BHU की चीफ प्रोक्टर को कैंपस से संघ का झंडा उखाड़ फेंकने की मिली सजा, इस्तीफा देना पड़ा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कुछ छात्र रोजाना की तरह राष्ट्रीय स्वंयसेवक का भगवा झंड़ा लगाकर योग कर रहे थे। इस बात की खबर जब चीफ प्रॉक्टर किरण दांबले को लगी तो वे परिसर में घूमने के बहाने गई। छात्र आंख बंद करके योगासन कर रहे थे। इसी दौरान किरण दांबले ने संघ का झंड़ा उखाड़ के फेंक दिया...
बीएचयू के बरकछा स्थित राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में 12 अक्टूबर की सुबह बीएचयू के छात्र कॉलेज परिसर में आरएसएस का झंड़ा लगाकर रोजाना की तरह योगा कर रहे थे। चीफ प्रॉक्टर ने झंड़े को उखाड़ फेका। इस बात से नाराज छात्रों ने जमकर हंगामा किया। यही नहीं छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर से माफी मागने को कहा। हंगामा इतना बढ़ गया कि शांत कराने के लिए संघ के पदाधिकारियों औऱ नजदीकी पुलिस को आना पड़ा।
इस देश में सर्वोंपरी झंड़ा केवल तिरंगा ही है जो हर धर्म के लिए एक है। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि हर जाति-धर्म ने अपनी-अपनी पहचान को झंड़े में छिपा लिया है।
मिर्जापुर के बरकछा स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कुछ छात्र रोजाना की तरह राष्ट्रीय स्वंयसेवक का भगवा झंड़ा लगाकर योग कर रहे थे। इस बात की खबर जब चीफ प्रॉक्टर किरण दांबले को लगी तो वे परिसर में घूमने के बहाने गई। छात्र आंख बंद करके योगासन कर रहे थे। इसी दौरान किरण दांबले ने संघ का झंड़ा उखाड़ के फेंक दिया।
इस बात की जानकारी छात्रों को लगी तो वे आगबबूला हो उठे और जमकर कर परिसर में तोड़-फोड मचाई। छात्रों का कहना था कि जब तक किरण दांबले अपने गुनाह की माफी नही मांग लेती हम शांत नही बैठैगें। किरण दांबले के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों ने खूब नारेबाजी की और कहा जब तक वे माफी नहीं मांग लेती हैं। तब तक हम प्रदर्शन करेंगे।
मामला गरमाते ही जा रहा था। माहौल को देखते हुए मौके पर पुलिस बल को बुलाया गया। मौके पर पहुंचे देहात कोतवाल के थानाध्यक्ष अभय सिंह ने अपने पुलिस बल के साथ हंगामे को शांत कराया। मामले की गर्माते देखकर संघ के पदाधिकारी सोहन लाल ने छात्रों को कार्यवाही का आश्वाशन दिया है।
आखिरकार में किरण दाबले को इस्तीफा देकर छात्रों के सामने झुकना पड़ा। उनका कहना था कि मुझे इस झंड़े के बारे में नहीं पता था। इस बात के लिए मैं माफी मांगती हूं। वहीं इस पूरे मामले पर छात्रों का कहना था कि हम रोजाना की तरह संघ की शाखा लगाये थे। हमारी आंखे बंद होने के कारण किरण मैडम ने झंडे को उखाड़ फेंका।
किरण दांबले ने छात्रों पर आरोप लगाया कि छात्र गोला बनाकर बातें कर रहे थे। उन्हें कई बार बुलाया गया लेकिन वे उन्होंने नहीं सुना। अयोध्या को लेकर मुद्दा गरम है। इसी बात को देखते हुये मैने झंड़े को निकाल दिया।