आरटीआई से हुआ खुलासा उत्तराखण्ड में पोस्टेड 50 आईएएस में से मात्र 7 ने सार्वजनिक किया परिसंपत्तियों का विवरण
उठ रहे हैं सवाल क्या उत्तराखण्ड सरकार में हैं सिर्फ 7 आईएएस पोस्टेड, या फिर प्रशासकों का काम करने का तरीका है यही
जनज्वार, देहरादून। देशभर में कहीं भी पोस्टेड आईएसएस अधिकारियों को अपनी संपत्ति का विवरण उनसे संबंधित वेबसाइट पर खुद अपलोड कर ई साइन के माध्यम से सार्वजनिक करना होता है, और यह जनवरी माह के अंत तक करना होता है। मगर उत्तराखण्ड में पोस्टेड 50 आईएएस अधिकारियों में से मात्र 7 ने अपनी परिसंपत्तियों का विवरण सार्वजनिक किया है वह भी कार्मिक विभाग के पास उपलब्ध कराया है। यह खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से हुआ है।
सवाल है कि आखिर 2016—17 की परिसंपत्तियों का विवरण शेष 43 आईएएस अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं किया गया है, क्या हमारी व्यवस्था ही इतनी लुंज—पुंज है कि जिसमें किसी तरह की कोई जवाबदेही ही तय नहीं है, या फिर सिस्टम के काम करने का तरीका ही यही है।
एक आरटीआई के तहत हेमंत सिंह गोनियॉ द्वारा सूचना मांगी गई थी कि संपत्ति का विवरण जोकि संबंधित आईएएस अधिकारियों द्वारा ई—साइन के माध्यम से वेबसाइट पर जनवरी अंत तक अपलोड कर दिया जाता है, अब तक क्यों नहीं डाला गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत सिंह गोनियॉ द्वारा लगाई गई एक आरटीआई में पूछा गया था कि राज्य में तैनात 50 आईएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध क्यों नहीं कराया है। जिसके जवाब में लोक सूचना अधिकारी/ अनुसचिव द्वारा हस्ताक्षित जवाब में कहा गया है, 7 आईएएस अधिकारियों ने 2016-17 के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से पहले अपनी संपत्ति का विवरण घोषित किया है, जिसे http://www.ipr.ias.nic.in पर देखा जा सकता है और शेष आईएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक नहीं किया है।
उत्तराखण्ड सरकार के कार्मिक विभाग ने आरटीआई का जवाब देते हुए कहा है कि 7 आईएएस अधिकारियों जिनमें एस रामास्वामी, रणवीर सिंह, आशीष जोशी, सुश्री सोनिक, सुशील कुमार, आर राजेश कुमार और ज्योति नीरज खेंरवाल ने अपनी 2016—17 संपत्ति का विवरण सीधे कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया है, जिसे वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।