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बिहार

कोरोना संकट में लालू प्रसाद के जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर फिरा पानी

Ragib Asim
8 April 2020 12:18 PM IST
कोरोना संकट में लालू प्रसाद के जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर फिरा पानी
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झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी। वहीं गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी। उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है और लालू की सजा 7 साल से ज्यादा की है...

रांची, जनज्वार। कोरोना संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिजनों के लिए एक राहत भरी खबर आई थी, जिसमें कहा गया था कि झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले पर विचार कर रही है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए जेल में कैदियों को कम करने का निर्देश दिया है। मगर खबर यह भी है लालू यादव को पैरोल के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगानी होगी।

झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी। वहीं गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी। उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है और लालू की सजा 7 साल से ज्यादा की है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मद्देनजर रखते हुए हेमंत सोरेन सरकार कैदियों को पैरोल पर रिहा करने पर विचार कर रही थी, लेकिन इस बीच किसी एक नाम पर बातचीत नहीं हुई थी। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक झारखंड के जेल आईजी शशि रंजन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कैदियों को रिहा करने पर बात हुई और मीडिया से बातचीत में बताया कि मौजूदा समय में जेलों की क्षमता 14,114 है, जिसमें 18,742 कैदी बंद हैं और सिर्फ उन कैदियों को रिहा किया जा सकता है जिनकी सजा 7 साल से कम है। इसके अलावा जिनके अपराध बड़े हैं उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।

चारा मामले में सजायाफ्ता लालू यादव की सजा 7 साल से ज्यादा की है और अगर वह पैरोल चाहते हैं, तो इसके लिए अब उन्हें हाईकोर्ट में याचिका लगानी होगी। इसके बाद कोर्ट ही उनकी पैरोल पर कोई फैसला लेगा। अगर कोर्ट चाहेगा तो उन्हें पैरोल मिल जाएगी, वरना लालू को जेल में ही कैद रहना पड़ेगा।

ससे पहले लालू की पैरोल को लेकर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस बात की पुष्टि भी की थी। उन्होंने बताया था कि "सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ वार्ता हुई है, जिसमें जेल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है।"

चारा घोटाले के कई मामलों में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के विषय में पूछने पर उन्होंने स्पष्ट तो ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन इतना जरूर कहा कि "लालू प्रसाद हम सभी के सम्मानित नेता हैं। सर्वोच्च न्यायालय के गाईडलाइंस पर उन्हें पैरोल मिलना ही चाहिए। राज्यभर के वैसे सभी कैदियों का भी ध्यान रखा जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकार गंभीर है।"

ल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा है जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं। इस कड़ी में बड़ी संख्या में देशभर की जेलों में बंद कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है।

फिलहाल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद चारा घोटाले के कई मामले में झारखंड की होटवार जेल में सजा काट रहे हैं और स्वास्थ्य कारणों से वे रिम्स के पेईंग वॉर्ड में भर्ती हैं। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि उन्हें कोरोना संकट को देखते हुए रिहा कर दिया जायेगा।

राजद सुप्रीमो लालू यादव की तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही है, जिस कारण वे रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। चारा घोटाला के केस में कैदी की जिंदगी जी रहे लालू कम से कम 1 दर्जन से ज्यादा बीमारियों से पीड़ित हैं इससे पहले 8 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने उनके इलाज की समीक्षा की थी। वहां यह तय हुआ कि लालू प्रसाद यादव को फिलहाल एम्स अस्पताल भेजने की जरूरत नहीं है।

स दौरान लालू प्रसाद यादव के किडनी की जांच के लिए एम्स से एक नेफ्रोलॉजिस्ट बुलाया जाएगा। ऐसे में अगर नेफ्रोलॉजिस्ट उन्हें इलाज के लिए रिम्स से बाहर भेजने को कहता है, तब उन्हें भेजने पर फैसला लिया जा सकता है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से देशभर में अब तक 4421 लोग प्रभावित हैं। वहीं, इस महामारी की वजह से देशभर में अब तक लगभग 150 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 400 लोग ऐसे हैं जो इस बीमारी से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।

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