प्रेम विवाह करने वाले दलित युवक की सुपारी देकर लड़की के पिता ने कराई हत्या
जिन्हें लगता है कि इस देश में एससी/एसटी कानून की कोई जरूरत नहीं है, वे उदाहरण के तौर पर इस मामले को ले सकते हैं कि उंची जातियों में कितनी जातीय नफरत भरी है जो गर्भवती बेटी के पति को लड़की का पिता इसलिए मरवा देता है कि वह दलित है
जनज्वार। दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य के नालागोंडा जिले में इज्जत के नाम पर हत्या का मामला सामने आया है। वहां एक पिता ने सुपारी देकर अपने बेटी के 23 वर्षीय पति की 15 सितंबर को दिनदहाड़े हत्या करा दी। पिता ने यह नृशंश हत्या तब करायी है जब बेटी 5 माह की गर्भवती थी।
दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले नालागोंडा के मिरयालागुडा शहर के पेरामल्ला प्रणय कुमार और वैश्य समाज की 19 वर्षीय अमृता वार्षिनी ने 8 महीने पहले प्रेम विवाह किया था। प्रणय दलितों के माला जाति से ताल्लुक रखता था जबकि लड़की कथित उंची जाति वैश्य से। उनकी शादी इसी साल 31 जनवरी को हुई थी। अमृता 5 महीने की गर्भवती थी। प्रणय अपनी मां प्रेमलता के साथ पत्नी को अस्पताल रूटीन चेकअप के लिए गया था, जहां अस्पताल से निकलते वक्त पत्नी और मां के सामने ही, भरी दोपहरी में उसकी धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी।
शादी के बाद दोनों परिवारों में अनबन थी और किसी परिवार ने प्रणय और अमृता के प्रेम विवाह का स्वागत नहीं किया। पर बाद में प्रणय के पिता ने बेटे और बहू को अपना लिया था। पर वैश्य होने की ठसक के कारण अमृता के पिता ने बेटी के प्रेम विवाह को कभी नहीं स्वीकार किया और घर से भी नाता—रिश्ता तोड़ लिया था।
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प्रणय आर्थिक रूप से संपन्न दलित परिवार से आता था और अमृता के साथ उसका स्कूल के दिनों से ही प्यार था। तब प्रणय 10वीं में और अमृता 9वीं में पढ़ती थी। बाद में दोनों ने बीटेक किया और दोनों ने अपने परिवार में शादी की इच्छा जाहिर की। पर अमृता के पिता को ये बिल्कुल मंजूर नहीं था, वे पहले भी कई बार अमृता को जाने से मारने की धमकी दे चुके थे।
नालागोंडा जिले के एसपी रंगानाथ मीडिया को बताया कि यह मामला ऑनर किलिंग का जान पड़ता है और उसी अनुसार जांच कर रहे हैं।' अमृता के पिता मारुति राव रियल स्टेट कारोबारी हैं। पुलिस ने मारुति राव और उनके भाई श्रवण राव को इस मामले में मुख्य अभियुक्त बनाया है।