यालय में एडमिशन लेने आये छात्रों को पुलिस के सामने पीटा

Prema Negi
16 July 2018 2:29 PM GMT
उत्तराखण्ड में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राजकीय महाविद्यालय में एडमिशन लेने आये छात्रों को पुलिस के सामने पीटा
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महाविद्यालय में प्रवेश लेने गये छात्रों पर परिषद कार्यकर्ताओं ने उस समय हमला बोल दिया, जब वह प्रवेश लेकर परिसर से बाहर निकल रहे थे...

रामनगर, जनज्वार। राजकीय महाविद्यालय रामनगर के नये सत्र में प्रवेश लेने आये छात्रों के साथ आज सोमवार 16 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने जमकर मारपीट की। मारपीट में कई छात्र गंभीर रूप से जख्मी हुए। हैरानी की बात यह है कि सारा वाक्या पुलिस की मौजूदगी में हुआ, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन छात्रों का बीचबचाव कराने के स्थान पर वीडियो बनाने मेें व्यस्त रहा।

मामले में महाविद्यालय प्रशासन ने भी चुप्पी साध ली है। मारपीट की इस घटना में कई छात्र घायल हुए हैं। घटना में घायल हुये छात्रों की ओर से एबीवीपी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित उसके आधा दर्जन साथियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई है।

जानकारी के अनुसार पीएनजी महाविद्यालय में नये सत्र में प्रवेश के लिये दो हजार छात्रों ने आनलाईन पंजीकरण कराया है, लेकिन महाविद्यालय इसमे से केवल 1208 छात्रों को ही प्रवेश दे रहा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस मामले में शासन पर दबाव बनाने के बजाय महाविद्यालय में ही सभी छात्रों को प्रवेश दिये जाने, आॅनलाइन प्रवेश प्रक्रिया दुबारा आरम्भ किये जाने व महाविद्यालय में सीटे बढ़ाये जाने की मांग का लेकर आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन पर महाविद्यालय प्रशासन का साफ कहना है कि सभी मांगें शासन स्तर की हैं, लिहाजा इसमें वह कुछ नहीं कर सकता।

सोमवार को भी एबीवीपी कार्यकर्ता महाविद्यालय में आंदोलन के दौरान धरने पर बैठे थे। इसी बीच उनकी प्रवेश लेने आये छात्रों से कहासुनी होने लगी। महाविद्यालय में प्रवेश लेने गये छात्रों पर परिषद कार्यकर्ताओं ने उस समय हमला बोल दिया, जब वह प्रवेश लेकर परिसर से बाहर निकल रहे थे।

पम्पापुरी निवासी हीरासिंह भण्डारी नामक छात्र का कहना है कि जब वह प्रवेश लेने जा रहा था तो परिसर के बाहर ही पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चन्दन सिंह बिष्ट व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नदीम अख्तर ने उसे प्रवेश लेने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी, जिसको नजरअंदाज करके वह परिसर में चला गया। लेकिन जब वह परिसर से बाहर निकला तो वहां पर पहले से दोनों छात्र नेताओं के साथ मौजूद रविन्द्र सिंह रौतेला, मंजीत सैनी, हिमांशु सिंह, दीपक तड़ागी, मनीष राणा, मुकेश पाण्डे, तरुण बिष्ट उस टूट पड़े।

पुलिस की मौजूदगी में ही इन लोगों ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी, जबकि उसे बचाने आये हेमंत रावत व शिखर भट्ट के साथ भी इन्होने मारपीट करनी शुरू कर दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आपस में सिर-फुटव्वल कर रहे छात्र एबीवीपी के ही दो गुटो से सम्बन्धित हैं। छात्रो की इस मारपीट में कई छात्र चोटिल हो गये, जिनका उपचार चल रहा है। इस मामले में हीरा सिंह भण्डारी की ओर से आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।

एसएसआई कश्मीर सिंह का कहना है कि महाविद्यालय में छात्रों के दो गुटो में मारपीट के प्रकरण में मिली तहरीर पर पुलिस जांच कर रही है, जांच के बाद ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया जायेगा।

पुलिस बनी रही मूकदर्शक

छात्रों के बीच बवाल की आशंका के बीच महाविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया से पूर्व ही शान्ति व्यवस्था के लिये मौजूद पुलिस बल के सामने ही छात्रों में मारपीट होती रही और मौके पर मौजूद पुलिस असहाय बनी रही। यही नहीं एक महिला पुलिसकर्मी तो बीच-बचाव के स्थान पर घटना की ही वीडियो बनाती रही। मौके पर मौजूद पुलिस बल की परवाह किये बिना मारपीट कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं में सत्ता की हनक इस कदर दिखाई दी कि वह पुलिस के हाथों से डंडा छीनकर ही दूसरे गुट की पिटाई करने पर आमादा थे, लेकिन पुलिसकर्मी कुछ नहीं कर पाये।

महाविद्यालय प्रशासन ने साधी चुप्पी

महाविद्यालय परिसर में ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं के दो गुटो में हुये विवाद के बाद महाविद्यालय प्रशासन ने इसमें कोई कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। मारपीट के बाद पहले महाविद्यालय प्रशासन की ओर से आरोपी छात्रो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की बात कर रहे महाविद्यालय प्रशासन ने शाम होते-होते इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली। इस मामले में प्रवक्ता संजय कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से परिसर में पहले से ही पुलिस बल मौजूद था। घटना के समय वह छात्रों को प्रवेश दिये जाने के की प्रक्रिया में व्यस्त थे।

दोनों ओर से कोतवाली में दी तहरीर

महाविद्यालय में हुई मारपीट के मामले में दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। पहली तहरीर मारपीट के शिकार बने हीरासिंह भण्डारी की ओर से आई है, जिसमें नौ छात्रो को नामजद व अन्य को अज्ञात बताते हुये उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर घटना में घायल शिखर भट्ट व हेमंत रावत का मेडिकल भी लगाया गया है, वहीं दूसरे गुट ने भी पहले गुट पर कई आरोप लगाते हुये तहरीर दी है। एसएसआई कश्मीर सिंह का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ पुलिस कार्यवाही की जायेगी।

पछास ने मांगा सभी के लिये प्रवेश

वहीं परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने महाविद्यालय में सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिये जाने की मांग करते हुये छात्रो की संख्या को देखते हुये नये कालेज खोले जाने की मांग की है। एक बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री छात्रों के मुकाबले नये कालेज की व्यवस्था करने में नाकाम रहे हैं, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने सभी छात्रों को प्रवेश न दिये जाने पर व महाविद्यालय में सीटें न बढ़ाये जाने के मुददे पर छात्रों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात की है। बैठक में रवि, चन्दन, इन्दर प्रियांशु, राजेन्द्र, आकांक्षा, परमवीर आदि मौजूद रहे।

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