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निर्भया के बलात्कार-हत्या दोषियों के वकील एपी सिंह ने अपने मुवक्किल को बचाने के लिए किया फ्रॉड, फांसी पर अभी संशय बरकरार

Prema Negi
18 Jan 2020 5:43 AM GMT
निर्भया के बलात्कार-हत्या दोषियों के वकील एपी सिंह ने अपने मुवक्किल को बचाने के लिए किया फ्रॉड, फांसी पर अभी संशय बरकरार
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निर्भया गैंगरेप में शामिल पवन को नाबालिग साबित करने के लिए बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने अदालत में जो कागजात पेश किए वे थे फर्जी, इसी के बाद हाईकोर्ट ने पवन की याचिका की थी खारिज और सिंह को कड़ी फटकार लगाते हुए किया था 25 हजार का जुर्माना...

जनज्वार। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने निर्भया के तीन दोषियों के वकील एपी सिंह को नोटिस जारी कर दिया है, साथ ही दो हफ्ते के भीतर उनसे जवाब देने का भी निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली बार काउंसिल को हाईकोर्ट ने निर्भया के बलात्कार और हत्या के दोषियों के वकील एपी सिंह पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने एपी सिंह पर 25,000 का जुर्माना भी ठोका था, क्योंकि वो कोर्ट के निर्देश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

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कोर्ट में हाजिर होने के लिए कोर्ट की तरफ से दोषियों के वकील एपी सिंह को समन भी भेजा गया था, मगर उन्होंने अदालत में उपस्थित देना तो दूर जवाब देना तक मुनासिब नहीं समझा, इसलिए कोर्ट ने उन पर 25 हजार जुर्माना भी लगाया।

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निर्भया के बलात्कार दोषियों के वकील एपी सिंह पर फर्जीवाड़े का आरोप भी लगा था। मीडिया में उजागर हुआ था कि निर्भया गैंगरेप केस में अपने मुवक्किल दोषी पवन गुप्ता को बचाने के चक्कर में एपी सिंह फर्जीवाड़ा तक कर बैठे। जानकारी के मुताबिक पवन को नाबालिग साबित करने के लिए उन्होंने अदालत में जो कागजात पेश किए थे, वे फर्जी थे। इसी के बाद हाईकोर्ट ने पवन की याचिका खारिज कर दी थी, और एपी सिंह पर अदालत को गुमराह करने के लिए 25 हजार का जुर्माना ठोका था।

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र्जी आयु प्रमाणपत्र बनाने के बावजूद दोषियों के वकील निर्भया गैंगरेप केस में अपने मुवक्किलों को बचाने में जी जान से लगे हुए हैं। मीडिया में आये एपी सिंह के एक बयान के मुताबिक उनके मुवक्किलों की फांसी की सजा पर तामील नहीं किया जा सकता। मुवक्किलों को लूट के एक अन्य मामले में सजा सुनाई गई थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। यानी 1 फरवरी को भी निर्भया के दोषियों को फांसी होगी या नहीं होगी, इसमें संशय है।

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हीं इस मामले में निर्भया के बलात्कार और हत्या के दोषियों की फांसी पर लगातार हो रही देरी को लेकर पीड़िता की मां आशा देवी बहुत निराश हैं। उन्होंने कहा कि हमारा कानून दोषियों के साथ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट किया है, निर्भया की मां को सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए। जिस तरह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी को माफ कर दिया, निर्भया की मां भी उसके दोषियों को माफ कर दें।'

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