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राजनीति

आपको पता है आसाराम को पॉक्सो एक्ट से बचाने के लिए चिन्मयानंद ने बनवायी थी अपने स्कूल से फर्जी मार्कशीट?

Prema Negi
24 Sept 2019 10:41 AM IST
आपको पता है आसाराम को पॉक्सो एक्ट से बचाने के लिए चिन्मयानंद ने बनवायी थी अपने स्कूल से फर्जी मार्कशीट?
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चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा ने कहा चिन्मयानंद जब भी आश्रम में होता था, तो दो बार उसे बुलाता था। सुबह 6 बजे वह मसाज कराने के बाद क्लासेज खत्म होने पर दोबारा बुलाता था 2.30 बजे, इस दौरान कई बार किया उसका रेप, मना किया तो हाथ भी उठाया और वीडियो वायरल करने की दी थी धमकी...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

हुचर्चित आसाराम रेप प्रकरण आपको याद है? आसाराम के विरुद्ध शाहजहांपुर की एक नाबालिग बेटी ने आवाज उठाई थी और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस कांड के बाद आसाराम जोधपुर (राजस्थान) जेल में सजा काट रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि आसाराम को बचाने की स्वामी चिन्मयानंद ने कोशिश की थी, जो कामयाब नहीं हुई।

ज लगभग उन्हीं परिस्थितियों में एक अन्य छात्रा से यौन शोषण के आरोप में चिन्मयानंद जेल में हैं। तब आसाराम रेप प्रकरण में आसाराम को पॉक्सो एक्ट से बचाने के लिए स्वामी चिन्मयानंद के स्कूल से फर्जी मार्कशीट और टीसी बनाकर दी गयी थी, ताकि लड़की की अधिक उम्र के आधार पर आसाराम पर लगा पॉक्सो एक्ट हट सके।

चिन्मयानंद के स्कूल की प्रिंसिपल को भी जोधपुर आसाराम के पक्ष में गवाही देने के लिए भेजा गया था। पीड़िता परिजनों का आरोप था कि स्वामी चिन्मयानंद के निर्देशन में चलने वाली एसएसएमवी से रेप पीड़िता को बालिग साबित करने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए थे।

गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने एक डिजिटल पोर्टल से बातचीत में कई अहम खुलासे किए हैं। उसने बताया है कि चिन्मयानंद ने न सिर्फ उसके साथ मारपीट की थी, बल्कि हाॅस्टल से आश्रम तक ले जाने के लिए उसके गनर आते थे।

पीड़िता ने ये भी बताया कि नहाते वक्त जब उसका वीडियो चिन्मयानंद ने बनवा लिया था, तभी से वह उसे ब्लैकमेल करने लगा। पीड़िता ने बताया कि एडमिशन लेते वक्त वह चिन्मयानंद को जानती तक नहीं थी। पहली बार पिछले साल मुलाकात हुई तो उसने ‘बेटी’ बोला। पहली मुलाकात के बाद फिर पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने उसे बुलाया और मोबाइल में वीडियो दिखाया। यह वीडियो उसके नहाने का था। हाॅस्टल के कमरा नंबर 105 में वह रहती थी। 103 नंबर में बाथरूम है। चिन्मयानंद ने हिडन कैमरा लगवाकर ये वीडियो बनवाया। उसने इसे वायरल करने की भी धमकी दी थी। मैं बहुत डर गई। किसी से ये बात बता भी नहीं सकती थी। उसने कहा कि वह मालिश कराना चाहता है। ब्लैकमेल होने के कारण मैं चली गई।

पीड़िता के मुताबिक चिन्मयानंद जब भी आश्रम में होता था, तो दो बार उसे बुलाता था। सुबह 6 बजे वह मसाज कराने के बाद क्लासेज खत्म होने पर 2.30 बजे दोबारा बुलाता था। इसी दौरान उसने कई बार उसका रेप किया। उसने मना किया तो हाथ भी उठाया। वीडियो वायरल करने की धमकी दी। वह डर की वजह से अक्सर उसके बुलावे पर चली जाती थी। हाॅस्टल के बाहर चिन्मयानंद के गनर उसे दोनों वक्त लेने आते थे। पीड़िता ने चिन्मयानंद को बोला कि आप अपने आदमी मत भेजा करो। हाॅस्टल में सब गलत मतलब निकालते हैं। मैं खुद आ जाऊंगी आपके पास।

पीड़िता के मुताबिक कई बार चिन्मयानंद ने उसके साथ रेप किया। वह एक दिन बहुत परेशान हो गई और उलको एक्सपोज करने की ठान ली। इसी साल मार्च के अंतिम सप्ताह में उसने फ्लिपकार्ट से स्पाई कैम (हिडन कैमरा) ऑर्डर किया। चश्मे में लगा कैमरा उसके पास आया, जिससे उसने चिन्मयानंद के वीडियो बनाने शुरू किए। उसने कुल 42 वीडियो बनाए।

पीड़िता ने ये भी बताया कि एक बार उसके परिवार को भी चिन्मयानंद ने जान से मारने की धमकी दी थी।वह घबरा गई थी। घर वालों को पूरी कहानी उसने बाद में बताई। उसके पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तब सपोर्ट करने से इंकार कर दिया। इसी कारण फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया।

स मामले में पुलिस ने तीन अन्य युवकों को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर चिन्मयानंद से 5 करोड़ की वसूली की धमकी देने का आरोप है। चिन्मयानंद के पक्ष की ओर से एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें इन तीनों आरोपियों के साथ-साथ पीड़िता भी नजर आ रही है। उसने इससे इंकार किया। उसने कहा कि न ही मैंने चिन्मयानंद से कोई पैसे मांगे और न ही उस वीडियो में हूं। ये मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है। अगर पीड़िता को ही फंसा दिया जाएगा तो कोई लड़की कैसे अपनी आवाज़ उठा पाएगी।

पीड़िता ने कहा कि मैं एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं हूं। चिन्मयानंद पर जो धाराएं लगाई गई हैं, वे केवल औपचारिकता हैं। 376 के बजाए 376 (सी) लगाई गई है जो कि बेहद हल्की धारा है। पीड़िता के मुताबिक, उसको गिरफ्तार कर मर्सडीज कार में बैठाकर जेल ले जाया गया। उन्हें भी साधारण अपराधी की तरह ले जाते। आम आदमी की तरह ही उससे व्यवहार किया जाता। मुझे रंगदारी मामले में आरोपी बनाकर मेरे मुकदमे को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। वह आवाज उठाती रहेगी।

स मामले में सोमवार को एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को तीन सीलबंद लिफाफों में अपनी जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी। वहीं फिरौती के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रयागराज गई छात्रा की स्टे की मांग को अदालत ने नामंजूर कर दिया है। साथ ही धारा 164 के तहत दोबारा कलमबंद बयान दर्ज करवाने की छात्रा की मांग को भी अदालत ने ठुकरा दिया।

कोर्ट ने कहा कि छात्रा को गिरफ्तारी पर रोक के लिए दूसरी कोर्ट में अर्जी देनी होगी। दोबारा बयान की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट के अधिकार पर आपत्ति सही नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 अक्तूबर की तारीख तय की है।

रवरी 2014 में जोधपुर पुलिस ने ये सर्टिफिकेट हासिल कर कोर्ट को सौंपे थे। मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल जया कामत ने दो बार गवाही भी दी थी। हालांकि पिता ने जो स्कूली डॉक्यूमेंट कोर्ट में रखे उसके हिसाब से पीड़िता को नाबालिग माना गया। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रिंसिपल की गवाही को अविश्वसनीय करार दिया था। जोधपुर कोर्ट ने पीड़िता को नाबालिग मानकर पॉक्सो की धारा को बरकरार रखा और आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

गौरतलब है कि आसाराम का मामला साल 2013 में तब सामने आया था जब शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर जोधपुर आश्रम में रेप करने का आरोप लगाया था। छात्रा आसाराम के मध्य प्रदेश स्थित गुरुकुल में पढ़ती थी। इलाज के नाम पर उसे जोधपुर के निकट आसाराम के आश्रम ले जाया गया था, जहां आसाराम ने 15 अगस्त, 2013 की रात उसका यौन शोषण किया था।

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