डॉक्टर ने मास्क की कमी पर उठाए थे सवाल, पुलिस बुरी तरह पीटते हुए दोनों हाथ बांधकर ले गयी थाने

डॉक्टर सुधाकर को पुलिस स्टेशन ले जाने लिए पुलिस ने उसके दोनों हाथों को चेन से बांधा और फिर ऑटो में डालने के लिए उसे बुरी तरह पीटा। डॉक्टर सुधाकर ने आरोप लगाया था कि डॉक्टरों को एन-95 मास्क नहीं दिए गए थे और 15 दिनों तक काम करवाया गया था....
जनज्वार ब्यूरो। आंध्र प्रदेश के औद्योगिक शहर विशाखापट्टनम से दिल दहलाने वाली खबर सामने आ रही है। जहां विशाखापट्टनम पुलिस ने एक डॉक्टर को पहले बुरी तरह पीटा और फिर उसके बाद उसे सड़क पर घसीटा। बताया जा रहा है कि उस व्यक्ति दो महीने पहले डॉक्टरों की लिए एन-95 मास्क कमी को लेकर खुलकर अपनी बात रखी थी। जिसके बाद अनुशासनहीनता के आरोप में उसे निलंबित कर दिया गया था। इस घटना की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
Doctor sudhakar who has raised many questions on masks and gloves to face corona is seen on visakhapatnam roads like this - after suspension from services , mentally upset and protested on vizag roads half naked. Police have taken him into custody @YSRCParty @AndhraPradeshCM pic.twitter.com/GDVMbAOIA9
— Lokesh journo (@Lokeshpaila) May 16, 2020
डॉ. सुधाकर के साथ जब यह इस तरह की अमानवीय घटना हो रही थीं तब सैकड़ों लोग मूकदर्शक बने रहे। पुलिस ने उसे थाने ले जाने लिए उसके दोनों हाथों को चेन से बांधा और फिर ऑटो में डालने के लिए उसकी बुरी तरह पिटाई की। डॉ. सुधाकर ने मार्च के महीने में आरोप लगाया था कि डॉक्टरों को एन-95 मास्क नहीं दिए गए थे और उन्हें 15 दिनों के लिए बिना मास्क के काम करने के लिए कहा गया था। स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें झूठ फैलाने के आरोप में निलंबित कर दिया था।
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'मुंबई मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक, विजाग पुलिस कमिश्नर आरके मीणा ने बताया कि डॉक्टर की पिटाई करने वाले कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। डॉक्टर के साथ पुलिस के इस बर्ताव ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। नतीजतन लोग सोशल मीडिया पर इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
డాక్టర్ సుధాకర్ పై జరిగిన అమానుష చర్యకు నిరసనగా, రాష్ట్ర వ్యాప్తంగా ఆందోళన చేస్తున్న టిడిపి నేతలు#JusticeForDrSudhakar#DalitVoice pic.twitter.com/IbgRqnQqiE
— Telugu Desam Party #StayHomeSaveLives (@JaiTDP) May 17, 2020
विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी, सीपीआई और अन्य दलों ने इस घटना की निंदा की और इसे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का प्रतिबिंब बताया है।
డాక్టర్ సుధాకర్ పై జరిగిన అమానుష చర్యకు నిరసనగా, రాష్ట్ర వ్యాప్తంగా ఆందోళన చేస్తున్న టిడిపి నేతలు#JusticeForDrSudhakar#DalitVoice pic.twitter.com/txmenPUqAg
— Telugu Desam Party #StayHomeSaveLives (@JaiTDP) May 17, 2020
पुलिस आयुक्त मीणा ने कहा कि पुलिस नियंत्रण कक्ष को एक कॉल आया था जिसमें कहा गया था कि एक व्यक्ति अक्कय्यपालम इलाके में राजमार्ग पर उपद्रव कर रहा है। उनके अनुसार, फोर्थ टाउन पुलिस ने उस स्थान पर जाकर पता लगा कि वह व्यक्ति वर्तमान में निलंबित हैं जो नरसीपट्टनम सरकारी अस्पताल के डॉ. सुधाकर हैं।
मीणा ने दावा किया, 'पुलिस ने डॉ. सुधाकर को हिरासत में ले लिया और उन्हें स्टेशन पर स्थानांतरित कर दिया, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात में असुविधा से बचा जा सके।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर नशे में धुत था। उन्हें राज्य के किंग जॉर्ज अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजा गया है। पुलिस शराब परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद उचित आईपीसी धाराओं के तहत डॉ. सुधाकर के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला करेगी। मीणा ने कहा कि एक कांस्टेबल को डॉक्टर की पिटाई के लिए निलंबित कर दिया गया है।
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किंग जॉर्ज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. के अर्जुन ने एक बयान में कहा कि डॉ. सुधाकर को इलाज के लिए मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में भेजा गया था। उन्होंने कहा, 'डॉ. सुधाकर को शाम 6.30 बजे केजीएच आकस्मिक वार्ड में लाया गया था। गंध से पता चला कि वह नशे की हालत में था। शराब के प्रभाव में उसने किसी के साथ सहयोग नहीं किया और सभी को गालियाँ देता रहा। फिर भी उसकी नब्ज, बीपी चेक की गई। पल्स 98, बीपी 140/100 था। उसके खून में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाने के लिए रक्त के नमूने को फॉरेंसिक लैब में भेजा गया।'