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गुजरात में दलित आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या के बाद अब युवा बेटे को नृशंसता से उतारा मौत के घाट
जिग्नेश मेवानी बोले गुजरात बन चुका है दलितों और आदिवासियों के लिए नर्क, पिछले साल नानजी सोंदरवा की हत्या अगड़ी जाति के गांव के ही सरपंच ने कर दी थी घोटाले उजागर होने के डर से....
जनज्वार। गुजरात से खबर आ रही है कि एक दलित युवक की पीट—पीटकर हत्या कर दी गई है। इस दलित युवा के पिता की भी पिछले साल भाजपा के अराजक तत्वों ने पीट—पीटकर हत्या कर दी थी। जानकारी के मुताबिक यह युवा अपने पिता की हत्या के बाद न्याय के लिए लड़ रहा था, जिस कारण उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
यह जानकारी गुजरात से ही युवा विधायक जिग्नेश मेवानी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है, 'गुजरात फिर बना दलितों के लिए नर्क। जाति की वेदी पर एक ओर दलित की भेंट चढाई गई! एक साल पहले आरटीआई कार्यकर्ता नानजी सोंदरवा का भाजपा के गुंडों ने खून किया था, अब न्याय की लड़ाई लड़ रहे उनके 19 साल के बेटे को भी पीट—पीट कर मार दिया गया। मुख्यमंत्री @vijayrupanibjp का मौन कायम है!'
दलित युवक की हत्या पर जिग्नेश मेवानी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'मारे गए युवा के पिता नानजी सोंदरवा, एक आरटीआई कार्यकर्ता थे, जो एक भ्रष्टाचारमुक्त गुजरात चाहते थे। मगर उन्हें जातिवादी ताकतों ने खत्म कर दिया। उनके बेटे ने जब अपने पिता की मौत के बाद न्याय का दरवाजा खटखटाया तो उसे भी बेरहमी से मार दिया गया। हर गुजरते दिन के साथ गुजरात दलितों के लिए सबसे खराब जगह होता जा रहा है।'
उनके ट्वीटर हैंडल पर लोगों ने दलित युवक की हत्या पर रोष व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार की कड़ी निंदा की है और कहा है कि भाजपा हमेशा से ही दलित विरोधी रही है, उसने सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए उनका यूज किया है।
वहीं मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक गुजरात के राजकोट जिले में 21 मई की देर रात 19 वर्षीय दलित युवक की निर्मम हत्या कर दी गई। इस हत्या में सवर्ण जाति के आठ लोगों का नाम सामने आ रहा है। हत्या की वजह परिवारों के बीच पुरानी रंजिश बताई जा रही है।
मामले की जांच कर रही राजकोट पुलिस के मुताबिक रात में गश्त कर रही हमारी टीम को दलित युवा राजेश सोंदरवा अपने गांव मानेकवाड़ा के बाहर रात के लगभग साढ़े बारह गंभीर रूप से घायल हालत में बरामद हुआ। डेक्कन हेराल्ड में छपी खबर के मुताबिक लहूलुहान हालत में पड़े राजेश के दोनों पैरों से खून बह रहा था। इस मामले में शुरुआत में पुलिस ने हत्या के प्रयास में 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, मगर आज 22 मई के तड़के 5 बजे राजेश सोंदरवा की मौत के बाद इसके खिलाफ आवाज उठाई गई और परिजनों तथा दलित कार्यकर्ताओं ने 8 लोगों के खिलाफ राजेश की हत्या का मामला दर्ज कराया।
शुरू में हत्या के प्रयास के आरोप में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन सोंदरवा का सुबह 5 बजे इलाज के दौरान निधन हो गया। पीड़ित परिवार के सदस्यों और दलित नेताओं के विरोध के बाद, पुलिस ने आठ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। राजेश के हत्यारे उसी परिवार के भाजपा से जुड़े लोग हैं, जिन्होंने उसके आरटीआई एक्टिविस्ट पिता नानजी सोंदरवा की पिछले साल हत्या कर दी थी।
जानकारी के मुताबिक सोंदरवा पिता—पुत्र की मौत का मुख्य आरोपी महेंद्रसिंह जडेजा है, जोकि गाँव का सरपंच भी है। आरटीआई एक्टिविस्ट नानजी सोंदरवा सरकारी योजनाओं में जडेजा द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितताओं और गड़बड़झालों को उजागर कर रहा था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। नानजी की हत्या के बाद उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी गई थी।
इस संबंध में राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा कहते हैं, 'सोंदरवा परिवार के घर के बाहर पुलिस की तैनाती है, जबकि राजेश की हत्या गांव के बाहर की गई है। राजेश कल 21 मई को कहीं बाहर गया हुआ था, वहां से घर वापसी के वक्त उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। पुलिसिया जांच में पाया कि हत्यारों ने उसके दोनों पैरों पर बुरी तरह वार किए थे, जिससे बहुत ज्यादा खून बह रहा था। राजेश की मौत का कारण भी उसकी बॉडी में से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना रहा होगा।'