बुंदेलखंड में फूलन देवी जैसी जघन्य वारदात, गैंगरेप कर पीड़िता को घुमाया निर्वस्त्र
बुंदेलखंड में बड़े पैमाने फिर होने लगा है दलित व महिला अत्याचार, क्या फिर से पैदा होगी एक और फूलनदेवी या फिर प्रशासन समय रहते जागेगा
दशकों पहले फूलन देवी का भी सामूहिक बलात्कार कर दबंगों ने गांव में घुमाया था निर्वस्त्र, सवाल एक ही कि कितना बदला समाज और कितना सहमें दबंग
कुलदीप कुमार बौद्ध की ग्राउंड रिपोर्ट
जनज्वार, बुंदेलखंड। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले के कुरारा थाना क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार कर गांव में निर्वस्त्र घुमाने का मामला सामने आया है। घटना भौली गावँ की।
इस जघन्य घटना का मौका मुआयना करने पहुंची बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच की 6 सदस्यी टीम ने पाया कि दलित महिला के साथ हुई यह वारदात कुछ वैसी ही है, जैसी चार दशक पहले बुंदेलखड की फूलन देवी के साथ हुआ था।
गौरतलब है कि बुंदेलखुड के हमीरपुर जिले भौली गांव की निषाद समाज की महिला के साथ 29 जून की सुबह 4 दबंगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। सामूहिक दुष्कर्म के बाद दबंगों ने महिला को महिला को गांव में घुमाया भी, लेकिन इस मामले में अबतक कोई एफआईआर पुलिस ने नहीं दर्ज की है।
बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के दबाव के बाद पीड़िता हमीरपुर पुलिस अधिक्षक को बहुत मुश्किल से सामूहिक दुष्कर्म का आवेदन देने में सफल हो पाई है, क्योंकि स्थानीय पुलिस ने मामले का रफा—दफा कर पीड़िता को गाली देते हुए थाने से खदेड़ दिया था।
यूपी पुलिस की दबंगों से कैसी छन रही है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तब इतने संवदेनशील मामले में पुलिस ने मेडिकल नहीं कराया है, उसके मुताबिक मामला सेटल हो गया है।
पीड़िता के लगी चोट बताती है कि अंदर कितनी चोट गहरी होगी, पर पुलिस ने नहीं भी कराया अबतक मेडिकल
इधर बीडीएम के साथियों को पीड़िता के परिजनों ने बताया कि दबंगों और पीड़िता के परिवार के बीच जमीन को लेकर कुछ पुराना विवाद था। हालांकि वह भी पुरानी बात थी, अभी कोई विवाद नहीं था।
पुलिस अधिक्षक को दी आवेदन में पीड़िता ने कहा है, 'मेरे गांव के ही मंहदू, छोटे लाला, कुंवर बहादुर, लोथेराम, बहादुर, कामता, रम्मू, राजेश 29 जून की सुबह सात बजे मेरे घर का छप्पर फाड़ के घर में कूद गए। उस वक्त मैं घर में अकेली थी, मेरे पति एक रात पहले निमंत्रण पर कालपी गए थे।'
पीड़िता के मुताबिक, 'घर में छप्पर फाड़ के कूदे आरोपियों में से मंहदू, लोथेराम, बहादुर और छोटे लाला ने मेरा हाथ पकड़ कर बारी—बारी से बलात्कार किया। बाकि लोगों ने मेरे घर में तोड़—फोड़ और गाली गलौज की।'
तहरीर में पीड़िता आगे लिखती है, 'सामूहिक बलात्कार के बाद मुझे निर्वस्त्र छोटे लाला मेरे दरवाजे से बाहर खींचकर अपने दरवाजे तक ले गया। वहां मुझे छोड़ गांव वालों के सामने बोला कि अगर कहीं कुछ बोली तो तुम्हारे पति को जान से मार देंगे।'
इन खौफनाक स्थितियों के बावजूद पीड़िता ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई भी, लेकिन मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सब सेटल कर दिया। पर जब पीड़िता पुलिसिया कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुई तो थानेवालों ने उसे गाली देते हुए खदेड़ दिया।
अब पुलिस अधिक्षक को दिए आवेदन के बाद पीड़िता को न्याय की उम्मीद बंधी है, लेकिन पुलिस का रवैया जैसा पहले रहा है, उससे नहीं लगता कि बगैर सामूहिक आवाज और प्रयास के पुलिस इस मामले में कुछ ज्यादा करने वाली है।