भाजपा नेता ने कहा अब बकरी को माता मान गोश्त खाना छोड़ें हिंदू
बकरी को माता मानने का विचार एक बड़े ही ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते और पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता और पार्टी उपाध्यक्ष ने दिया है...
जनज्वार। ये तो होना ही था! जब गाय माता हो सकती है, फिर बकरी क्यों नहीं, फिर मुर्गी में क्या समस्या है और मछली भी माता बनने में क्यों कम रहे और अगले पायदान पर माता बनने की श्रेणी में सुअर भी तो हो सकता है।
ऐसे में आप मान कर चलिए कि एक के बाद एक जैसी ज्ञान गंगा भाजपा और संघी नेताओं द्वारा बहाई जा रही है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में देश में मूर्खताओं और अंधविश्वासों का डंका बजेगा, हर तरफ ओझा—सोखा, तंत्र—मंत्र से सरकारें चलेंगी और विज्ञान और वैज्ञानिक सोच की बात करने वाले लोग लिंचिंग के शिकार होंगे।
खैर! इस बार बकरी को माता मानने का ज्ञान ट्विटर पर नेताजी यानी स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के परपोते और बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस की ओर से आया है।
चंद्र कुमार बोस ने अपने दादा शरतचंद्र बोस और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात का हवाला देते हुए लिखते हैं, 'गांधी जी बकरी का दूध पीते थे इसलिए बकरी को माता मानते थे।
एक बार गांधी जब उनके दादा शरतचंद्र बोस के घर- घर नं-1, वुडबर्न पार्क कोलकाता में आकर रुके तो उन्होंने बकरी का दूध पीने की मांग की। उनकी इस मांग को पूरा करने के लिए मेरे घर दो बकरियां लाईं गईं। गांधी हिन्दुओं के संरक्षक थे और बकरी को माता मानते थे इसलिए हिन्दुओं को मीट नहीं खाना चाहिए।'