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राजनीति

जब दो बार विधायक रहे डॉ. सुनीलम के साथ चलती ट्रेन में हो सकती है गुंडागर्दी तो सामान्य यात्रियों की कौन कहे

Prema Negi
17 July 2019 10:24 AM GMT
जब दो बार विधायक रहे डॉ. सुनीलम के साथ चलती ट्रेन में हो सकती है गुंडागर्दी तो सामान्य यात्रियों की कौन कहे
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प्रधानमंत्री मोदी, रेल मंत्री, पुलिस और रेलवे अधिकारियों को ट्वीट करने के बावजूद पूर्व विधायक और समाजवादी नेता डॉ. सुनीलम को ट्रेन में नहीं मिली कोई मदद ,अब रेल मंत्री पीयूष गोयल के नाम लिखा पत्र, बताया किस तरह उन्होंने ट्रेन के शौचालय में घुसकर बचाई गुंडों से अपनी जान

जनज्वार। पूर्व विधायक, सपा के मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक दल के नेता रहे, पूर्व राष्ट्रीय सचिव डॉ सुनीलम को जान से मारने की धमकी देने वाले गुंडों पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट से सूचना देने के बावजूद कोई पुलिसिया कार्यवाही नहीं की गई तो उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की है कि गुंडों को तत्काल गिरफ्तार कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर गिरफ्तार किया जाये।

डॉ. सुनीलम ने रेल मंत्री के नाम इस पत्र में लिखा है, मैं आपका ध्यान रेल यात्रियों की सुरक्षा की स्थिति से चिंतित होकर कल रात अपने अनुभव के आधार पर यह पत्र लिख रहा हूँ। मैं मध्यप्रदेश की मुलताई विधान सभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहा हूँ। 15 जुलाई को दिन में हज़रत निज़ामुद्दीन से मुलताई के लिए यात्रा कर रहा था। बीना स्टेशन से चढ़ने वाले एक अनाधिकृत यात्री द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई। तब मैंने तुरंत पहला ट्वीट रेल मंत्री, फिर प्रधान मंत्री और एसपी आरपीएफ को किया।

न्होंने ट्वीट किया 'गोंडवाना ट्रेन के भीतर बी 1 /17 आकर 30 मिनट पहले चिल्लाकर गाली देने से रोकने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है एक युवा, आरती नाम की लड़की साथ है। कहता है मेरा बाप 2 मर्डर में जेल में है। फोन करके भोपाल से और गुंडे बुलाये हैं। मैंने टीटी को बतला दिया है।'



बाद में कई ट्वीट नरेंद्र मोदी, पीयूष गोयल और एसपी आरपीएफ को भी किये। पूर्व विधायक को धमकाने वाला गुंडा बीना स्टेशन से चढ़ा था।

डॉक्टर सुनीलम कहते हैं, जब मैंने उस गुंडे से कहा कि टीआई, एसपी, डीजीपी किसी के भी बेटे हो, यहाँ से चला जा, गाली गलौज मत कर, नहीं तो पुलिस के हवाले करूँगा। वह गया, फिर लौट कर आया। किसी को फोन करके कहा भोपाल में चार आओ, एक को खल्लास करना है। यह कह कर चला गया। उसके साथ आरती नाम की लड़की भी थी।

मैंने टीटीई से पूछा कि इनकी बर्थ और नाम बताओ। उसने कहा कि आरिफ अकील मंत्री का नाम लिया था, इसलिए सीट दे दी। फिर बोला इसका बाप टीटी है। मैंने कहा नाम बताओ, मगर वह वहां से बिना कुछ बोले चला गया।

स बीच मुझसे ट्रैन का नाम बताने के बावजूद ट्रैन नंबर ट्वीट करके आरपीएफ द्वारा पूछा गया। मैंने 12410 डाल दिया। फिर मेरे पास कंप्लेंट नंबर 796 आ गया। @rpfwcrbpl @grpmpcontrol Comp. No. 796 Kindly look into this matter and post your comments.

2 घंटे बाद भोपाल आ गया, कोई पुलिस नहीं आई, कोई रेलवे का अधिकारी नहीं आया। उस लड़के ने जो गुंडे बुलाए थे, वे आ गए। मैंने उनका वीडियो लेने की कोशिश की। उन्होंने 17 नंबर सीट पर जाकर गाली गलौज की। मैंने शौचालय को अंदर बन्द करके जान बचाई। गुंडे भोपाल स्टेशन पर जितनी देर गाड़ी खड़ी रही, दरवाजे पर लाते मारने रहे, गाली गलौज करते रहे।

मैंने फिर 2:26 सुबह ट्वीट करके बताया कि मेरे साथ क्या हो रहा है, मैंने अपना मोबाइल नंबर भी आरपीएफ और जीआरपी को भेजा, लेकिन किसी ने सम्पर्क नहीं किया। जब गाड़ी चल दी मैं बाहर निकला। मैंने टीटीई आर के जैन 9452597858 का वीडियो बनाया।



होशंगाबाद में यानी बीना से 3 घंटे बाद एक सिपाही मेरे के पास आया, मैं सो रहा था। उसने उठाकर पूछा कि कंप्लेंट की है। मैंने कहा कि बताता हूँ। जब तक मैं उठा, तब तक सिपाही चला गया। आरपीएफ का 4 बजे सुबह ट्वीट आ गया, जिसमें लिखा था कि शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त व्यक्ति को टीटीई ने भोपाल में उतार दिया है। अब कोई समस्या नहीं है। मैंने जबाब दिया यह 100% झूठ है।

क्त शिकायत से स्पष्ट है कि कोई भी यात्री रेल में सुरक्षित नहीं है। प्रधानमंत्री, रेल मंत्री के ट्वीट हैंडल दिखावा हैं। ट्रैन में जीआरपी की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई ऐसा मोबाइल नंबर सीट पर लिखा नहीं है, जिस पर यात्री आपात स्थिति में फोन कर सकें। बीना स्टेशन और भोपाल स्टेशन के फुटेज और टीसी के माध्यम से अपराधी तक पहुंचा जा सकता है, लेकिन रेलवे गंभीर मामले को रफा दफा कर देना चाहता है।

मेरी मांग है कि 15 जुलाई की गोंडवाना ट्रैन के टीसी आर के जैन (बी - 1 टीसी) को तत्काल निलंबित कर मुकदमा दर्ज किया जाए, क्योंकि आरके जैन ने रिश्वत लेकर या किसी के दबाव में आकर गुंडे और आरती नाम की लड़की को सीट दी, जिससे यह स्थिति निर्मित हुई।



मेरी शिकायत के बावजूद टीटीई ने गुंडों को विदिशा या गंज बासौदा में नहीं उतारा, मेरी शिकायत की सूचना पुलिस तक नहीं पहुंचाई गई। हर ट्रेन में रेलवे सुरक्षाकर्मियों की समुचित व्यवस्था की जाए। पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

गोंडवाना एक्सप्रेस के बीना और भोपाल पहुंचने के समय की वीडियो रिकॉर्डिंग को देखकर अपराधियों को प्रकरण दर्ज कर हत्या का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए। साथ ही मुझे सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

भवदीय।

(पूर्व विधायक रह चुके डॉ सुनीलम किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष और समाजवादी समागम नशा मुक्त भारत आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक हैं।)

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