वित्तमंत्री सीतारमण ने गरीबों के लिए की 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा
जनज्वार। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनोवायरस की महामारी के कारण होने वाले आर्थिक संकट से निपटने के लिए कई उपायों और लॉकडाउन की स्थिति से निपटने के लिए राहत पैकेज की घोषणा की।
वित्तमंत्री ने इससे पहले ही मंगलवार को कुछ उपायों की घोषणा की थी जिसमें कर की समय सीमा बढ़ाना, बचत खाते के लिए न्यूनतम शेष मानदंड में ढील देना और एक लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के लिए इन्सॉल्वेंसी फाइलिंग की सीमा को बढ़ाना शामिल था।
वित्त मंत्री ने क्या कहा-
* प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 1.70 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
* इसमें नकद हस्तांतरण और खाद्य सुरक्षा दोनों शामिल होंगे।
* सफाईकर्मी, आशा कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स के लिए 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा क्योंकि वह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन पर हैं।
* 5 किलो से ज्यादा गेहूं और चावल पहले से दिया जा रहा था, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के जरिए करीब 80 करोड़ लोगों को पांच किलो और गेहूं और चावल दिया जाएगा। एक किलो उनके इलाके की पसंद की दाल दी जाएगी।
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* अप्रैल के पहले सप्ताह में पीएम किसान की 2,000 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। 8.69 करोड़ किसानों को इसका तत्काल लाभ मिलेगा।
* मनरेगा: प्रति श्रमिक मजदूरी की दर 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये की जाएगी जो पांच करोड़ लोगों को लाभ देगा।
* वृद्धावस्था/विधवाओं के लिए 1000 रुपये की अतिरिक्त राशि दो किश्तों में अगले तीन महीनों के लिए दी जाएगी। इसका लाभ 3 करोड़ विधवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा।
* महिला जन धन खाताधारकों के लिए पहले की तरह अगले तीन महीने प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि जाएगी। इससे 20 करोड़ महिलाओं को फायदा होगा।
* महिला स्वयं सहायता समूह के लिए दीन दयाल राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का मुफ्त ऋण दिया जाएगा।
* संगठित क्षेत्र: भारत सरकार नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के ईपीएफ योगदान का भुगतान अगले तीन महीनों के लिए 24% करेगी। यह उन नियोक्ताओं के लिए है जिनके पास 100 कर्मचारी हैं, उनमें से 90 प्रतिशत 15000 रुपये कम कमाते हैं।
* संगठित क्षेत्र के लिए, ईपीएफओ रेगुलेशन में संशोधन किया जाएगा। इससे 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा।
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* निर्माण श्रमिक (Construction Workers): राज्य सरकार को भवन और निर्माण मजदूरों के लिए कल्याण निधि का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिनके पास लगभग 31,000 करोड़ रुपये हैं, जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक व्यवधान का सामना कर रहे हैं।
* कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आवश्कक मेडिकल टेस्ट, मेडिकल स्क्रीनिंग आदि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जिला खनिज निधि के तहत उपलब्ध धन का इस्तेमाल किया जाएगा।
लॉबी समूह भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1% या 2 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मांगा था, सभी ऋणों पर तीन महीने की मोहलत मांगा है और कहा है कि इस अवधि के लिए सभी चुकौती दायित्वों को निलंबित कर दिया जाना चाहिए।
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इससे पहले बुधवार 25 मार्च को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि केंद्र गरीबों के लिए राहत में विभिन्न राज्य सरकारों का समर्थन कर रहा है।
सरकार की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब अमेरिकी सीनेट ने कोरोना वायरस की महामारी की चपेट में आयी अमेरिकी अर्थव्यस्था के लिए 2 ट्रिलियन डॉलर की सहायता पैकेज पारित किया है।