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आंदोलन

अल्मोड़ा के बासुलीसेरा में 132 केवी हाईटेंशन लाइन डालने के विरोध में ग्रामीणों ने जलाया विद्युत विभाग का पुतला

Prema Negi
26 Dec 2018 8:15 AM GMT
अल्मोड़ा के बासुलीसेरा में 132 केवी हाईटेंशन लाइन डालने के विरोध में ग्रामीणों ने जलाया विद्युत विभाग का पुतला
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ग्रामीणों ने कहा विद्युत विभाग एवं कार्यदायी संस्था उनकी आजीविका छीनने की कर रहे हैं कोशिश, आगामी लोकसभा एवं पंचायत चुनावों का विरोध करने का भी किया ऐलान

अल्मोड़ा, बग्वालीपोखर। बासुलीसेरा के ऐतिहासिक सेरे में विद्युत विभाग द्वारा बिना ग्रामीणों की अनुमति के 132 केवी हाईटेंशन विद्युत लाइन डाले जाने का मामला सामने आया है, जिसका ग्रामीण किसान जोरदार विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिना उनकी अनुमति के विधुत विभाग एवं कार्यदायी संस्था उनकी उपजाऊ जमीन में लाइन डालने जा रही है।

उनका यह भी आरोप है कि विभाग एवं कार्यदायी संस्था द्वारा उन्हें एक ओर जहां प्रलोभन दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उनकी गिरफ्तारी का भय भी दिखाया जा रहा है। पिछले अक्टूबर माह में द्वाराहाट के एसडीएम एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की बैठक हुई थी। ग्रामीणों का कहना था कि वह विकास विरोधी नहीं हैं। वह चाहते हैं कि लाइन उनके घन्याल जंगल से ले जाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनकी आजीविका के एक मात्र साधन उनके खेतों से लाइन डालने में उन्हें आपत्ति है।

उक्त बैठक में एसडीएम द्वाराहाट ने लाइन अन्यत्र ले जाने के लिए दूसरा सर्वे कराने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इस बीच विद्युत विभाग ने अपने वकील के माध्यम से किसानों पर दबाव बनाना आरम्भ कर दिया है। विभाग ने वकील के माध्यम से सेरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्र सिंह बोरा, ग्राम प्रधान दीपा देवी एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य गीता देवी को अलग-अलग नोटिस भेज कर मनगढंत आरोप लगाकर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया है।

जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह आरोप निराधार है तथा विद्युत विभाग एवं कार्यदायी संस्था उनकी आजीविका छीनने की कोशिश कर रहे हैं। विद्युत विभाग ने ग्राम प्रधान सहित किसी भी जनप्रतिनिधि से अनापत्ति लिए बिना बिना ग्रामीणों को सूचना दिए जबरन लाइन डालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसी के विरोध में कल 25 दिसंबर काके बासुलीसेरा के ग्रामीणों ने विद्युत विभाग एवं कार्यदायी संस्था का पुतला जलाने के बाद ऐलान किया है कि यदि शासन-प्रशासन अब भी नहीं चेता तो वह आगामी लोकसभा एवं पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेंगे तथा किसी भी पार्टी के नेताओं को क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे।

किसानों का यह भी कहना है कि उनके गेहूं की फसल तैयार हो रही है और दूसरी ओर उनकी फसल उजाड़ने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। उनका यह भी कहना है कि गांवों से अधिकांश लोग तो पलायन कर चुके हैं जो लोग यहां रह कर जीना भी चाहते हैं तो उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है।

किसानों ने जब विद्युत विभाग से सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाही तो विभाग पत्र को एक विभाग से दूसरे विभाग को ट्रांसफर करता रहा। उसके बाद मुख्य सूचना आयुक्त के पास शिकायत की गई। यदि विभाग सही होता तो किसानों को जानकारी उपलब्ध करवाता, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। ग्रामीण इस बात से आहत हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि शासन-प्रशासन समय पर नही चेता तो वह आंदोलन करने पर विवश होंगे। इसके लिए फिर चाहे कुछ भी करना पड़े। विद्युत विभाग और कार्यदायी संस्था किसानों को कमजोर न समझे।

विरोध करने वालों में महिला मंगल दल की अध्यक्ष चंपा देवी, ग्राम प्रधान दीपा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपा देवी, सेरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्र सिंह बोरा एवं सचिव गोबिंद सिंह भंडारी, सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र अधिकारी, श्याम सिंह बोरा, विमल बिष्ट, सुरेंद्र नेगी, पूरन भरडा, आनंदी देवी, बसंती देवी, ख्याली राम, वीरेंद्र बोरा, सुरेंद्र अधिकारी, सोनू नेगी, तेज सिंह, लाल सिंह भंडारी, सुनील बनेशी, चंदन बोरा आदि लोग उपस्थित थे।

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