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सुप्रीम कोर्ट के वकील के साथ प्रेम प्रसंग से गुस्साए जज पिता ने बेटी के साथ की मारपीट, बनाया बंधक

Janjwar Team
25 Jun 2018 7:32 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट के वकील के साथ प्रेम प्रसंग से गुस्साए जज पिता ने बेटी के साथ की मारपीट, बनाया बंधक
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अंतरजातीय ​होने के चलते वकील से नहीं करना चाहते जज अपनी बेटी की शादी, बहाना बनाकर वकील लड़के से कहा पहले सिविल सर्वेंट या जज बनकर दिखाओ फिर करना शादी की बात...

पटना, जनज्वार। बिहार के खड़गिया जिला सेशन कोर्ट के जज द्वारा अपनी ही बेटी को घर में कैद कर बंधक बनाने का मामला सामने आया है। लीगल न्यूज वेबसाइट बार एंड बेंच डॉट कॉम के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के वकील से प्रेम प्रसंग से गुस्साए जज सुभाष चंद्र चौरसिया ने अपनी 24 वर्षीय लॉ ग्रैजुएट बेटी यशस्विनी के साथ न सिर्फ मारपीट की, बल्कि उसे घर में कैद करके रखा हुआ है।

अब यह मामला पटना हाईकोर्ट के संज्ञान में आ चुका है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और राजीव रंजन प्रसाद की डिविजन बेंच द्वारा की जाएगी। बार ऐंड बेंच वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जज की बेटी यशस्विनी पटना की चाणक्य नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एक लॉ ग्रैजुएट है, जिसके सुप्रीम कोर्ट के एक वकील सिद्धार्थ बंसल के साथ प्रेम संबंध चल रहा है। इसका पता जब जज पिता सुभाष चंद चौरसिया सहित परिवार को चला तो उसके साथ मारपीट कर उसे घर में बंधक बनाकर रखा गया।

खबर के मुताबिक, यशस्विनी वर्ष 2012 में पहली बार साकेत कोर्ट कॉम्प्लेक्स में इंटर्नशिप के दौरान सिद्धार्थ बंसल से मिली थी। सिद्धार्थ बंसल सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं। यशस्विनी छह मई को जब दिल्ली जुडिशियल सर्विस की परीक्षा देने के लिए अपनी मां के साथ गयी थी, तो वहां पर सिद्धार्थ भी यशस्विनी से मिलने आया। दोनों होटल के बाहर एक-दूसरे से मिले। यहीं पर यशस्विनी के साथ गई उसकी मां को उन दोनों के प्रेम प्रसंग की बात पता चली और वह बिना परीक्षा दिलवाए खगड़िया वापस लौट आई।

मां से अन्य परिजनों और पिता को जब यशस्विनी के अफेयर की बात खगड़िया लौटने पर पता चली तो उसको मारा-पीटा गया और उसके मोबाइल से ही सिद्धार्थ को फोन कर लड़की के रोने की आवाज सुनायी गयी। यशस्विनी को परिजनों द्वारा टॉर्चर किए जाने की बात जानकर सिद्धार्थ वरिष्ठ सहयोगियों के साथ खगड़िया आकर अपनी प्रेमिका के पिता से 25 मई को मिले।

सिद्धार्थ ने जब यशस्विनी से शादी की इच्छा जाहिर की तो अंतरजातीय होने के कारण सिद्धार्थ से विवाह के लिए यशस्विनी के पिता तैयार नहीं हुए। हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि उन्होंने सिद्धार्थ के सामने शर्त रखी कि सिविल सर्वेंट या जज बनने पर वह यशस्विनी की शादी उनसे करेंगे। खगड़िया से लौटकर सिद्धार्थ पटना गए और बिहार पुलिस के मुखिया केएस द्विवेदी से मिलकर उन्हें सारी बातें बतायीं।

डीजीपी केएस द्विवेदी ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले महीने बेगूसराय में रिव्यू मीटिंग के दौरान वह एक दिल्ली के वकील से मिले थे। उन्होंने कहा कि खगड़िया एसपी मीनू कुमारी से मैंने मामले को देखने के लिए कहा है।

दूसरी तरफ इस मामले में खगड़िया की महिला पुलिस स्टेशन एसएचओ किरण कुमारी कहती हैं, सिद्धार्थ ने लड़की को बचाने के लिए एक लिखित शिकायत दी है। एसएचओ ने कहा कि वह जज के आवास पर लड़की से मिली थीं। यशस्विनी ने बताया था कि वह खुश है। (फोटो : प्रतीकात्मक)

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