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बहादुर नहीं डरपोक और पत्थरदिल पीएम हैं मोदी

Janjwar Team
24 Sep 2017 10:59 PM GMT
बहादुर नहीं डरपोक और पत्थरदिल पीएम हैं मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 और 23 सितंबर को उस दौरान बनारस दौरे पर थे, जब बीएचयू की लड़कियां अपनी मामूली सी मांगों को और छेड़खानी की आए दिन होने वाली घटनाओं से आजिज आकर धरना प्रदर्शन कर रही थीं। मोदी को बीएचयू के सिंहद्वार से होकर गुजरना था, मगर लड़कियों के छेड़खानी के विरोध में हुए आंदोलन से हमारे पीएम एकदम अनजान बने रहे। उनका बनारस संसदीय क्षेत्र भी है, जीवित देवियों को वीसी ने पिटवाया, मगर वीसी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर उनके मुंह से लड़कियों के हक में एक आवाज, एक ट्वीट तक न निकला।

इन्हीं सब सवालों को लेकर मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने पीएम मोदी के नाम एक खुला खत लिखा है...

आदरणीय मोदी जी

शर्मिंदा हूँ कि आप हमारे मुखिया हैं, आपके कॉंधों पर देश की सवा अरब आबादी की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी है, मुझे हैरत हो रही है बीएचयू में पिटती हुई बेटियों पर आपकी चुप्पी देखकर!

आपने वादा किया था, दावा किया था कि देश प्रधानमंत्री नहीं प्रधानसेवक चुन रहा है! क्या प्रधानसेवक के दिल इतने ही बेहिस होते हैं?

मैं जितना बीएचयू के कुलपति से नाराज़ हूँ, जितना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से दुखी हूँ उससे हज़ार गुना ज़्यादा आपकी पत्थरदिली पर तकलीफ़ है मुझे!

कल आप बनारस थे, आपको पता था कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की लड़कियों के साथ छेड़खानी हुई है और वो आंदोलनरत हैं, क्या बिगड़ जाता अगर आप एक पिता की हैसियत से एक गार्जियन की तरह उन बच्चियों से मिल लेते, उनका दर्द साझा कर लेते!

लेकिन शायद आपका पद और आपका राजनीतिक क़द छोटे—छोटे विद्यार्थियों से मिलने में अपमानित महसूस करता?

दरअसल कल रात लड़कियों पर लाठीचार्ज के असल ज़िम्मेदार आप हैं, एक आपकी बेहिसी ने सैकड़ों लड़कियों को पिटवा दिया, उन्हें हॉस्टल से बेदख़ल करवा गया, बीएचयू के दामन को दाग़दार कर गया!

क्या देश की आम जनता को और ख़ासतौर से आपके संसदीय क्षेत्र की जनता को इतना भी हक़ नहीं कि वो अपनी सुरक्षा के लिये ज़िद कर सके?

क्या इतना भी हक़ नहीं कि वो शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख सकें? आपका एक सनकी कुलपति लड़कियों तक को पिटवा रहा है और आप मौन साधे हैं? आप तो नारियों के सम्मान के बड़े—बड़े दावे किया करते थे।

सब भूल गये?

आप ये भी भूल गये कि कुछ ही महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान आप प्रधानमंत्री होते हुए बनारस की गलियों में तमाम प्रोटोकॉल त्यागकर वोट की भीख मॉंगते हुए देखे गये थे!

इस बार आप बनारस होते हुए भी लड़कियों से मिलने की हिम्मत नहीं जुटा सके!!

दरअसल आप प्रधानसेवक नहीं, आप कोई बहादुर प्रधानमंत्री नहीं! आप एक डरपोक इंसान हैं, जिसे अपने ही देश की आंदोलनरत बेटियों से मिलने में डर लगता है!

नाराज़ हूँ मैं... और मैं ही क्या इस वक्त देश का हर युवा नाराज़ है आपके सनकी और डरपोक कुलपति से, नाराज़ है वो पिटती और चीखती हुई बेटियों को देखकर...जिनके देवी होने का दावा भारतीय संस्कृति किया करती है!

(इमरान प्रतापगढ़ी देश के मशहूर शायरों में शुमार हैं।)

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