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आंदोलन

बिहार के कटिहार में श्रमिक एक्सप्रेस से उतरे भूखे-प्यासे श्रमिकों ने किया हंगामा तो पुलिस ने बरसाईं लाठियां

Prema Negi
4 Jun 2020 8:09 AM GMT
बिहार के कटिहार में श्रमिक एक्सप्रेस से उतरे भूखे-प्यासे श्रमिकों ने किया हंगामा तो पुलिस ने बरसाईं लाठियां
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बिहार के कई जिलों के प्रवासियों को लेकर डायवर्ट रूट से कटिहार पहुंची थी श्रमिक एक्सप्रेस, स्टेशन पर घर जाने की व्यवस्था और भोजन नहीं मिलने से भड़के मजदूर

जनज्वार, पटना। सरकार और रेलवे लाख दावे करें पर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों और सरकार की कुव्यवस्था के कारण अक्सर हंगामे हो रहे हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व ही छपरा जंक्शन पर भयंकर उपद्रव हुआ था और गुरुवार 4 जून को कटिहार स्टेशन पर हंगामा हो गया।

गुरुवार 4 जून को श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन द्वारा केरल से बिहार के कई जिलों के मजदूर कटिहार स्टेशन पहुंचे। यह ट्रेन भी कई स्थानों से डायवर्ट होकर नियत समय से घंटों की देरी से पहुंची थी, लिहाजा मजदूर भूखे भी थे। अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन अपने अंतिम चरण में है,जिस कारण कटिहार स्टेशन पर न तो इन्हें खाना मिल पाया, न ही इनके अपने जिलों में जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी।

घंटों से भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूर कहते हैं कि वे केरल से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से चले थे। उन्हें छपरा और जहानाबाद जाना था, लेकिन कटिहार ले आया गया। ट्रेन में खाने पीने के लिए कुछ नहीं दिया गया। स्टेशन पर उतरने के बाद भी कोई पूछने वाला नहीं था। घर जाने के लिए बस वाले से बात की तो वे प्रति व्यक्ति एक हजार रुपए मांग रहे थे। हमारे पास घर जाने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं रेल प्रशासन ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।

से देख मजदूर उग्र हो गए और हंगामा करने लगे। बाद में उन्होंने सड़क को जाम कर दिया। सूचना मिलने पर प्रशासन और पुलिसबल भी पहुंचा और इन्हें मनाने की कोशिश करने लगा, पर मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए और हंगामा बढ़ने लगा। फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और मजदूरों को सड़क से खदेड़ा। इसमें कुछ मजदूरों के चोटिल होने की बात भी बताई जा रही है। इसके बाद डीएम ने स्थानीय प्रशासन को भेजकर मजदूरों को उनके जिलों में पहुंचाने की व्यवस्था शुरू कराई है।

जानकारी के मुताबिक हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह जिला छपरा और जहानाबाद जाने के लिए कटिहार पहुंचे थे। मजदूरों की मांग थी कि इन्हें खाना दिया जाय और गृह जिला जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाय। नहीं तो नकद पैसे दिए जाएं, ताकि वे खाना खा सकें और अपने घर जा सकें।

ल्लेखनीय है कि बिहार में अब श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अपने अंतिम दौर में है। यही नहीं आने वाले प्रवासियों को क्वारंटीन के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों को भी 15 जून से बंद करने का फैसला बिहार सरकार ने कर लिया है

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