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शिक्षा

आदिवासी सोना झरिया मिंज बनीं दुमका विश्वविद्यालय की कुलपति

Prema Negi
28 May 2020 11:14 AM GMT
आदिवासी सोना झरिया मिंज बनीं दुमका विश्वविद्यालय की कुलपति
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सोना झरिया मिंज के अलावा राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में परमाणु एवं आणविक भौतिकी विभाग के प्रमुख रहे मुकुल नारायण देव को हजारीबाग स्थित विनोवा भावे विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है...

जनज्वार। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के हजारीबाग स्थित विनोवा भावे विश्वविद्यालय, दुमका स्थित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, पलामू स्थित नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय एवं चाईबासा स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय में चार कुलपतियों की बुधवार 27 मई को नियुक्ति की है।

झारखंड राजभवन के प्रवक्ता के माध्यम से दी गई सूचना के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सोनाझरिया मिंज को दुमका स्थित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है।

दिवासी सोनाझरिया मिंज की नियुक्ति पर सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयों का तांता लगा है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने जेएनयू की कम्प्यूटर साइंस विभाग की आदिवासी प्रोफेसर और जेएनयू शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष प्रो सोनाझरिया मिंज को सिदो कानू मुर्मू विश्वविद्यालय झारखंड का नया वाइस चांसलर नियुक्त किये जाने के लिए हेमंत सरकार को लोग धन्यवाद दे रहे हैं।

डीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र पृथ्वी मीणा सोशल मीडिया पर लिखते हैं, हमारे देश में लगभग 799 विश्वविद्यालय जिनमें 43 केंद्रीय, 329 राज्य, 122 डीम्ड, 197 निजी, 1 केंद्रीय ओपन, 13 राज्य ऑपन, 75 राष्ट्रीय संस्थान, 1 निजी ओपन, 5 राज्य संस्थान, 13 अन्य शामिल हैं, उनमें प्रोफेसर मिंज पहली आदिवासी वाइस चांसलर हैं।

​सोनाझरिया मिंज की वाइस चांसलर के बतौर नियुक्ति किये जाने पर वो आगे लिखते हैं, 'हमारे देश में आदिवासियों के नाम पर कुछ विश्वविद्यालय खोले गए हैं, ताकि वोट बटोरे जा सकें लेकिन उनमें वाइस चांसलर के पद पर नियुक्ति हमेशा गैर आदिवासी (डिगु) की हुई हैं। आप अपने आसपास के विश्वविद्यालयों का सर्वे करके देख लीजिए कि वाइस चांसलरों की सामाजिक पृष्ठभूमि क्या है? ऐसा नहीं है कि योग्य उम्मीदवार नहीं है और कायदे से इन 799 विश्वविद्यालयों में यदि 7.5% प्रतिशत जनसंख्या के अनुसार 60 वाइस चांसलर आदिवासी होने चाहिए थे, लेकिन आदिवासी समाज को पहली वाइस चांसलर अब जाकर मिली हैं। वह भी झारखंड जैसे आदिवासी बाहुल्य राज्य में और वह भी राज्य स्तर पर। वह भी तब जब एक आदिवासी हेमंत सोरेन उस राज्य का मुख्यमंत्री है। शुक्रिया हेमंत सोरेन दादा। बधाई, प्रो. सोना झरिया मिंज।'

सोना झरिया मिंज के अलावा राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में परमाणु एवं आणविक भौतिकी विभाग के प्रमुख रहे मुकुल नारायण देव को हजारीबाग स्थित विनोवा भावे विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है। ये सारी नियुक्तियां झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एचसी मिश्र की अध्यक्षता में बनी सर्च कमेटी की सिफारिश और सीएम हेमंत सोरेन की सहमति पर की गयी हैं।

सोना झरिया मिंज की नियुक्ति पर राकेश चंदन लिखते हैं, 'झारखंड की बेटी देश की पहली आदिवासी महिला वाइस चांसलर बनी। प्रोफेसर सोना झरिया मिंज को सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। वो अब तक JNU में कम्प्यूटर साइंस विभाग की डीन थीं। वो JNU शिक्षक संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। देश की तमाम यूनिवर्सिटीज में सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी दुमका, पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है जहां किसी आदिवासी महिला को वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर सोना झरिया मिंज, झारखंड आंदोलन के मशहूर नेता निर्मल मिंज की बेटी हैं।

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