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तब्लीगियों से मिलने पर ग्रामीणों ने इतना किया परेशान कि मुस्लिम युवा ने कर ली आत्महत्या

Prema Negi
5 April 2020 8:07 AM GMT
तब्लीगियों से मिलने पर ग्रामीणों ने इतना किया परेशान कि मुस्लिम युवा ने कर ली आत्महत्या
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पीड़ित परिवार ने लगाया आरोप कि ग्रामीण उसे बार बार मार रहे थे ताने, लगातार की जा रही थी गांव में उसकी बेइज्जती, जिससे था वह बहुत आहत, और जब उसके लिए ताने हो गये असहनीय तो उठा लिया यह घातक कदम...

जनज्वार ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में रविवार 5 अप्रैल की सुबह एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। बंगागढ़ गांव निवासी दिलशाद मुहम्मद नाम के इस व्यक्ति ने अपने घर में ही फांसी लगा ली।

दिलशाद मुहम्मद कुछ दिन पहले ही नई दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले दो लोगों से मिला था। पिछले दिनों जैसे ही जमात के लोगों के कोरोना संक्रमण का पता चला तो गांव में लोग उसे भी कोरोना वायरस फैलाने वाला बोलने लगे। उसे गांव में अपमानित किया जाता था। जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाया। इसके चलते ही उसने यह कदम उठाया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि वह जहां भी जाता था, लोग उससे दूर रहने के लिए बोलते थे।

स मामले में मौके पर मौजूद स्थानीय पुलिस प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि दिलशाद को 2 अप्रैल को ऊना के एक क्षेत्रीय अस्पताल में ले जाया था, क्योंकि वह तब्लीगी जमात में शामिल दो लोगों से मिला था।। इस वजह से उसका मेडिकल करना जरूरी हो गया था। इसी के चलते उसे अस्पताल लेकर पुलिस की एक टीम गयी थी। उसकी टेस्ट रिपोर्ट नेगटिव आयी थी, जिसके बाद उसे वापस घर भेज दिया गया था।

पीड़ित परिवार के मुताबिक मुहम्मद गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखता है। मुहम्मद की मां उषा देवी ने कहा कि कुछ ग्रामीणों ने उनके बेटे का लगातार अपमान किया था। यह परिवार बीपीएल श्रेणी का है। बड़ी मुश्किल से वह गुजारा कर रहे थे। मुहम्मद ही घर में कमाने वाला था। परिवार के लोगों ने मांग की कि उनके बेटे को मौत के मुंह में पहुंचाने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्यवाही करे।

पुलिस ने मुहम्मद के शव को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस की जांच टीम ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मृतक के पास से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।

दूसरी ओर जब से तब्लीगी जमात में शामिल लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बातें सामने आ रही है, सोशल मीडिया पर लगातार उनके खिलाफ प्रचार किया जा रहा है।

स मामले में एक गैर सरकारी संस्था परख के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने बताया कि यह बहुत ही खराब बात है। इससे समाज में दो वर्गों के बीच तनाव बढ़ जायेगा। इस तरह के प्रचार से एक वर्ग विशेष को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह हालत तो कोरोनो वायरस से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।

न्होंने कहा कि इस मौके मीडिया, प्रशासन और अन्य लोगों को बहुत ही समझदारी से काम लेना चाहिये। अन्यथा भविष्य में इसके बहुत ही खराब परिणाम सामने आयेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस वक्त हर किसी को मिल कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिये, न कि एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जायें।

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