Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

मुख्यमंत्री योगी को काला झंडा दिखाने वाले युवाओं की हुई रिहाई, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

Prema Negi
5 Dec 2018 7:36 PM IST
मुख्यमंत्री योगी को काला झंडा दिखाने वाले युवाओं की हुई रिहाई, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
x

रिहा समाजवादी कार्यकर्ताओं ने कहा इलाहाबाद में योगी आदित्यनाथ को साम्प्रदायिक राजनीति, ओछी बयानबाजी, ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने, प्रदेश में व्याप्त अराजकता, ध्वस्त कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध के खिलाफ दिखाए थे काले झंडे....

इलाहाबाद, जनज्वार। पिछले 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाने और उनकी फ्लीट रोकने वाले समाजवादी कार्यकर्ता अभिषेक पांडेय और सौरभ यादव आज 5 दिसंबर को ज़मानत पर रिहा हो गए हैं। उनके रिहा होने की ख़ुशी में समाजवादी कार्यकर्ताओं ने दारागंज थाने के सामने निराला चौक से शुरू कर पूरे दारागंज में जुलूस निकाला।

समाजवादी कार्यकर्ताओं में अपने साथियों के जेल से छूटने की ख़ुशी साफ़ दिख रही थी। लोग अपने घरों से बाहर निकल निकल कर दोनों समाजवादी कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद दे रहे थे और उनका अभिनंदन कर रहे थे। इस जुलूस का नेतृत्व समाजवादी युवजन सभा के ज़िला अध्यक्ष संदीप यादव ने किया।

किस मुद्दे पर दिखाया था कला झंडा

समाजवादी कार्यकर्ताओं ने कहा हमने इलाहाबाद में योगी आदित्यनाथ को साम्प्रदायिक राजनीति, ओछी बयानबाजी, ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने, प्रदेश में व्याप्त अराजकता, ध्वस्त कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध के खिलाफ काले झंडे दिखाए थे।

समाजवादी युवजन सभा के ज़िला अध्यक्ष अभिषेक पांडेय कहते हैं, "प्रदेश में इस समय ये अराजकता है कि लगता है जैसे कोई सरकार, कोई मुख्यमंत्री है ही नहीं प्रदेश में। योगी जी हिन्दू-मुसलमान के बीच ज़हर फैलाने, हनुमान जी की जाति बताने और नाम बदलने में व्यस्त हैं और प्रदेश में गुंडागर्दी, साम्प्रदायिक तनाव, बेरोजगारी, अपराध, जनता में हताश और बहकाव चरम पर है। योगी जी प्रदेश की सम्पूर्ण राजनीति को गोत्र, गाली, गाय और गोबर पर केंद्रित कर देना चाहते हैं। हमनें योगी जी की बेलगाम और बहकी हुई सरकार को यही चेताने के लिए काले झंडे दिखाए थे।'

वहीं सौरभ यादव ने रिहा होने के बाद कहा "हम युवा हैं, लोकतांत्रिक प्रतिरोध हमारा अधिकार है। हमारा मुख्यमंत्री योगी की अलगाव, दुराव और भटकाव की राजनीति के प्रति विरोध है, जिसे हमने काला झंडा दिखाकर व्यक्त किया। इसके लिए हम पर गंभीर आपराधिक धारा लगा कर जेल भेज दिया गया और पुलिसिया यातना भी दी गयी।'

क्या और कैसे हुआ था

2 दिसंबर को योगी नवलखा मंदिर और लेटे हनुमान मंदिर में पूजा और रामघाट पर मेला अधिकारियों की मीटिंग लेकर वापस सर्किट हाउस की तरफ निकल रहे थे। तभी करीब साढ़े ग्यारह बजे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता दारागंज निवासी अभिषेक पांडेय और सौरभ यादव ने जूना अखाड़ा के पास, परेड पावर हाउस के सामने योगी आदित्यनाथ की फ्लीट को काले झंडे दिखाए, जिसमे सुरक्षा विशेष दस्ते ने दोनों को पहले पीटा फिर संगम पुलिस चौकी को सौंप दिया।

दोनों कार्यकर्ताओं की संगम पुलिस चौकी में निर्मम तरीके से पिटाई की गई, फिर दारागंज थाने पर लाकर मुक़दमा लिखकर मेडिकल के लिए बेली अस्पताल भेज दिया गया। जहां समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष संदीप यादव और एडवोकेट विनोद यादव पहुंचे।

कार्यकर्ताओं की हालत देखकर संदीप बिफर गए और पुलिस से नोंकझोक भी हुई। उसके बाद पुलिस दोनों कार्यकर्ताओं को सिविल लाइन, परेड, नैनी, शंकर ढाल और अन्य जगह ले कर घूमती रही। इस दौरान पुलिस लगातार कार्यकर्ताओं को डरा-धमका रही थी।

इसी दौरान सौरभ यादव को जब उल्टी होने लगी तो पुलिस वालों ने उसे पानी पिलाया और आनन फानन में 9:30 बजे जेल ले गए। ये कार्यकर्ता वहां दो दिनों तक रहे। समाजवादी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष संदीप यादव और कार्यकर्ताओं के परिजनों के प्रयास से आज 5 दिसंबर को इनको जमानत मिली।

Next Story

विविध