राष्ट्रीय

कोरोना से जंग में पूरे देश की उम्मीद बना 'भीलवाड़ा मॉडल'- SDM टीना डाबी ने बताई कैसे मिली कामयाबी

Janjwar Team
11 April 2020 6:27 AM GMT
कोरोना से जंग में पूरे देश की उम्मीद बना भीलवाड़ा मॉडल- SDM टीना डाबी ने बताई कैसे मिली कामयाबी
x

कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद भीलवाड़ा प्रशासन ने इस महामारी के खिलाफ जो सफल रणनीति अपनाई उसे ही 'भीलवाड़ा मॉडल' कहा जा रहा है जिसकी आज देशभर में चर्चा है.

जनज्वारः कोरोना वायरस से उभरने वाला भीलवाड़ा देश का पहला जिला है. राजस्थान के इस शहर में 19 मार्च को पहला कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया था और उसके बाद भीलवाड़ा में कोरोना के केस कुछ इस गति से बढ़ने लगे कि इसे कोविड-19 का एपिक सेंटर बताया जाने लगा.

कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद भीलवाड़ा प्रशासन ने इस महामारी के खिलाफ जो सफल रणनीति अपनाई उसे ही 'भीलवाड़ा मॉडल' कहा जा रहा है जिसकी आज देशभर में चर्चा है.

कोरोना के खिलाफ बनाई गई योजना की मुख्य रणनीतिकारों में एक रही एसडीएम टीना डाबी ने इस पूरी प्रक्रिया को समझाया कि कैसे प्रशासन ने लोगों की मदद से कोरोना वायरस को काबू में कर लिया.

बता दें 2015 आईएएस परीक्षा की टॉपर और 2016 आईएएस बैच की अफसर टीना डाबी अक्टूबर 2018 से भीलवाड़ा में बतौर एसडीएम कार्यरत हैं.

यह भी पढ़ें- 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाएगा लॉकडाउन? मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री कर सकते हैं घोषणा

डाबी ने कहा, सबसे पहले हमने जिले को सील करने का फैसला लिया और यह तय किया कि स्थानीय लोगों को इस आइसोलेशन के लिए तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया, हमें पहले केस का 19 मार्च को पता चला और 20 मार्च को हमने पता लगा लिया कि इलाके का एक प्राइवेट हॉस्पिटल इस पूरे संकट का केंद्र हो सकता है.

टीना डाबी जिस प्राइवेट हॉस्पिटल का जिक्र कर रही हैं उसका नाम है ब्रिजेश बंगर मेमोरियल हॉस्पिटल (BBMH) जिसके डॉक्टर और स्टाफ इलाके के सबसे पहले करोना संक्रमितों में से एक थे.

यह भी पढ़ें- निजामुद्दीन मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे 159 जमातियों की लिस्ट में 108 निकले हिंदू, उच्च न्यायालय ने जांच के दिए आदेश

प्रशासन ने कोई देरी नहीं करते हुए भीलवाड़ा में लॉकडाउन लागू करवा दिया. पूरे देश में लॉकडाउन 25 मार्च को लागू हुआ लेकिन भीलवाड़ा में यह उससे पहले ही लागू हो चुका था.

टीना डाबी ने कहा, 'दो घंटे के अंदर जिले के कलेक्टर राजेंद्र भट ने पूरी तरह से लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू करने का फैसला ले लिया' डाबी ने बताया कि वह खुद सड़कों पर निकली और लोगों से सबकुछ बंद करने को कहा.

डाबी ने कहा, हमने लोगों से विनती की कि वे अपने घरों को जाएं, हमने उन्हें बताया को घबराने या परेशान होने की कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा, पहले तीन और चार दिन हमें सिर्फ पेनिक कॉल ही आ रही थी, हमें बहुत सारी चीजों को हैंडल करना था लेकिन हमने हेल्थ इमजरेंसी के दौर में इस लड़ाई को एक गर्व का विषय माना और निश्चय किया कि चाहे जो हो हमें कामयाब होना है.

यह भी पढ़ें- अंधविश्वास : कोरोना से बचने के लिए शिवजी की मूर्ति को दूध पिलाने लगी जनता, 13 के खिलाफ केस दर्ज

उन्होंने कहा- जरूरी सामनों की डोर टू डोर सप्लाई का काम बेहद जरूरी था ताकि लोग लॉकडाउन को स्वीकारने और सहयोग करने के लिए तैयार हो सकें. हमें इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिर में हमने कर दिखाया.

डाबी ने कहा कि अगर लोग लॉकडाउन को स्वीकर नहीं करेंगे तो लॉकडाउन तीन या चार दिन से ज्यादा नहीं चल सकता

इसलिए जरूरी है कि आवश्यक चीजों की सप्लाई न रुके.

टीना डाबी ने कहा, हर कोई भीलवाड़ा को लेकर डरा हुआ था लेकिन अब हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है. हमें लोगों को समझाने में तीन-चार दिन लगे लेकिन उसके बाद वे हमें सहयोग करने लगे.

Next Story

विविध