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जनज्वार विशेष

मुख्यमंत्री शिवराज ने राजनीतिक फायदे के लिए किया पदमावती को बैन : भाजपा महिला नेता

Janjwar Team
29 Nov 2017 4:00 PM GMT
मुख्यमंत्री शिवराज ने राजनीतिक फायदे के लिए किया पदमावती को बैन : भाजपा महिला नेता
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मध्यप्रदेश की भाजपा महिला नेता ने कहा बलात्कार पर पुरस्कार देने की बात कह कर आपने अपराध किया है, देश से माफी मांगिए, शिवराज के पदमावती बैन को बताया मैनेज

जनज्वार, मध्यप्रदेश। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दुर्गा वाहिनी से जुड़ी रहीं और प्रदेश में दो बार भारतीय युवा मोर्चा की कार्यकारिणी सदस्य रहीं प्रीति बिरला ने वीडियो जारी कर खरगोन पुलिस से सवाल पूछा है कि बलात्कार पर पुरस्कार देने की घोषणा करने वाले मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री पर भी वह बलात्कार का मुकदमा दर्ज करेगी, जैसा उसने इस पर व्यंग्य करने वाले नीमच के वरिष्ठ पत्रकार जिनेंद्र सुराना के मामले में किया है।

देखिए पूरी खबर : 'बलात्कार पर पुरस्कार' दे रहे भाजपाई मंत्री पर अब तक मुकदमा क्यों नहीं

भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से छात्र संघ अध्यक्ष रह चुकीं प्रीति बिरला नीमच जिला भाजपा इकाई की एक सक्रिय नेता हैं। वह पारंपरिक रूप से भाजपा के साथ जुड़ी रही हैं। वह जनज्वार से बातचीत में कहती हैं कि भाजपा सदस्य होने का यह मतलब नहीं कि शीर्ष नेताओं द्वारा अगर कुछ गलत कहा जाए तो उस पर चुप रहा जाए।

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उनके मुताबिक मोदी जी नारी सम्मान के लिए एड़ी—चोटी लगाए हुए हैं और हमारे राज्य के शीर्ष नेता सिर्फ दिखावे के लिए कुछ असंवेनशील बयान दे रहे हैं। भाजपा नेत्री प्रीति बिरला ने भी पत्रकार जिनेंद्र सुराना की उस पोस्ट का समर्थन किया है, जिसको लिखने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने उन पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर दिया था।

पढ़िए, 'बलात्कार पीड़िता को पद्मावती पुरस्कार' देने के मामले में मध्यप्रदेश भाजपा की युवा महिला नेता प्रीति बिरला क्या कहती हैं

विनाश काले विपरीत बुद्धि...

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह जी क्या हो गया आपको, जनता ने आपको प्रदेश का मुखिया बनाया। लोकतंत्र है ये। राजतंत्र नहीं है कि जो मन में आया, वो आप करेंगे।

माननीय मुख्यमंत्री जी पदमावती नारी स्वाभिमान का गौरव का नाम है। पदमावती सिर्फ़ राजपूत समाज के लिये नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के सम्मान का नाम है।

आपको क्या लगता है कि मध्यप्रदेश की जनता मूर्ख है या आपकी राजनीति नहीं समझती है। पहले तो आपने राजपूत समाज के वोट को डायवर्ट करने के लिए एक प्रायोजित कार्यक्रम अपने मुख्यमंत्री निवास पर किया। मध्यप्रदेश में पदमावती फ़िल्म को बैन किया।

मुझे व पूरे मध्यप्रदेश की जनता को ये तो समझाइये जरा कि अगर वास्तव में आपको पदमावती फ़िल्म को बैन ही करना था तो आपने राजपूत समाज के कार्यक्रम को मैनेज करने तक इंतजार क्यों करना पड़ा। राजपूत समाज में भी आपके भाजपा के पदाधिकारी व विधायक ही आपको ध्यान दे रहे हैं.. इसका मतलब साफ़ है कि पदमावती, संजय लीला भंसाली तो माध्यम हैं, असली मकसद तो सियासत है।

प्रीति आगे लिखती हैं, चलो फ़िर भी अच्छा लगा मध्यप्रदेश की समस्त जनता को कि आपने नारी के स्वाभिमान का गौरव का सम्मान करते हुए पदमावती को बैन करने का साहसिक निर्णय लिया, बधाई इसके लिए आपको।

पर उसके बाद आप एक नयी घोषणा करते हैं कि मध्यप्रदेश में बलात्कार पीड़ित महिला को पदमावती सम्मान दिया जायेगा। अब यहां आप मध्यप्रदेश की जनता को ये समझाने की तकलीफ करें कि आपने महारानी पदमिनी/ पदमावती का सम्मान किया या अपमान। आप आखिर ये सम्मान देकर करना क्या चाह रहे हैं।

एक तरफ़ तो कहते हैं कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। एक तरफ़ पूरी दुनिया के सामने रेप पीड़िता का मजाक बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

प्रीति कहती हैं, खरगोन पुलिस प्रशासन ने नीमच के भाई जेनेन्द्र सुराना पर आपकी इस तरह की घोषणा के कारण भारतीय दन्ड सहिता की धारा 376/117, 292, 505 (2), 67 (क) में प्रकरण दर्ज किया है। अच्छा किया, नीमच पुलिस प्रशासन तो सो रहा था पर खरगोन पुलिस प्रशासन जागरुक है। ये समझ आया।

पर मुख्यमंत्री जी यहां मध्यप्रदेश की 6.5 करोड़ जनता ये जानना चाहती है कि आपने जो घोषणा की कि रेप पीडिता को पदमावती सम्मान देंगे। इसका मतलब क्या।

जेनेन्द्र सुराना को समझ नहीं आया इसलिये उस भाई ने लिख दिया कि बलात्कार कराओ। पदमावती सम्मान पाओ, पर आप बताओ कि मध्यप्रदेश की महिलाओं को ये सम्मान कैसे मिलेगा।

माननीय मुख्यमंत्री जी, यही घोषणा आपके गृहमंत्री भूपेन्द्र सिह जी ने भी की कि पदमावती के नाम पर इनाम रखा जायेगा व उसे बलात्कार पीडित महिला को दिया जायेगा। आप दोनों मध्यप्रदेश की माताओं—बहनों को समझायें कि ये पुरस्कार लेने के लिए उन्हें करना क्या होगा।

आज आश्चर्य मुझे राजपूत समाज की, करणी सेना की चुप्पी पर हो रहा है कि आप रानी पदमावती के अपमान पर चुप्पी क्यों साधे हैं या सिर्फ़ पदमावती फ़िल्म तक ही आपका विरोध था। इस मध्यप्रदेश की सामान्य महिला आपकी बहन नहीं, माँ नहीं, बेटी नहीं, उनके लिये आपके मन में कोई सम्मान नहीं। क्या आज मध्यप्रदेश की नारी के सम्मान की लड़ाई नही लड़ेगा राजपूत समाज।

माननीय मुख्यमंत्री जी रानी पदमावती /पदमिनी का इतिहास पढ़ कर तय करें कि आपकी ये घोषणा नारी स्वाभिमान को आहत करने वाली है। एक, जेनेन्द्र सुराना पर प्रकरण दर्ज क्यों किया। आपकी घोषणा का मतलब तो मध्यप्रदेश की समस्त जनता यही निकाल रही है। आपने रानी पदमावती का नहीं, सम्पूर्ण नारी जाति का अपमान किया है।

माननीय मुख्यमंत्री जी माफ़ी मांगिये आप इस प्रदेश की समस्त नारी शक्ति से कि आपने नारी कि बलात्कार की पीड़ा को कम करने की बजाय उसे पुरस्कार देकर मजाक का विषय बनाया। कहना चाहूंगी खरगोन पुलिस प्रशासन से कि मुख्यमंत्री जी की गुडलिस्ट में आने के लिये आम आदमी पर प्रकरण दर्ज कर दिया, पर असली अपराधी तो मुख्यमंत्री जी हैं, गृहमंत्री जी हैं। इन्हीं धाराओं में इनह पर प्रकरण दर्ज करो तो मानें कि आप महिलाओं के सम्मान व स्वाभिमान के लिये कुछ भी कर सकते हैं।

अन्त में माननीय शिवराज सिह जी चौहान के लिए, जब पेड़ काफी बड़ा एवं पुराना हो जाता है तो स्वयं के वजन से ही गिर नष्ट हो जाता है।

देखें वीडियो :

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