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शिक्षा

बीजेपी ने फैलाया झूठ, नहीं हुआ एसएससी आंदोलकारियों का धरना खत्म

Janjwar Team
5 March 2018 11:15 AM GMT
बीजेपी ने फैलाया झूठ, नहीं हुआ एसएससी आंदोलकारियों का धरना खत्म
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अखबारों ने भी की सत्ताधारी पार्टी की जी हुजूरी, आंदोलन को भरमाने की कोशिश में लगी मीडिया, लिखा और दिखाया वही जो डिक्टेशन दिया बीजेपी ने और उसके दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने

मोदी सरकार के आने के बाद शुरू हुई डिजिटल परीक्षा, छात्रों का दावा कि डिजिटलाइजेशन के बाद आॅलनाइन परीक्षा में धांधली हुई और आसान, साथ ही पेपर लीक होने के मामले भी बढ़े...

जनज्वार, दिल्ली। पिछले कई दिनों से दिल्ली में स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड यानी एसएससी के हेडक्वार्टर पर देशभर से आये युवा आंदोलनरत हैं। इनका आरोप है कि सरकारी नौकरी के लिए एसएससी द्वारा फरवरी में कराई गई परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी हुई है। पेपर लीक हुआ है, जिस वजह से अयोग्य लोग परीक्षा पास करने जा रहे हैं और योग्य उम्मीदवार पढ़ाई लिखाई और मेहनत करने के बाद भी सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पाएंगे।

छात्रों ने कहा कि परीक्षा लीक कराके 8 से 30 लाख तक में पेपर बेचे जाते हैं। कोचिंग संस्थानों की भी इनमें मिलीभगत हो सकती है, पर छात्रों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में समयबद्ध तरीके से सरकार सीबीआई मामले की सीबीआई जांच कराए।

कल आधी रात को प्रदर्शनकारियों के बीच से स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी लौटे। उनसे प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि अभी धरना खत्म नहीं हुआ है, जबकि सोशल मीडिया पर बीजेपी लगातार धरना खत्म होने की अफवाह फैला रही है।

भाजपा ने प्रचारित किया ये झूठ

योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, 'CGO कॉम्प्लेक्स के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों से बात करके लौटा हूं। सभी ने एक मत से बीजेपी की इस साजिश को नकार दिया है। आंदोलन जारी है, नई ऊर्जा और जोश के साथ। अभी अभी जयपुर से नया समूह आया है, और लोग भी पहुंच रहे हैं।'

2013 और 2015 में छात्रों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा परीक्षाओं में होने वाली धांधली और पेपरलीक मामले की जांच कर चुकी है। हालांकि पुलिस ने कहा कि उसे पेपरलीक मामले में कोई दोषी नहीं मिला, जबकि हर साल परीक्षा से पहले पर्चे लीक होने की खबरें मीडिया में छाई रहती हैं। इसीलिए इस बार छात्रों की मांग है कि वे सीबीआई से कम की जांच स्वीकार नहीं करेंगे।

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कल शाम को आंदोलन को संबोधित करते हुए कुछ कोचिंग सेंटर के शिक्षक दूसरे शिक्षकों पर व्यक्तिगत हमले भी करने लगे थे। कुछ शिक्षक आंदोलन को भगेड़ू बताने पर तुले थे, मगर जब छात्रों ने ऐतराज जताया तो फिर सब एकजुट हुए।

देखें वीडियो :

जनज्वार से हुई बातचीत में छात्रों ने कहा हमारा आंदोलन एसएससी के स्कैम के खिलाफ है, न कि हम किसी को व्यक्तिगत हमले का मौका देने के लिए इस्तेमाल होंगे। छात्रों को संबोधित करते हुए जहां एक शिक्षक रोने लगा तो दूसरी तरफ एक दूसरा शिक्षक आंदोलन के लिए जान देने जैसे इमोशनल अत्याचार भी करने लगा। पर छात्र इस बात को समझ रहे थे और उन्होंने बातचीत में कहा भी कि शिक्षकों के इमोशनल अत्याचारों से हमारा आंदोलन मजबूत होने के बजाय कमजोर होगा।

छात्रों ने यह भी कहा कि आंदोलन में जब से भाजपा का छात्र संगठन एबीवीपी ने घुसपैठ की है, लगातार हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिशें जारी हैं।

आंदोलन में शामिल होने हरियाणा के हिसार से आए मनीष कुमार पूछते हैं, एसएससी का चेयरमैन कौन होता है सीबीआई जांच के लिए कहने वाला, सरकार कहेगी तब हम मानेंगे। हम पार्टियों के फरेब में फंसने वाले नहीं हैं।

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जब कल जनज्वार टीम सीजीओ कॉम्प्लैक्स के सामने धरना दे रहे छात्रों के बीच पहुंची आंदोलन दो हिस्सों में बंट चुका था। छात्रों का एक हुजूम गेट की तरफ शांत बैठा था तो दूसरा हुजूम बेहद तनावपूर्ण स्थिति में मीटिंग कर रहा था। भीड़ की मन:स्थिति और शिक्षकों के संबोधन के बाद तनाव इतना बढ़ गया कि कई बार छिटपुट मारपीट होने की स्थितियां भी उपजीं। पर मामला संभल गया और छात्र लगातार दुहाई देते रहे कि हमें आंदोलन को मजबूत और व्यापक करना है न कि हिंसक होना है।

दरभंगा मूल के दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहे छात्र मिथिलेश तिवारी कहते हैं, मोदी सरकार मुद्दे का घालमेल करके छात्रों को बरगलाने की तैयारी में दिख रही है।

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पूरे आंदोलन स्थल को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि शिक्षकों में भले गुटबाजी हो लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर दृढ़ और एकजुट हैं। और यही बात इस आंदोलन का सकारात्मक पक्ष भी है, इसी से उम्मीद भी बढ़ती है।

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