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उत्तर प्रदेश

लॉकडाउन में फंसे गरीबों से यूपी सरकार के किराया वसूली पर सवाल उठाने वाले सपा नेता पर मुकदमा दर्ज

Prema Negi
31 March 2020 1:35 PM GMT
लॉकडाउन में फंसे गरीबों से यूपी सरकार के किराया वसूली पर सवाल उठाने वाले सपा नेता पर मुकदमा दर्ज
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थाना प्रभारी मैगलगंज जनज्वार से कहते हैं कि अभी तक सपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है बस जांच चल रही है, जबकि मामले में दर्ज हुई FIR की कॉपी जनज्वार के पास पहले ही आ चुकी है...

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। पूरा देश और दुनिया कोरोना वायरस के चलते त्राहिमाम कर रहा है, इसके इतर राजनीतिक पार्टियां भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से गुरेज नहीं कर रही हैं। सत्ता में होकर खुद कुछ कर पाएं या नहीं, पर कोई और अगर सेवाभाव से किसी गरीब के लिए कुछ करे तो वो भी इन्हें रास नहीं आ रहा है।

सी बीच यूपी में सत्तासीन भाजपा नेता श्याम किशोर तिवारी द्वारा विरोधी समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह पर एफआईआर दर्ज करवाने का मामला सामने आया है। सपा नेता का कहना है कि उनका जुर्म ये था कि उन्होंने पलायन कर रहे लोगों को भंडारा करवाकर खाना खिला दिया, जरूरतमंदों को मास्क बांटे और सबसे बड़ा जुर्म ये कर दिया जो उन्होंने सरकार और सत्ता द्वारा गरीबों से वसूले जा रहे बसों के दुगने किराए का विरोध कर दिया।

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क्रांति कुमार सिंह कहते हैं, सत्ताधारी पार्टी के नेता औरंगाबाद निवासी स्थानीय नेता श्याम किशोर तिवारी ने सत्ता के बल पर मुझ पर एफआईआर दर्ज करवायी है।

फआईआर में श्याम किशोर तिवारी ने आरोप लगाया है कि 'आज की वर्तमान स्थिति में पूरा भारत देश कोरोना की समस्या से जूझ रहा है। वर्तमान में देश की व राज्य की सरकारों सहित पुलिस, डॉक्टर्स तथा समाजसेवी संगठन के अलावा क्षेत्र के सभी सहयोगी इस महामारी से पीड़ित जनता की सहायता यथासम्भव करते दिखाई पड़ रहे हैं। कल 30 मार्च को दिन के लगभग एक बजे समाजवादी पार्टी के नेता क्रान्ति कुमार सिंह अपने तमाम समर्थकों के साथ योगी, मोदी मुर्दाबाद करते हुए और माहौल को खराब करते हुए नजर आ रहे थे।'

तिवारी ने एफआईआर में आगे आरोप लगाया है कि सपा नेता क्रांति कुमार का एक वीडियो जारी हुआ है, जो देश के सौहार्द्र को तोड़ने की भावना से प्रेरित है तथा बाहर से आने वाले यात्रियों को रोककर भड़काने का कार्य कर रहे थे, जो आज की स्थिति में देशद्रोह जैसा अपराध प्रतीत होता है।

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क्रांति कुमार सिंह कहते हैं, सत्ता में बैठे मठाधीश जो हरकत कर रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता है कि योगी सरकार न खुद कुछ कर रही है और ना ही लोगों को कुछ करने दे रही है। सरकार जमीनी स्तर पर पूरी तरह फेल हो गई है, जिसका नतीजा है कि उसने समाजिक लोकतांत्रिक ताकतों पर मुकदमे लिखने शुरू कर दिए हैं।

ह सवाल इसलिए भी उठता है कि जो सरकारें मजदूरों को कीड़े-मकौड़े समझकर उनके ऊपर कीटनाशक स्प्रे कर रही हो, उससे मुकदमा लिखने एवं जेल भेजने क्या अलावा क्या उम्मीद की जा सकती है।

पा नेता क्रांति कुमार कहते हैं, मैंने रोडवेज बस में आ रहे मजदूरों से जानकारी मांगी थी तो उन्होंने बताया था कि योगी सरकार लॉकडाउन के इस संकट के दौर में भी किराया वसूल रही है। जहां उन मजदूरों जरूरतमंदों को जाना था, उतना ही किराया नहीं वसूला जा रहा था, बल्कि दिल्ली से चलने वाली बस अगर गोरखपुर डिपो की है और किसी को शाहजहांपुर उतरना है तो उसे किराया गोरखपुर तक का देना था।

मीडिया में यह सच्चाई उजागर होने पर योगी सरकार को टिकट लेने का फैसला वापस करना पड़ा और उसके बाद पहले मेरे द्वारा संचालित समाजवादी लंगर को रोक दिया गया। उसके बाद अब मुझ पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

क्रांति कुमार सिंह कहते हैं, अगर योगी सरकार और उनका प्रशासन यह सोचता है कि मुकदमा लिखकर, जेल भेजकर वह सच्चाई को छुपा लेंगे या मेरी आवाज को दबा देंगे तो वह गलत हैं। इस विपदा की घड़ी में समाजवादी पार्टी का हर कार्यकर्ता जरूरतमंदों और मेहनतकशों के साथ कोरोना के खिलाफ जारी जंग में खड़ा है।

क्रांति कुमार कहते हैं, उन्होंने 20 मार्च को लखीमपुर सदर चौराहा से लेकर मैगलगंज बर्बर और मोहम्मदी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क एवं सैनिटाइजर का हजारों की संख्या में वितरण किया। पूरे जिले में सर्वप्रथम अपनी ग्राम पंचायतों अपने क्षेत्र में ट्रैक्टर से मशीन द्वारा स्प्रे कराकर ग्रामों को सैनिटाइज कराया और ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को विकलांग, निराश्रित, असहाय व्यक्तियों का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए राशन की गारंटी की तो दूसरी तरफ 28, 29, 30 मार्च को नेशनल हाईवे 24 पर मैगलगंज के हरम खेड़ा मोड़ पर बन रहे टोल प्लाजा पर जिला अधिकारी से अनुमति लेकर समाजवादी लंगर चलाकर 25 से 30000 लोगों को लंच पैकेट, दूध, दवाई एवं फल वितरण का कार्य किया। इन बातों से घबराकर अब भाजपा और उसका प्रशासन घटिया हरकतों पर उतर आया है।

सपा नेता क्रांति कुमार सिंह पर दर्ज की गयी एफआईआर की कॉपी

स पूरे मामले पर थानेदार मैगलगंज चंद्रकांत सिंह का कहना है कि क्रांति कुमार सिंह का एक वीडियो वायरल होने के बाद हमारे पास शिकायत आई थी। इस वीडियो में कहा गया था कि एक स्थानीय सपा नेता योगी, मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लोगों को भड़का रहा है।

थाना प्रभारी मैगलगंज जनज्वार से कहते हैं कि अभी तक सपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है बस जांच चल रही है, जबकि मामले में दर्ज हुई एफआईआर की कॉपी जनज्वार के पास पहले ही आ चुकी है। मगर दारोगा एफआईआर की बात को नकारते रहे।

पा नेता पर दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी में पुलिस ने क्रांति कुमार सिंह व अन्य को आरोपी बनाते हुए 188,269, 505/2 आईपीसी की धारा में मुकदमा दर्ज किया है, जिसकी अपराध संख्या 159/2020 थाना मैगलगंज, जिला खीरी है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई इन धाराओं में 188 में लोकसेवक द्वारा प्रस्तावित आदेश की अवज्ञा, 269 में उपेक्षापूर्ण कार्य तथा 505/2 में अपराध के लिए उत्प्रेरित करने की धाराएं लगाई हैं।

से में सवाल यह उठता है कि क्या सत्ता के इशारे पर पुलिस प्रशासन किसी पर भी गुपचुप तरीके से कार्रवाई कर देती है। यह मामला तो कुछ ऐसा ही इशारा करता है।

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