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दुनिया का भविष्य बांचने वाले बेजान दारुवाला, अपना भविष्य बताए बिना हो गए स्वर्गवासी
मशहूर ज्योतिषी बेजान दारुवाला का कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन, अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल में चल रहा था इलाज, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस...
जनज्वार ब्यूरो। ज्योतिषी से दुनिया का भविष्य बताने वाले बेजान दारूवाला कोरोनावायरस के संक्रमण से खुद को नहीं बचा पाए। 89 साल की उम्र में उनका निधन अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। हालांकि उनके बेटे ने उनकी मौत का कारण कोरोना वायरस मानने से इनकार किया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बेजान दारूवाला पिछले हफ्ते से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वे वेंटिलेटर पर थे। टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक अनुसार बेजान दारूवाला के बेटे नास्तूर ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने का खंडन करते हुए कहा कि उने पिता के फेफड़ों में संक्रमण था।
नास्तुर दारूवाला ने बताया कि निमोनिया और ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मृत्यु हुई। बेजान दारुवाला का पारसी समुदाय में 11 जुलाई 1931 को जन्म हुआ था और वे वैदिक और पश्चिमी ज्योतिष सिद्धांत तथा आई-चिंग, टैरोट, अंकशास्त्र और हस्त रेखा शास्त्र के सिद्धांतो को मिलाकर सयुंक्त भविष्यवाणी करने की कला में माहिर थे।
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1931 में जन्मे दारूवाला ने कोरोना को लेकर भविष्यवाणी की थी कि यह वक्त काफी कठिन होगा। भगवान गणेश के भक्त दारूवाला को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं।
कहा जाता है कि दारूवाला ने 2014 और 2019 में प्रधानमंत्र मोदी की जीत की भविष्यवाणी भी की थी और दोनों ही लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वहीं बेजान दारूवाला के बारे में यह भी ख्यात है कि उन्होंने ही यह भविष्यवाणी भी की थी कि संजय गांधी की दुर्घटना में मौत होगी और 23 जून 1980 को संजय गांधी की सफदरजंग हवाई अड्डे के पास एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। लोगों की बेजान दारूवाला के प्रति अंधश्रद्धा थी।
अंधविश्ववास और समाज में पोंगापंथ के खिलाफ लगातार खड़े होने वाले पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और लेखक प्रेमपाल शर्मा बेजान की मौत पर कहते हैं, 'मैं बेजान दारुवाला को नहीं जानता, लेकिन उनकी भविष्यवाणियों के किस्से मीडिया में देखते—सुनते आया हूं।'
प्रेमपाल शर्मा आगे कहते हैं, 'उनकी मृत्यु का मुझे शोक है और दुख भी। लेकिन एक बात जरूर कहना चाहुंगा कि दुनिया को जीते जी जिस बड़े पैमाने पर उन्होंने मुर्ख बनाया है, उसे कभी समाज नहीं भूलेगा। दूसरी बात जब कभी भी हमारा समाज भविष्य में वैज्ञानिक समझदारियों वाला होगा तो उनकी भविष्यवाणियां को चुटकुलों व मनोरंजक किस्सों की तरह सुन—सुनाकर कहकहे जरूर लगाएगा। अंत में एक बात और कहुंगा कि देश को गुमराह करने वाले ऐसे सभी दुरात्माओं को ईश्वर जरूर दंड दे।'
वहीं साइंस फॉर सोसाइटी के संयोजक कैसर राणा दारूवाला की मौत पर दुख जताते हुए कहते हैं, 'बेजान ने अपनी भविष्यवाणियों के चक्कर में युवाओं को फंसाकर बड़े पैमाने पर अवैज्ञानिक और दीमाग से बेजान बनाया है। उन्होंने पूरे जीवन पाखंड, अंधविश्वास और ढोंग के नए—नए प्रयोग किए हैं, जिससे की उनकी एस्ट्रोलॉजी की दुकानदारी मुनाफा देती रहे। 2014 में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना हो या कोरोना को लेकर की गयी उनकी हालिया भविष्यवाणी, दोनों में कोई ऐसी बात नहीं जो देश न जानता रहा हो।'
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है। रूपाणी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री बेजान दारूवाला के निधन से दुखी हूं। मैं दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदना। शांति।'
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर ने भी उनके निधन पर दुख जताते हुए लिखा, मेरे प्रिय बेजान दारुवाला के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं उनसे इस मार्च दिल्ली में मिला था। हमने अपने चुटकुलों एक साथ साझा किया था। मेरे दिल में हमेशा उनका विशेष स्थान रहेगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।